कर्मचारियों का पासवर्ड बंद, लेकिन फिर आ रहे दफ्तर, सैलेरी के साथ रिश्वत में भी बंट रहा हिस्सा

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में फर्जी नियुक्तियां : कर्मचारियों का पासवर्ड बंद, लेकिन फिर आ रहे दफ्तर, सैलेरी के साथ रिश्वत में भी बंट रहा हिस्सा

कर्मचारियों का पासवर्ड बंद, लेकिन फिर आ रहे दफ्तर, सैलेरी के साथ रिश्वत में भी बंट रहा हिस्सा

Tricity Today | फर्जी नियुक्ति घोटाला

Greater Noida News : फर्जी नियुक्ति घोटाले में निकाले गए कर्मचारी अभी भी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अलग-अलग विभागों में काम कर रहे हैं। हालांकि, ट्राईसिटी टुडे में खबर प्रकाशित होने के बाद इन कर्मचारियों का लॉगिंग पासवर्ड बंद कर दिया गया है, लेकिन अब यह कर्मचारी बिना पासवर्ड के ही अपने विभाग में मैनेजर के साथ काम कर रहे है। 

काम करते हुए की वीडियो भी सामने आई
ग्रेटर नोएडा अथाॅरिटी के डिवीजन-3 में सोनू पाठक नामक कर्मचारी की काम करते हुए वीडियो सामने आई है। वहीं, लविश और हर्ष मौर्य टेक्निकल विभाग में काम कर रहे है। इसके अलावा प्राॅजेक्ट विभाग, प्राॅपटी विभाग, छह प्रतिशत आबादी, बिजली विभाग और प्लानिंग विभाग समेत कई विभागों में कर्मचारी काम कर रहे हैं। कई मैनेजर ने तो खुद अपने कर्मचारी रखे हुए है। यह मैनेजर अपने पास से इन कर्मचारियों को वेतन के अलावा रिश्वत की रकम भी आपस में बांट लेते हैं।

कई विभागों में काम कर रहे कर्मचारी
प्राॅपटी विभाग में तो अपने आपको एंप्लाईज एसोसिएशन का महासचिव बताने वाले प्राॅपटी के मैनेजर ने खुद का अलग से अपने साथ कर्मचारी रखा हुआ है। बताया जाता है कि यह कर्मचारी प्राॅपटी मैनेजर के कंप्यूटर पर प्लाॅट के ट्रासंफर समेत मोरगेज की तमाम काम करता है। इसी तरह बाकी विभागों में भी अथाॅरिटी में कई कर्मचारी काम कर रहे हैं।

क्या है मामला
दरअसल, बादलपुर गांव के रहने वाले राजेंद्र सिंह ने करीब 4 महीने पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र भेजा था। मेरठ के रहने वाले नीलकमल ने प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत की थी। प्राधिकरण में नौकरी के लिए आवेदन करने वाले युवक आकाश त्यागी ने भी मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत की थी। राजेंद्र सिंह ने बताया था कि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में 70 लोगों को अवैध रूप से भर्ती किया गया है। इनमें 35 लोगों की भर्ती प्लेसमेंट पर एजेंसियों के माध्यम से की गई है और 35 लोगों की भर्ती संविदा के आधार पर की गई है। राजेंद्र सिंह, नीलकमल और आकाश त्यागी की शिकायतों के आधार पर ट्राईसिटी टुडे ने इस मामले में छानबीन की। जिसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में अपने रिश्तेदारों और फर्जीवाड़े के बूते नौकरियां हासिल करने वाले 49 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रेरणा शर्मा की रिपोर्ट आने के बाद इन सभी पर गाज गिरी है।

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