Greater Noida : उत्तर प्रदेश में तबादलों को लेकर घमासान छिड़ा है। राज्य मंत्री और कैबिनेट मंत्री सरकार छोड़कर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तबादलों को लेकर कठोर आदेश जारी कर रहे हैं। राज्य की तबादला नीति में तमाम कड़े नियम-कायदे जोड़े गए हैं। लेकिन सवाल यह उठता है, ऐसी कड़ी तबादला नीति का क्या फायदा जिसके जरिए जारी आदेशों का 4 वर्षों में भी पालन नहीं किया गया। शायद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा पर ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण का एक मैनेजर भारी है। अथॉरिटी के हेल्थ डिपार्टमेंट में कार्यरत मैनेजर डॉ.उमेश चंद्र का तबादला साल 2018 में ही कर दिया गया था। तबादला हुए 4 साल बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक उमेश चंद्र को अथॉरिटी से कार्यमुक्त ही नहीं किया गया है।
4 साल पहले हुआ था डॉक्टर उमेश चंद्रा का तबादला
उमेश चंद्रा का तबादला साल 2018 में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) कानपुर मुख्यालय किया गया था। उस वक्त हुए तबादलों में से अधिकांश लोगों ने अपनी-अपनी जगह नए दायित्व संभाल लिए। उमेश चंद्रा को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से कार्यमुक्त नहीं किया गया। करीब 4 वर्षों से तबादला होने के बावजूद वह ग्रेटर नोएडा में ही जमे हुए हैं। बड़ी बात यह है कि उनके पास हेल्थ डिपार्टमेंट में ग्रामीण इलाकों की सफाई से जुड़ी जिम्मेदारी है। जिसके काम को लेकर गांव वाले लगातार शिकायत कर रहे हैं। लोगों का आरोप है कि गांवों में सफाई व्यवस्था पूरी तरह चौपट है। कुल मिलाकर रसूख के बल पर मैनेजर उमेश चंद्र 4 साल पहले तबादला होने के बावजूद ग्रेटर नोएडा में डेरा डालकर पड़े हैं। बहुजन समाज पार्टी के शासनकाल में हुए हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट के घोटाले में भी उमेश चंद्र का नाम आया था।
क्या कहती है सरकार की तबादला नीति
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने 15 जून 2022 को नई तबादला नीति जारी की। जिसके मुताबिक स्थानांतरित कार्मिकों को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त करने का आदेश दिया है। इतना ही नहीं मुख्य सचिव ने तबादला नीति में साफतौर पर लिखा है कि स्थानांतरण आदेश में मौजूदा पद से कार्यभार छोड़ने और नए पद पर कार्यभार ग्रहण करने की तारीख लिखी जाएगी। विभागाध्यक्ष तबादला आदेश मिलने के बाद तत्काल कार्मिकों को कार्यमुक्त कर देंगे। अगर स्थानांतरित कार्मिक निर्धारित समय में कार्यमुक्त नहीं किया गया तो इसे अनुशासनहीनता माना जाएगा। जो अधिकारी स्थानांतरण आदेश का पालन नहीं करेंगे और कार्मिकों को कार्यमुक्त नहीं करेंगे, उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की जाएगी।
तबादला नीति के मुताबिक अगर स्थानांतरित किया गया कार्मिक नए पद पर समय के अंतर्गत कार्यभार ग्रहण नहीं करता तो उसे स्वतः कार्यमुक्त मान लिया जाएगा। अगर स्थानांतरित कार्मिक नए तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण नहीं करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं मुख्य सचिव ने साफतौर पर तबादला नीति में लिखा है कि स्थानांतरित कार्मिक अगर तबादले को रोकने के लिए कोई प्रत्यावेदन देगा या किसी सरकारी सेवक पर दबाव डलवाने की कोशिश करेगा तो उसके इस आचरण को सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली-1956 के नियम-27 का उल्लंघन माना जाएगा। सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली-1999 के तहत निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। कार्यभार नहीं छोड़ने वाले कर्मचारी का वेतन रोक दिया जाएगा।
कार्यमुक्त अफसर ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में कर रहे काम
नए तबादला आदेश के तहत ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में 28 अधिकारियों और कार्मिकों के तबादले किए गए हैं। इनमें से 22 को कार्यमुक्त कर दिया गया है। बड़ी बात यह है कि अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमनदीप दुली ने जिन 22 अफसरों और कर्मचारियों को कार्य मुक्त किया है, उनमें से भी कई लोग अभी प्राधिकरण में ही बैठे हुए हैं। 20 जुलाई को कार्यमुक्त होने वाले अफसर गुरुवार को भी ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में काम करते हुए देखे गए हैं। इस बारे में एसीईओ अमनदीप दुली का कहना है, "पहले या अब स्थानांतरित हुए सभी कार्मिकों का कार्यमुक्त किया जा रहा है। नए आदेश के तहत स्थानांतरित हुए 21 कार्मिकों को कार्यमुक्त कर दिया है। जरूरी सेवाओं से जुड़े केवल 7 कार्मिक अभी कार्यमुक्त नहीं किए गए हैं।"
ये अफसर हुए कार्यमुक्त
श्यौदान सिंह वरिष्ठ प्रबंधक
ब्रह्म सिंह प्रबंधक
सुभाष चंद्रा प्रबंधक
मनोज कुमार प्रबंधक
अख्तर अब्बास जैदी सहायक प्रबंधक
सुभाष कुमार सहायक प्रबंधक
पंकज तिवारी सहायक प्रबंधक
सीके त्रिपाठी उप महाप्रबंधक
सुमन भंडारी प्रबंधक
प्रबुद्ध गौतम प्रबंधक
जगदीश चंद्र लोबियाल प्रबंधक
खान बसी प्रबंधक
कैलाश चंद्र भाटी प्रबंधक
महेंद्र पाल सिंह लेखाकार
टेकचंद कनिष्ठ सहायक
सुदेश कुमार पाठक कनिष्ठ सहायक
मोईन अहमद कनिष्ठ सहायक
मुनीश कुमार कनिष्ठ सहायक
राजीव कुमार वरिष्ठ प्रबंधक (पूर्व में स्थानांतरित)