Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा की बीटा-2 कोतवाली में M3M बिल्डर, इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस कंपनी और कदम डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। यह एफआईआर यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी की ओर से दर्ज करवाई गई है। आपको बता दें कि नोएडा के सेक्टर-128 में 73 एकड़ जमीन के अवैध हस्तानांतरण को लेकर यमुना अथॉरिटी की ओर से 3 दिन पहले गौतमबुद्ध नगर पुलिस को शिकायत दी गई थी। इस मामले में यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुणवीर सिंह ने एफआईआर दर्ज करवाने का आदेश दिया था।
किन पर और किन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा
पुलिस ने अधिकारी की शिकायत के आधार पर इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड, एम3एम कंपनी, मैसर्स कदम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और मैसर्स बीकन ट्रस्टीशिप लिमिटेड के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इन सभी लोगों के खिलाफ धारा संख्या 420, 467, 468, 471 और 120बी के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है।
73 एकड़ जमीन से जुड़ा मामला
यमुना एक्सप्रेसवे का निर्माण करने के लिए अथॉरिटी ने जेपी इंफ्राटेक कंपनी को 5 स्थानों पर 2,500 हेक्टेयर जमीन दी थी। इसमें से 500 हेक्टेयर जमीन नोएडा शहर में एक्सप्रेसवे के किनारे पर दी गई है। सेक्टर-128 में जेपी समूह ने 73 एकड़ जमीन कदम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी को बेची थी। बाद में इस जमीन को गिरवी रखने के लिए प्राधिकरण से अनुमति ली गई थी। यह जानकारी यमुना अथॉरिटी के सहायक प्रबंधक बृजेश कुमार कश्यप ने गौतमबुद्ध नगर की बीटा-2 थाना पुलिस को दी।
पुलिस को शिकायत में यह भी बताया
बृजेश कुमार कश्यप ने पुलिस को शिकायत देते हुए कहा था, "प्राधिकरण ने कुछ शर्तों के साथ अपने हितों को सुरक्षित रखते हुए जमीन गिरवी रखने का अनुमति पत्र जारी किया था। जिसमें दो महत्वपूर्ण शर्ते हैं। पहली शर्त यह है कि प्राधिकरण की बकायदारी गिरवी और बिक्री के बावजूद सुरक्षित रहेगी। दूसरी शर्त के मुताबिक अगर जमीन का आवंटन किसी को प्लीज ट्रांसफर करता है तो पहले प्राधिकरण से अनुमति लेनी पड़ेगी।
बृजेश कुमार ने की थी कानूनी कार्रवाई की मांग
बृजेश कुमार कश्यप ने शिकायत में बताया था, "प्राधिकरण को जानकारी मिली कि इस जमीन को कदम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड में इंडिया बुल्स को ट्रांसफर किया है। इसके बाद इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस कंपनी ने जमीन एम3एम बिल्डर को बेच दी है।" यह पूरी जानकारी प्राधिकरण को गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में शिप्रा समूह की ओर से दर्ज करवाई गई एफआईआर के बाद सामने आई है। प्राधिकरण की अनुमति लिए बिना और जरूरी जानकारियों को छिपाकर इन कंपनियों ने जमीन का स्थानांतरण किया है। इससे विकास प्राधिकरण के हित सुरक्षित हो गए हैं। बृजेश कुमार कश्यप ने बिल्डर कदम प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके कानूनी कार्रवाई करने की मांग की थी।
गाजियाबाद में 18 निदेशकों पर एफआईआर दर्ज
आपको बता दें कि गाजियाबाद के शिप्रा समूह ने इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस कंपनी एम3एम बिल्डर और कई कंपनियों के 18 निदेशकों के खिलाफ 5 दिन पहले इंदिरापुरम थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी। जिसमें बताया गया है कि नोएडा के सेक्टर-128 में कदम प्रॉपर्टी के पास 73 एकड़ जमीन थी। समूह और कदम समूह ने अपने दिल्ली-एनसीआर में अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस कंपनी से लोन लिया था। इसके लिए सेक्टर-128 वाली 73 एकड़ जमीन को गिरवी रखा था। इंडिया बुल्स और एम3एम बिल्डर ने धोखाधड़ी जालसाजी और साजिश करके उस जमीन को हड़प लिया है। कदम समूह के शेयर को इंडिया बुल्स कंपनी ने गैरकानूनी ढंग से एम3एम बिल्डर को बेच दिया है। इस मामले को लेकर शिप्रा समूह ने गाजियाबाद के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में शिकायत दी थी। डीएम ने मामले में इंदिरापुरम थाने को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। गाजियाबाद पुलिस ने इन कंपनियों के 18 निदेशकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। अब यमुना अथॉरिटी ग्रेटर नोएडा में दूसरी एफआईआर दर्ज करवाई है।