पलक झपकते ही उड़ा ले जाते हैं प्राण पखेरू

गौतमबुद्ध नगर की सड़कों पर दौड़ रहे 'यमराज' : पलक झपकते ही उड़ा ले जाते हैं प्राण पखेरू

पलक झपकते ही उड़ा ले जाते हैं प्राण पखेरू

google photo | आवारा सांडों के रूप में साक्षात यमराज दौड़ रहे हैं

  • - ग्रेटर नोएडा में आवारा सांड ने ली कम्पनी कर्मचारी की जान
  • - इस साल अब तक 5 लोगों की जान गईं, दर्जनों घायल हुए हैं
  • - आवारा पशुओं के कारण जिले को सालाना करोड़ों का नुकसान
  • - बचाव के लिए विकास प्राधिकरणों के पास उपाय नहीं
     
Noida News : नोएडा और ग्रेटर नोएडा की सड़कों पर आवारा सांडों के रूप में साक्षात यमराज दौड़ रहे हैं। ये आवारा सांड आम आदमी की जान पर बन आए हैं। सोमवार की सुबह ग्रेटर नोएडा में बड़ा दर्दनाक हादसा हुआ है। एक युवा कंपनी कर्मचारी को आवारा सांड ने मौत के घाट उतार दिया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को उठाकर पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भेजा गया है। कंपनी कर्मचारी 35 साल का युवक नाइट ड्यूटी करके अपने घर वापस लौट रहा था। इसी दौरान सड़क पर खड़े आवारा सांड ने उस पर हमला किया। आपको बता दें कि गौतमबुद्ध नगर में आवारा सांडों के हमलों का इतिहास बड़ा खूनी है।

पागल सांड के हमले में 3 की मौत और 10 से ज्यादा हुए थे घायल
गौतमबुद्ध नगर के जहांगीरपुर कस्बे के पास एक पागल सांड ने 14 मार्च 2009 को कहर बरपाया था। उस दिन शाहपुर गांव में पगलाए सांड ने लोगों पर हमला कर दिया। सांड के हमले से दो महिला और एक पुरुष की मौत हो गई थी। बाद में लोगों ने पागल सांड को मार डाला था। सांड ने गांव में सबौती, ज्ञानवती, किशनलाल, किरन देवी, केडी पंडित सहित 10 लोगों को बुरी तरह घायल कर दिया था। सांड ने कई लोगों को जमीन पर पटक दिया। सांड के हमले से सबौती देवी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि ज्ञानवती की बुलंदशहर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुई थी। वहीं, किशन कुमार की दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हुई थी। गंभीर रूप से घायल कई लोगों को महीनों अस्पताल में रहना पड़ा था।

नोएडा में मीडिया हाउस के जीएम को उतारा था मौत के घाट
नोएडा की यह घटना 10 अप्रैल 2012 की है। मूलरूप से बिहार के रहने वाले संतोष चौरसिया अमेरिका से लौटे थे। वे गाजियाबाद के दिलशाद एक्सटेंशन में परिवार के साथ रहते थे। अमेरिका से नौकरी छोड़कर आए संतोष ने सेक्टर-59 में स्थित एक मीडिया हाउस में हादसे से करीब 6 महीने पहले बतौर जीएम जॉइनिंग की थी। 10 अप्रैल 2012 की शाम करीब 8:30 बजे संतोष अपने ऑफिस के दो साथियों के साथ कार से घर लौट रहे थे। रास्ते में वह सब्जी खरीदने के लिए रुके। तभी वहां लड़ रहे 2 सांडों में से एक ने उन पर हमला कर दिया। सांड ने उन्हें अपने सींग से उठाकर हवा में उछाल दिया। वह सड़क पर तेज रफ्तार से जा रही एक कार के बोनट पर जाकर गिरे। अस्पताल में उनकी मौत हो गई। संतोष के परिवार में उनकी पत्नी और छोटी एक बेटी हैं।

जारी है मौत दर मौत का सिलसिला
18 जुलाई 2022 : सुबह 6 बजे ग्रेटर नोएडा के थाना ईकोटेक-3 के इलाके में राजेंद्र (उम्र करीब 35 वर्ष) पुत्र श्री अमृतलाल मूल रूप से ग्राम सलाबल थाना सराय अकिल जिला कौशाम्बी उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। सुत्थियाना की जॉकी कंपनी से कार्यरत थे। ड्यूटी करके वापस आ रहे थे। कुलेसरा के पास सांड ने उन्हें टक्कर मार दी। राजेंद्र की मौके पर मौत हो गई।

22 फरवरी 2022 : नोएडा के बहलोलपुर गांव में रहने वाला 24 वर्षीय श्याम एक कंपनी में काम करता था। श्याम अपनी बाइक पर सवार होकर कहीं जा रहा था। उसी दौरान गढ़ी चौखंडी गांव के पास उसको एक सांड ने टक्कर मार दी। श्याम की हादसे में मौत हो गई थी।

16 अप्रैल 2022 : नोएडा के हरौला में 35 साल की ममता सब्जी लेने जा रही थीं। जैसे ही हरौला पार्क के पास पहुंची तभी पीछे से आए एक सांड ने उन्हें उठाकर पटक दिया। ममता को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती किया, लेकिन इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

28 अप्रैल 2022 : नोएडा में सलारपुर कॉलोनी में रहने वाले संजय मूलरूप से दरभंगा (बिहार) के रहने वाले थे। वह एक निजी फैक्ट्री में काम करते थे और भाजपा के बूथ अध्यक्ष थे। 14 अप्रैल की सुबह साढ़े 8 बजे फैक्ट्री जा रहे थे। तभी आपस में लड़ रहे दो सांडों ने संजय पर हमला कर दिया। वह गंभीर रूप से घायल हुए। 15 दिन बाद 28 अप्रैल को उन्होंने इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया था।

30 मई 2022 : नोएडा में हरौला गांव के निवासी युवक प्रिंस अवाना को थाना सेक्टर-20 के पास सांड ने टक्कर मार दी थी। युवक स्कूटी पर सवार होकर जा रहा था। प्रिंस की मौके पर ही मौत हो गई थी।

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