डीपीएस ग्रेटर नोएडा की बस घण्टों सड़क पर खड़ी रही, ठिठुरते रहे बच्चे

घोर लापरवाही : डीपीएस ग्रेटर नोएडा की बस घण्टों सड़क पर खड़ी रही, ठिठुरते रहे बच्चे

डीपीएस ग्रेटर नोएडा की बस घण्टों सड़क पर खड़ी रही, ठिठुरते रहे बच्चे

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Greater Noida : शहर के नामचीन स्कूलों के हालात कितने खराब हैं, अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शुक्रवार की सुबह दिल्ली पब्लिक स्कूल की एक बस बीच सड़क खराब हो गई। करीब दो घंटे तक बस यूं ही सड़क पर खड़ी रही। बच्चे सड़क पर खड़े ठिठुरते रहे। अभिभावकों का कहना है कि स्कूल ने बेहद खटारा बसें बच्चों को लाने और ले जाने के लिए लगा रखी हैं। तमाम बार स्कूल मैनेजमेंट और ट्रांसपोर्टर से शिकायत कर चुके हैं, कोई सुनने के लिए तैयार नहीं है। डीपीएस स्कूल प्रबंधन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है।

क्या है मामला
डीपीएस ग्रेटर नोएडा के बस रूट नंबर एस-14 पर शुक्रवार की सुबह यह परेशानी आई है। सीनियर सिटीजन हाउसिंग कॉम्प्लेक्स के अभिभावकों ने बताया कि इस रूट की बस बेहद खटारा है। ट्रांसपोर्टर पीएस चौधरी की इस बस की हालत जर्जर है। बस चलते हुए घड़घड़ाहट की आवाज करती है। जिसे लेकर तमाम बार स्कूल मैनेजमेंट और ट्रांसपोर्ट से शिकायत की जा चुकी है। शुक्रवार की सुबह बस हाउसिंग सोसायटी के सामने पहुंची और खराब हो गई। इस रूट की बस सीनियर सिटीजन हाउसिंग सोसायटी और एनटीपीसी हाउसिंग सोसायटी के रहने वाले बच्चों को स्कूल ले कर जाती है। सुबह 7:30 बजे बस को सीनियर सिटीजन सोसाइटी पहुंचना होता है। शुक्रवार की सुबह 7:30 से लेकर 9:00 बजे तक बच्चे सड़क पर खड़े बस का इंतजार करते रहे। खराब बस यथार्थ अस्पताल के गोल चक्कर पर खड़ी रही। अभिभावकों का कहना है कि इस बारे में स्कूल मैनेजमेंट और ट्रांसपोर्टर को फोन किया गया। किसी ने फोन नहीं उठाया और जवाब भी नहीं दिया।

भीषण ठंड में सड़क पर खड़े रहे बच्चे
अभिभावकों का कहना है कि सुबह ठिठुरती ठंड पड़ रही थी और करीब 50 बच्चे 2 घंटे तक सड़क पर खड़े रहे। इस दौरान अभिभावकों ने डीपीएस स्कूल के रिसेप्शन पर बार-बार कॉल की। किसी ने फोन नहीं उठाया। जब फोन उठाया तो कहा गया कि ट्रांसपोर्ट से सीधे बात कीजिए। ट्रांसपोर्टर से बात करने पर उन्होंने स्कूल मैनेजमेंट से बात करने के लिए कह दिया। अभिभावकों का कहना है कि 2 घंटे सड़क पर खड़े रहना पड़ा है। दो घण्टों में भी स्कूल मैनेजमेंट और ट्रांसपोर्टर अल्टरनेटिव बस का इंतजाम नहीं कर सके। बस को सड़क पर ही ठीक करवाया गया और उसके बाद 9:00 बच्चों को लेकर स्कूल पहुंचाया।

कई बच्चों का प्री-बोर्ड एग्जाम छूटा
अभिभावकों ने बताया कि कई बच्चों का आज प्री-बोर्ड एग्जाम था। उन बच्चों का एग्जाम छूट गया है। कई अभिभावक आनन-फानन में घर पहुंचे। बच्चों को पर्सनल कन्वेंस से स्कूल लेकर गए। अभिभावकों का कहना है कि सुबह 2 घंटे से ज्यादा वक्त तक अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। इस दौरान डीपीएस स्कूल मैनेजमेंट ने किसी तरह का रिस्पांस नहीं दिया। अभिभावकों का कहना है कि वक्त से पहले ट्रांसपोर्ट फीस वसूल कर ली जाती है, लेकिन बेहद खटारा बसें बच्चों को लाने और ले जाने के लिए लगा रखी हैं। इस खराब बस को लेकर पिछले एक साल से शिकायत कर रहे हैं। ड्राइवर से बात करते हैं। वह स्कूल से बात करने के लिए कहता है और स्कूल से बात करते हैं तो वह ट्रांसपोर्ट से बात करने के लिए कहता है। अभिभावकों कहना है कि ट्रांसपोर्टर डीपीएस स्कूल का वेंडर है। यह जिम्मेदारी पूरी तरह स्कूल की है। उन्होंने खराब बस रूट पर क्यों लगा रखी है?

डीएम और डीआईओएस से करेंगे शिकायत
अभिभावकों का कहना है कि खटारा ट्रांसपोर्ट की वजह से शहर में लगातार हादसे हो रहे हैं। इसके बावजूद डीपीएस स्कूल मैनेजमेंट गंभीर नहीं है। अब इस मामले को लेकर जिलाधिकारी सुहास एलवाई और जिला विद्यालय निरीक्षक धर्मवीर सिंह से शिकायत की जाएगी। एआरटीओ से भी जानकारी मांगेंगे कि आखिर इन बसों को कैसे फिटनेस सर्टिफिकेट दिया गया है। इस पूरे प्रकरण को लेकर दिल्ली पब्लिक स्कूल से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है। स्कूल मैनेजमेंट का जवाब आने पर खबर को अपडेट किया जाएगा।

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