Greater Noida News : इस दिवाली एक बार फिर ग्रेटर नोएडा के करीब 0 हजार लोगों का सपना टूट गया है। लम्बे समय से इंतजार करने के बाद इस बार भी इन लोगों की आंखों में आंसू हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र के लगभग 27 बिल्डर प्रोजेक्टों में करीब 30 हजार घर खरीदारों का इंतजार और लंबा हो गया है। न्यायालय से स्टे मिलने के कारण इन प्रोजेक्ट्स में खरीदारों को न तो पजेशन मिल पा रहा है और न ही रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी हो पा रही है। अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों के बाद इन खरीदारों को घर मिलने की उम्मीद जगी थी, लेकिन अब कानूनी अड़चनों के कारण एक बार फिर उनका सपना अधूरा रह गया है।
22 प्रोजेक्ट ने कोर्ट से स्टे ले रखा है
ग्रेटर नोएडा में 98 बिल्डर प्रोजेक्ट अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों पर आधारित नीति के दायरे में आते हैं। इनमें से 58 बिल्डरों ने 25 प्रतिशत तक का बकाया जमा कर दिया है। जबकि 13 बिल्डर अपने शत-प्रतिशत बकाया का भुगतान कर चुके हैं, लेकिन 27 ऐसे प्रोजेक्ट हैं जिन्होंने अभी तक 25 प्रतिशत का बकाया भी नहीं चुकाया है। इनमें से 22 प्रोजेक्ट ने कोर्ट से स्टे ले रखा है। जिससे प्राधिकरण इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकता। जबकि बाकी 5 बिल्डरों के खिलाफ प्राधिकरण ने बकाया वसूली के लिए कार्रवाई की तैयारी की है।
करीब 30,477 फ्लैट्स की रजिस्ट्री हो चुकी
इन सभी परियोजनाओं में कुल 62,912 फ्लैट्स हैं। जिनमें से 38,661 फ्लैट्स के लिए कार्यपूर्ति प्रमाणपत्र (ओसी) जारी किया गया है और उनमें से 30,477 फ्लैट्स की रजिस्ट्री हो चुकी है। बाकी फ्लैट्स के लिए मार्च 2025 तक रजिस्ट्री का लक्ष्य निर्धारित है, लेकिन अदालत के स्टे के कारण लगभग 30 हजार खरीदारों के घर अधर में फंसे हुए हैं। प्राधिकरण ने हाल ही में बकाया न चुकाने वाले 5 बिल्डरों को 25 प्रतिशत राशि जमा करने का नोटिस भी जारी किया है। अधिकारियों का कहना है कि यदि यह बिल्डर निर्धारित समय तक बकाया नहीं चुकाते हैं तो उनके आवंटन को रद्द करने की कार्रवाई भी की जा सकती है।