Greater Noida News : यमुना विकास प्राधिकरण ने नौ गांवों में खरीदी जमीन का दाखिल-खारिज कराने की तैयारी कर ली है। यह जमीन काफी समय पहले खरीदी गई थी, जिसका किसानों को मुआवजा भी दिया जा चुका है, लेकिन रजिस्ट्री के बाद दाखिल-खारिज न होने से किसान जमीन का प्रयोग कर रहे हैं। कई किसानों ने तो प्राधिकरण की जमीन पर लोन भी ले लिया है। वहीं, कई जगहों पर जमीन बेचने की भी शिकायतें मिल रही है।
नाम ट्रांसफर न होने का फायदा उठाया
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि विकास परियोजनाओं के लिए काफी समय पहले प्राधिकरण ने किसानों की सहमति से सीधे जमीन खरीदी थी। उस दौरान जमीन की दाखिल-खारिज नहीं हो सकी थी। जिसके चलते जमीन खतौनी में किसानों के नाम पर ही रही। सैकडों किसानों ने इस अवसर का फायदा उठाते हुए जमीन बेचने के नाम पर लोगों से बयाने के रूप में लाखों रुपये हड़प लिए।
फर्जी कागजात के साथ बैंक से लोन
साथ ही सैकड़ो किसानों ने जमीन के फर्जी कागजात तैयार कराकर बैंक से लोन भी पास करा लिया है। जिससे बैंकों को लाखों रुपये की चपत लग गई है। अब बैंकों को लोन के रूप मे दी रकम की रिकवरी करने में परेशानियां आ रही है। इसकी शिकयत कई लोगों ने यमुना प्राधिकरण पहुंचकर की। मामले का संज्ञान लेते हुए प्राधिकरण ने जिस जमीन का दाखिल खारिज नहीं हुआ है।
तीस दिन में होगा दाखिल-खारिज
अब ऐसी सभी जमीनों के दाखिल-खारिज 30 दिन में कराने के आदेश दिए हैं। खतौनी से किसानों के नाम हटकर प्राधिकरण के नाम जमीन आने पर किसान जमीन से लोन नहीं ले पाएंगे। साथ ही जमीन बेचने के नाम पर भी लोगों से ठगी रुकेगी। वहीं, सीईओ का कहना है कि जिन किसानों ने जमीन प्राधिकरण को बेच दी और अब उन्होंने उसी जमीन पर बैंक से लोन भी ले लिया। ऐसे कसानों पर मुकदमे दर्ज कराए जाएंगे।
--- किस गांव में कितने दाखिले खारिज होंगे
गांव बैनामों की संख्या
मोहम्दाबाद खेड़ा 102
दयानतपुर 06
भाईपुर ब्रहमनान 32
कुरैब 69
तिरथली 282
महमूदपुर 24
धनौरी 13
धनपुरा 10
खेरली भाव 05