लॉजिक्स बिल्डर को अथॉरिटी देगी 60 करोड़ रुपए, जानिए पूरा मामला

यमुना प्राधिकरण को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका : लॉजिक्स बिल्डर को अथॉरिटी देगी 60 करोड़ रुपए, जानिए पूरा मामला

लॉजिक्स बिल्डर को अथॉरिटी देगी 60 करोड़ रुपए, जानिए पूरा मामला

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

Greater Noida News : यमुना प्राधिकरण को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लॉजिक्स इंफ्राबिल्ड बिल्डर मामले में सुनवाई की है। जिस पर कोर्ट ने यमुना प्राधिकरण को आदेश देते हुए कहा है कि यमुना प्राधिकरण के द्वारा लॉजिक्स इंफ्राबिल्ड बिल्डर को 43.20 करोड़ रुपए ब्याज सहित वापस दिए जाएंगे। यह पैसा टाउनशिप विकसित करने के लिए आवंटित अधूरी भूमि को सरेंडर करने के बावजूद जब्त कर लिया गया था।  

308.41 करोड़ रुपए में हुई थी डील
दरअसल, यमुना प्राधिकरण ने वर्ष 2011 में सेक्टर-22डी में बिल्डर को 200 एकड़ जमीन आवंटित की थी। बिल्डर ने कहा कि प्राधिकरण ने 200 एकड़ जमीन पर आवासीय टाउनशिप विकसित करने के लिए कहा था। यह भूमि प्राधिकरण के पास है। बिल्डर को यह जमीन 308.41 करोड़ रुपए में आवंटित हुई थी। शर्तों के अनुसार 30 दिनों के भीतर आवंटन राशि का 10 प्रतिशत जमा कर दिया। जनवरी 2012 में बिल्डर ने प्राधिकरण से भूखंड को दो भागों में विभाजित करके दो रजिस्ट्री करने का अनुरोध किया था। बिल्डर ने आवंटन राशि का 30 प्रतिशत करीब 83.57 करोड़ जमा कर दिए। उसके बाद मई 2012 तक याचिकाकर्ता ने प्रीमियम की शेष 70 प्रतिशत राशि की दूसरी किस्त जमा कर दी। 

प्रोजेक्ट की 77 एकड़ जमीन प्राधिकरण के पास
प्राधिकरण ने दो भागों में बांटकर रजिस्ट्री करने की बात मान ली। उसे 100 एकड़ का भूखंड आवंटित कर दिया गया। इसमें से केवल 77 एकड़ जमीन प्राधिकरण के पास थी। रजिस्ट्री के समय सहमति बनी कि शेष 23 एकड़ जमीन एक वर्ष के भीतर दे दी जाएगी। जमीन नहीं मिलने के बाद बिल्डर ने जुलाई 2017 में भूखंड सरेंडर के लिए आवेदन कर दिया। तब तक बिल्डर ने प्राधिकरण को 104.97 करोड़ रुपए का भुगतान कर चुका था। 

यमुना प्राधिकरण के खिलाफ कोर्ट पहुंचा बिल्डर
इस पर प्राधिकरण ने 43.20 करोड़ रुपए काटते हुए बिल्डर को 61.77 करोड़ रुपए वापस कर दिए। मामला कोर्ट में पहुंचा तो अदालत पैसा काटने के प्राधिकरण के तर्कों से सहमत नहीं हुई। अब बिल्डर को करीब 60 करोड़ रुपए वापस करने का आदेश दिया। इसमें काटे गए पैसों पर ब्याज देने के लिए कोर्ट ने कहा है। इस तरीके से यमुना प्राधिकरण को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है।

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