बाइक रेसिंग दुनिया का सबसे खतरनाक खेल, अब तक मर चुके 1,036 राइडर, आठ वर्ल्ड चैंपियन भी शामिल

Indian MotoGP : बाइक रेसिंग दुनिया का सबसे खतरनाक खेल, अब तक मर चुके 1,036 राइडर, आठ वर्ल्ड चैंपियन भी शामिल

बाइक रेसिंग दुनिया का सबसे खतरनाक खेल, अब तक मर चुके 1,036 राइडर, आठ वर्ल्ड चैंपियन भी शामिल

Tricity Today | Indian MotoGP

Greater Noida News : मोटोजीपी बाइक रेसिंग दुनिया का सबसे रोमांचक खेल है तो यह सबसे खतरनाक भी है। ग्रांड प्रिक्स मोटरसाइकिल रेसिंग चैंपियनशिप की शुरुआत 1949 में हुई थी। इसकी स्थापना के साथ ही दुर्घटनाओं का सिलसिला शुरू हो गया। पहले ही सीजन में राइडर की मौत हो गयी थी। तब से अब तक ग्रांड प्रिक्स मोटरसाइकिल रेसिंग स्पर्धाओं में हुई घटनाओं में 104 सवारों की मौत हो चुकी हैं। जिसमें बेन ड्रिंकवाटर 1949 में मरने वाला पहला बाइक राइडर था। 1940 के दशक में तीन सवारों की मौत हो गई थीं। इसके बाद 1950 के दशक में 29 राइडर हादसों का शिकार होकर मारे गए थे। अब तक किसी एक दशक में यह संख्या सबसे ज्यादा है। आपको बता दें कि भारत में पहली बार मोटोजीपी का आयोजन होने वाला है। आगामी 24 सितंबर को ग्रेटर नोएडा के बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट (Buddh International Circuit) पर यह रेस होगी। जिसके लिए तैयारियां जोरों पर चल रही हैं।

1950 के दशक में सबसे ज्यादा 29 राइडर मारे गए
अगर मोटोजीपी के आगे बढ़ते सफरनामे की बात करें तो प्रतिस्पर्धा के नियम सख्त होते गए। आयोजकों ने सुरक्षा उपाय बढ़ाए। जिसकी वजह से बाइक राइडर्स के साथ होने वाली दुर्घटनाएं काम होने लगीं। मौत का आंकड़ा भी घट रहा है। मसलन, 1960 के दशक में 27 मौत हुई थीं। जबकि 1970 के दशक में 24, 1980 के दशक में 14, 1990 के दशक में केवल दो, 2000 के दशक में एक, 2010 के दशक में तीन और इस दशक में अब तक महज एक राइडर की मौत हुई है। सबसे हालिया घातक दुर्घटना मई 2021 में हुई। इटालियन ग्रांप्री में क्वालीफाइंग रेस के दौरान दुर्घटना के बाद जेसन डुपासक्वियर की मौत हो गई थी। जबकि 500 सीसी मोटोजीपी वर्ग में होने वाली सबसे हालिया घातक दुर्घटना अक्टूबर 2011 में हुई। उस हादसे में मार्को साइमनसेली की मौत हो गई थी। मलेशियाई ग्रांड प्रिक्स के दौरान वैलेंटिनो रॉसी और कॉलिन एडवर्ड्स की टक्कर से उनकी मौत हुई थी। कुल मिलाकर साफ है कि 1950 के दशक में अब तक सबसे ज्यादा 29 राइडर हादसों का शिकार हुए थे।

रेसिंग या प्रैक्टिस के दौरान आठ चैंपियन की मौत
ग्रैंड प्रिक्स मोटरसाइकिल रेसिंग में रेसिंग या अभ्यास करते समय आठ चैंपियन की मृत्यु हो।  इनमें 1951 में डारियो एम्ब्रोसिनी, 1953 में लेस्ली ग्राहम, 1954 में रूपर्ट हॉलॉस, 1962 में टॉम फिलिस, 1969 में बिल आइवी, 1973 में जर्नो सारेनिन, 2003 में दैजिरो काटो और 2011 में मार्को सिमोनसेली की मौत हो गई थी।। हॉलॉस मरणोपरांत चैंपियनशिप जीतने वाला एकमात्र राइडर है। उन्होंने 1954 में 125 सीसी विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीता था, क्योंकि उन्होंने अपनी मौत से पहले सीजन की रेसों में अधिकतम संभव अंक हासिल कर लिए थे।

तमाम बाइक रेस में मौत का आंकड़ा 1,036
देखा जाए तो दुनिया की टॉप बाइक रेसिंग चैम्पियनशिप मोटोजीपी में मरने वाले राइडर्स की संख्या महज 10 फ़ीसदी है। दुनिया में साल 1900 से बाइक रेसिंग का दौर चला आ रहा है। तब से लेकर अब तक तमाम बाइक रेसिंग प्रतिस्पर्धाओं में क़रीब 1,036 बाइक राइडर हादसों का शिकार होकर मर चुके हैं। इनमें आइल ऑफ मैन टीटी मैंक्स ग्रांड प्रिक्स और साउदर्न 100 में सबसे ज्यादा 275 प्रतिस्पर्धियों की मौत हुई हैं। इसके बाद एंड्यूरेंस सीरीज़, सुपरबाइक वर्ल्ड चैंपियनशिप, ब्रिटिश नेशनल क्लब सीरीज़, आइरिश रोड रेसिंग, अमेरिकन रोड रेसिंग, यूरोपियन कॉन्टिनेंटल नेशनल सीरीज, साउथ अमेरिका नेशनल सीरीज, स्पीड-वे, ऑटो रेस, अमेरिकन फ़्लैट ट्रैक और डकार रैली जैसे अंतरराष्ट्रीय नामचीन बाइक रेसिंग इवेंट शामिल हैं। बाइक राइडर्स की सबसे ज़्यादा मौत मोटोजीपी, आयरिश रोड रेसिंग, अमेरिकन रोड रेसिंग और यूरोपियन कॉन्टिनेंटल नेशनल सीरीज में हुई हैं। स्पीड-वे बाइक रेसिंग इवेंट में भी बड़ी संख्या में राइडर्स की मौत हुई हैं। अमेरिकन फ़्लैट ट्रैक बाइक रेसिंग भी प्रतिस्पर्धियों की मौत के लिए कुख्यात है।

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