ड्रोन ने दिल्ली से ग्रेटर नोएडा पहुंचाया 10 बोतल ब्लड, पहला ट्रायल सफल

Good News : ड्रोन ने दिल्ली से ग्रेटर नोएडा पहुंचाया 10 बोतल ब्लड, पहला ट्रायल सफल

ड्रोन ने दिल्ली से ग्रेटर नोएडा पहुंचाया 10 बोतल ब्लड, पहला ट्रायल सफल

Google image | ड्रोन द्वारा ब्लड बैग डिलिवरी

Greater Noida : भारत में टेक्नोलॉजी तेजी से बदल रही है। लोगों को हर तरह की सुविधा देने के लिए सरकार काम कर रही है। अब ड्रोन के जरिए पहली बार भारत में ब्लड बैग की डिलीवरी हुई है। ये इतिहास में पहली बार हुआ है। जब एक जगह से दूसरी जगह ब्लड पहुंचाने के लिए ड्रोन का सहारा लिया गया है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने अपनी '-DRONE' पहल के तहत ड्रोन द्वारा ब्लड बैग डिलिवरी का सफल परीक्षण किया है। दिल्ली स्थित लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज से ग्रेटर नोएडा राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में ड्रोन से 10 यूनिट खून भेजा गया।

अब ड्रोन के जरिए होगी डिलीवरी
आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल डॉ.राजीव बहल ने बताया कि कोविड 19 महामारी के दौरान पहली बार आई ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था, उस समय दूर-दराज के क्षेत्रों में ड्रोन के जरिए वैक्सीन पहुंचाई गई। अब ब्लड डिलिवरी के लिए भी इसका प्रयोग शुरू किया गया है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में तकनीक और नए प्रयोगों को शामिल करने की इस अब आगे बढ़ाया जाएगा।

परीक्षण के बाद नतीजा
उन्होंने बताया कि ब्लड और ब्लड से जुड़े प्रोडक्ट कम तापमान पर रखा जाता है। परीक्षण के बाद अच्छा नतीजा सामने आया है और सामने आया है कि न केवल हम तापमान को बनाए रख सकते हैं, बल्कि ट्रांसपोर्ट किए गए प्रोडक्ट को भी कोई नुकसान नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि हमने एंबुलेंस के जरिए एक सैंपल भेजा है। उसके बाद ड्रोन के जरिए भेजे गए सैंपल से मिलान किया जाएगा।

ब्लड को जल्दी पहुंचाने में मिलेगी मदद : डॉ.राकेश गुप्ता
बता दें क इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च, राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और जेपी इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नॉलजी के सहयोग से गुणवत्ता के सत्यापन के लिए ड्रोन प्रकिया को शुरू किया गया। राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक ब्रिगेडियर डॉ.राकेश गुप्ता ने बताया कि इस अध्ययन से दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में रक्त और ब्लड उत्पादों के समय पर पहुंचाने में मदद मिलेगी। आपात स्थिति में मरीज को जल्द से जल्द ब्लड की जरूरत होती है और ड्रोन के जरिए अब एक अस्पताल से दूसरी जगह ब्लड आसानी से कम समय में पहुंचाया जा सकेगा।

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