Tricity Today | गलगोटियास यूनिवर्सिटी में बोले जीसी मुर्मू
Greater Noida News : भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) जीसी मुर्मू ने कहा कि नैतिकता जीवन का अहम विचार है। इसके बिना खुद के साथ राष्ट्र और समाज का विकास संभव नहीं है। नैतिकता हर सुख-दुख में मददगार होती है। इसलिए नैतिकता की अनदेखी नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि नैतिकता सभ्यतागत पहचान है। किसी भी समाज, किसी भी समुदाय, किसी भी राज्य और किसी भी राष्ट्र के लिए नैतिकता बेहद अहम है।
सामाजिक मूल्यों से सीखी जा सकती है नैतिकता
गलगोटियास यूनिवर्सिटी में एथिकल ऑडिट विषय पर आयोजित व्याख्यान में सीएजी जीसी मुर्मू ने कहा कि जीवन में नैतिकता कानूनी, सामाजिक और नैतिक रूप से भी हमारी जिम्मेदारी है। हमें इस बात का हमेशा अपने नैतिक कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि यहां आप छात्र होने के नाते, विभिन्न पाठ्यक्रमों का अध्ययन करके डिग्रियां हासिल कर रहे हैं। आपकी शिक्षा में भी नैतिकता होनी चाहिए, क्योंकि नैतिकता के लिए नेतृत्व की आवश्यकता होती है। इसके लिए मूल्यों की जरूरत है। नैतिकता पारिवारिक मूल्यों और संस्थागत नेतृत्व में सामाजिक मूल्यों से सीखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि चाहे निजी क्षेत्र हो या सार्वजनिक, नैतिकता का योगदान हर जगह बेहद अहम होता है। नैतिकता ही हर सुख-दुख में मददगार होती है। इसलिए नैतिकता की अनदेखी नहीं की जा सकती। जीसी मुर्मू ने कहा कि नैतिकता एक सभ्यतागत पहचान है। किसी भी समाज, किसी भी समुदाय, किसी भी राज्य और किसी भी राष्ट्र के लिये नैतिकता बेहद अहम है।
एथिकल ऑडिट के क्षेत्र में जीसी मुर्मू का अहम योगदान
गलगोटियास यूनिवर्सिटी के चांसलर के सलाहकार और पूर्व आईएएस अधिकारी डॉ. प्रभात कुमार ने एथिकल ऑडिट के क्षेत्र में जीसी मुर्मू के योगदान की विस्तार से जानकारी दी। विश्वविद्यालय के चांसलर सुनील गलगोटिया ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। वॉइस चांसलर डॉ. के. मल्लिकार्जुन बाबू ने भी नैतिकता की अवधारणा की विस्तार से चर्चा करते हुए एथिकल ऑडिट विषय की जानकारी दी।
जीवन में नैतिकता बेहद जरूरी
विश्वविद्यालय के सीईओ डा. ध्रुव गलगोटिया ने कहा कि हम सभी के जीवन में नैतिकता का होना बेहद आवश्यक है। विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ़ बिज़नेस की डीन डा. सीमा गुप्ता ने कहा कि हमें चाहिए कि हम जो कुछ भी करें, उसमें ईमानदारी और नैतिकता जरूर होनी चाहिए। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ।