Greater Noida : गलगोटिया विश्वविद्यालय में "आर्ट ऑफ़ लिविंग" संस्था द्वारा आयोजित चार दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का समापन हुआ। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षकों को सुदर्शन क्रिया, अनुलोम-विलोम और प्राणायाम जैसी तकनीकों का गहन प्रशिक्षण दिया गया।
इनका रहा योगदान
प्रतिभागियों ने इस अनुभव को अद्भुत और अलौकिक बताया। उनका कहना था कि आर्ट ऑफ़ लिविंग में जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की अद्भुत क्षमता है। साथ ही, श्वसन तकनीक, ध्यान, योग और दैनिक जीवन के लिए व्यावहारिक ज्ञान पर भी चर्चा की गई। कार्यक्रम में आर्ट ऑफ़ लिविंग के वरिष्ठ प्रशिक्षक अखिलेश परमाणु, डॉ. साधना, सविता शर्मा, राजेश मथुर, नीति श्रीवास्तव और श्रुति ने अपना योगदान दिया।
गलगोटिया विश्वविद्यालय के सीईओ डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने कहा कि यह कार्यक्रम न केवल शिक्षकों के व्यक्तिगत विकास के लिए महत्वपूर्ण था, बल्कि इसने भारतीय संस्कृति और आधुनिक शिक्षा प्रणाली के बीच एक सेतु का काम भी किया। आर्ट ऑफ लिविंग हमें जीवन जीने की कला सिखाता है। आज के तनावपूर्ण जीवन में यह योग और जीवनशैली में बदलाव के माध्यम से राहत प्रदान करता है। उन्होंने इसे भारतीय संस्कृति की एक महान विद्या बताया।