बैखौफ भूमाफिया पुरुषोत्तम दास अग्रवाल ने फिर शुरू करवाया अवैध निर्माण, हाथ पर हाथ धरकर बैठी अथॉरिटी

Greater Noida : बैखौफ भूमाफिया पुरुषोत्तम दास अग्रवाल ने फिर शुरू करवाया अवैध निर्माण, हाथ पर हाथ धरकर बैठी अथॉरिटी

बैखौफ भूमाफिया पुरुषोत्तम दास अग्रवाल ने फिर शुरू करवाया अवैध निर्माण, हाथ पर हाथ धरकर बैठी अथॉरिटी

Tricity Today | Purushottam Estate

Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा के धूममानिकपुर गांव में पुरुषोत्तम एस्टेट के नाम से अवैध टाउनशिप बसा रहा है। भूमाफिया पुरुषोत्तम दास अग्रवाल ने एकबार फिर जोर शोर से अवैध निर्माण शुरू कर दिया है। भूमाफिया बेखौफ है और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी हाथ पर हाथ धरकर बैठी हुई है। दरअसल, भूमाफिया ने गौतमबुद्ध नगर सिविल कोर्ट से एक स्थगनादेश लिया है। जिसकी आड़ में वह अवैध टाउनशिप में जोर-शोर से निर्माण करवा रहा है। दूसरी तरफ ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने इस स्थगनादेश को खत्म करवाने के लिए अभी तक प्रक्रिया भी शुरू नहीं की है।

25 अप्रैल को भूमाफिया कोर्ट से स्टे आर्डर ले आया
नोएडा अथॉरिटी की ओर से धारा-10 के तहत दिए गए नोटिस के मुताबिक 25 अप्रैल को पुरुषोत्तम एस्टेट का अवैध निर्माण ध्वस्त किया जाना था।  प्राधिकरण ध्वस्तीकरण की तैयारी कर रहा था। इसी बीच भूमाफिया गौतमबुद्ध नगर सिविल कोर्ट पहुंचा। पुरुषोत्तम दास अग्रवाल की एप्लीकेशन पर सिविल जज (जूनियर डिविजन) वंदना अग्रवाल ने स्टे आर्डर पारित कर दिया। जिसमें प्राधिकरण को आदेश दिया गया कि किसी भी तरह की दखलअंदाजी ना करें। इतना ही नहीं पुरुषोत्तम दास अग्रवाल को निर्माण करने की भी छूट दी गई। यह स्थगनादेश देने से पहले अदालत ने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को नहीं सुना। जबकि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के 18 अप्रैल वाले नोटिस को ही आधार बनाकर यह आदेश दिया गया है। 

9 मई को प्राधिकरण ने कोर्ट में पक्ष नहीं रखा
अदालत ने अस्थाई स्थगनादेश देते वक्त मामले में सुनवाई की तारीख 9 मई नियत की थी। उसी दिन नोएडा अथॉरिटी से अपना पक्ष रखने को कहा था। उस दिन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखना था, लेकिन 9 मई को अथॉरिटी की ओर से कोई अदालत में हाजिर नहीं हुआ।  लिहाजा, यह स्थगनादेश बदस्तूर जारी है। जिसकी आड़ में भूमाफिया बड़े पैमाने पर निर्माण कर रहा है। कुल मिलाकर प्राधिकरण हाथों पर हाथ धरकर बैठा है। अथॉरिटी के महाप्रबन्धक एके अरोड़ा ने कहा, "स्टे ऑर्डर केवल हमारे लिए नहीं है, यह पुरुषोत्तम दास और उसकी कम्पनी के खिलाफ भी है। अवैध निर्माण की जानकारी अदालत को देंगे।" प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी दीपचंद ने कहा, "मैं विधि विभाग से बात करूंगा। पुरुषोत्तम दास अग्रवाल के स्टे ऑर्डर को वैकेट करवाने के लिए अदालत में सारे तथ्य रखे जाएंगे। इस अवैध टाऊनशिप और इसे बसने वाले भूमाफिया पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"

क्या है पूरा मामला
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अधिसूचित गांव धूम मानिकपुर के पास करीब 65,000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में पुरुषोत्तम एस्टेट नाम की कॉलोनी बसाई जा रही है। यह जमीन पुरुषोत्तम दास इंडस्ट्रीज और कई अन्य लोगों के नाम है। यहां कॉलोनी बसाने के लिए कंपनी ने कोई अनुमति नहीं ली है। कॉलोनी का नक्शा पास नहीं करवाया है। भोले-भाले लोगों को झूठी जानकारी देकर महंगी कीमत पर प्लॉट बेचे जा रहे हैं। इस कॉलोनी में प्लॉट की कीमत ₹28,000 वर्ग गज से लेकर ₹44,000 वर्ग गज तक है। आम आदमी को झांसा देने के लिए गाजियाबाद से दादरी और सिकंदराबाद तक नेशनल हाईवे पर प्रचार के होर्डिंग लगाए गए हैं। लोगों को बताया जाता है कि यह जमीन फ्रीहोल्ड है। इस पर ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण, जिला पंचायत, गौतमबुद्ध नगर, जिला प्रशासन या दादरी नगरपालिका का कोई हस्तक्षेप नहीं है। इतना ही नहीं यह कॉलोनी बसाने के लिए उत्तर प्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) में कोई रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया गया है। पूरी तरह अवैध निर्माण है।

विकास प्राधिकरण ने अवैध कॉलोनी घोषित की
'ट्राईसिटी टुडे' ने 18 अप्रैल को पुरुषोत्तम एस्टेट पर विस्तृत समाचार प्रकाशित किया था। जिसके बाद ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने जांच-पड़ताल शुरू की। अथॉरिटी के इंजीनियरों की एक टीम मौके पर पहुंची। अवैध निर्माण पर रिपोर्ट तैयार करके उच्चाधिकारियों को भेजी। रिपोर्ट के आधार पर अथॉरिटी के महाप्रबंधक ने कार्रवाई करने का आदेश दिया। जिस पर अमल करते हुए वर्क सर्किल-2 के सीनियर मैनेजर सौदान सिंह ने 20 अप्रैल को नोटिस जारी हुआ। जिसमें कहा गया है, "आपके द्वारा अथॉरिटी के अधिसूचित इलाके में अवैध निर्माण किया जा रहा है। इस अवैध निर्माण की वजह से ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण का नियोजन प्रभावित हो रहा है। लिहाजा, अवैध निर्माण तत्काल बंद कर दिया जाए। अब तक किए गए अवैध निर्माण को अगले 7 दिनों में हटा लें। अगर यह अवैध निर्माण नहीं हटाया गया तो प्राधिकरण अपने स्तर पर अवैध निर्माण को हटाने के लिए कार्यवाही करेगा। जिससे होने वाले नुकसान और खर्चे की जिम्मेदारी आपकी होगी।"

28 अप्रैल को भूमाफिया घोषित हुआ पुरुषोत्तम
ग्रेटर नोएडा ऑथोरिटी के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी दीपचंद की सिफारिश पर गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने पुरुषोत्तम दास अग्रवाल को भूमाफिया घोषित किया। दरअसल, इस कॉलोनी में सरकारी जमीन पर भी कब्जा किया गया है। जिसके खिलाफ स्थानीय लोगों ने शिकायत की। ग्राम सभा की ओर से एक मुकदमा दादरी तहसील में दायर किया गया। जिस पर दादरी के तहसीलदार ने 31 मार्च 2022 को पुरुषोत्तम दास इंडस्ट्रीज के खिलाफ एक आदेश पारित किया। जिसमें तत्काल कब्जा हटाने की बात कही गई। कंपनी पर भारी-भरकम जुर्माना भी लगाया गया। तहसीलदार का आदेश मिलने के बावजूद कंपनी ने अवैध निर्माण नहीं हटाया। जिस पर कार्रवाई करते हुए तहसील प्रशासन ने निर्माण को खुद गिराया था। अब तहसील प्रशासन ने जुर्माने का पैसा वसूलने की कार्यवाही शुरू कर दी है। धूम मानिकपुर, डेरी मच्छा और आसपास के दूसरे गांवों के निवासी इस अवैध निर्माण को लेकर लंबे अरसे से आवाज उठा रहे हैं।

12 मई को एफआईआर दर्ज करवाई गई
भूमाफिया पुरुषोत्तम दास अग्रवाल के खिलाफ ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने 12 मई को एफआईआर दर्ज करवाई है। जिसमें उस पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आपके पसंदीदा न्यूज़ पोर्टल 'ट्राईसिटी टुडे' ने यह खुलासा किया है।

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