शहर की सफाई के लिए अभी तक नहीं हुआ कंपनी का चयन, सेक्टरों और गांवों का बुरा हाल

ग्रेटर नोएडा : शहर की सफाई के लिए अभी तक नहीं हुआ कंपनी का चयन, सेक्टरों और गांवों का बुरा हाल

शहर की सफाई के लिए अभी तक नहीं हुआ कंपनी का चयन, सेक्टरों और गांवों का बुरा हाल

Tricity Today | Greater Noida Authority

ग्रेटर नोएडा : सेक्टरों और गांवों की सफाई के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कंपनी की तलाश कर रहा है। प्राधिकरण ने इसके लिए टेंडर निकाले थे, लेकिन प्रीपेड मीटिंग में कंपनी ने कई सुझाव दिए हैं। टेंडर में अब इन सुझावों को शामिल करते हुए आवेदन करने की अंतिम तिथि बढ़ा दी गई है। अब कंपनियां 27 जुलाई तक आवेदन कर सकती हैं। प्राधिकरण की इस देरी के कारण शहर का बुरा हाल हुआ पड़ा है। ग्रेटर नोएडा के गांवों के गंदगी का ढेर लगा हुआ है। रास्ते और नालियां बदहाल है। 

प्राधिकरण की तरफ से हुई देरी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सेक्टरों की आंतरिक सड़कों और गांवों की सफाई के लिए कंपनियों की तलाश में है। इसके लिए प्राधिकरण ने टेंडर निकाले थे। जोन 2 और 4 के लिए निकाले गए टेंडर में आवेदन करने की अंतिम तिथि 8 जुलाई रखी गई थी। साथ ही 12 जुलाई को टेंडर खोले जाने थे। इससे पहले काम करने की इच्छुक कंपनियों के साथ प्राधिकरण ने प्रीबिड मीटिंग की। 

प्राधिकरण ने कंपनियों ने टेंडर के लिए कई बिंदु शामिल किए
इस मीटिंग में कंपनियों ने टेंडर में कई और बिंदु शामिल करने के लिए कहा गया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने कंपनियों के सुझाव को टेंडर में शामिल कर दिया है। इसके चलते टेंडर जमा करने की तिथि को और बढ़ाया गया है। कंपनियां अब 27 जुलाई तक टेंडर जमा कर सकती हैं। 29 जुलाई को कंपनी का चयन कर लिया जाएगा।

सफाई कंपनी का नहीं हुआ चयन
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा शहर की सफाई करने के लिए अभी तक कंपनी का चयन नहीं हुआ है। जिसके कारण शहर में गंदगी से बुरा हाल हुआ पड़ा है। सड़कों और नालियां टूटी पड़ी है। गांवों और सेक्टरों के बाहर कूड़े का ढेर लगा हुआ है। 

गांवों का बुरा हाल
ग्रेटर नोएडा के सुत्याना गांव के निवासी दयाचंद प्रजापति का कहना है कि उनका गांव मैन रोड पर है। जो दादरी-नोएडा को जोड़ता है। काफी बार गांव के निवासी प्राधिकरण गए और गांव में गंदगी से हो रहे बुरे हाल के बारे में बताया, लेकिन प्राधिकरण को काई असर नहीं पड़ता है। उन्होंने बताया कि गांव में तीन गलियां है। तीनों में ही बुरा हाल हुआ पड़ा है, शिविर खुले हुए है, कुड़े का ढेर लगा हुआ है। अब ग्रेटर नोएडा सिर्फ नाम का ही रह गया है। हालत काफी बुरी है।

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