‘आप’ ने रेरा की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए, मुख्यमंत्री के नाम लिखी चिट्ठी में गिनाई कमियां

बड़ी खबरः ‘आप’ ने रेरा की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए, मुख्यमंत्री के नाम लिखी चिट्ठी में गिनाई कमियां

‘आप’ ने रेरा की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए, मुख्यमंत्री के नाम लिखी चिट्ठी में गिनाई कमियां

Tricity Today | रेरा कार्यालय पर पहुंचे 'आप' पदाधिकारी

  • 'आप' ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखकर की बड़ी मांग
  • रेरा की कार्यप्रणाली और अधिकारियों की जवाबदेही पर उठाए प्रश्नचिन्हृ
  • बड़े स्तर पर बदलाव के लिए सुझाए विकल्प
आम आदमी पार्टी गौतमबुद्ध नगर ने उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा किया है। इस संबंध में पार्टी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम एक चिट्ठी लिखी है। आप के पदाधिकारी और कार्यकर्ता शुक्रवार को अपनी मांगों का पत्र लेकर रेरा के ग्रेटर नोएडा स्थित कार्यालय पहुंचे। मगर वहां किसी अधिकारी से मुलाकात नहीं हो सकी। पार्टी ने मुख्यमंत्री को लिखे इस पत्र में रेरा से जुड़ी समस्याओं और उनके समाधान पर ध्यान रेखांकित किया है। इसमें कहा गया है कि रेरा अपनी स्थापना के लक्ष्य को पूरा करने में असफल रहा है। जबकि इस प्राधिकरण पर हर महीने करोड़ों रूपये का खर्च किया जा रहा है।

पत्र में लिखा गया है कि, “इस प्राधिकरण का गठन सरकार ने इसलिए किया था, ताकि बिल्डरों या प्रॉपर्टी से जुड़े किसी अन्य के उत्पीड़न के शिकार लोग यहां परिवाद दायर कर त्वरित न्याय पा सकें। परंतु इस संस्था के पिछले 3 सालों का रिकॉर्ड देख कर पता चलता है कि खरीदारों को यह प्राधिकरण न्याय दिलाने में सक्षम नहीं हो पा रही है। समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।” जिला प्रवक्ता एंव फ्लैट खरीदार प्रो अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि अब तक रेरा के आदेशों का 10 फीसदी से भी कम का पालन हुआ है। इनकी कार्यप्रणाली से ऐसा बिल्कुल नहीं लगता कि ये खरीदारों के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 

आम आदमी पार्टी ने इसके लिए कई वजहें गिनाई हैं-
  1. रेरा में कार्यरत सभी अधिकारी व न्यायाधीश सेवानिवृत्ति के बाद यहां कार्य कर रहे हैं। इसलिए ये अधिकारी अपने कर्तव्यों को लेकर ज्यादा गंभीर नहीं हैं।
  2. यहां कार्यरत कई अधिकारियों पर ड्यूटी के दौरान भी बिल्डरों से सांठगांठ के आरोप लगते रहे हैं। ऐसे में रिटॉयर्मेंट के बाद वे बिल्डरों पर कैसे कार्रवाई कर सकेंगे। 
  3. बिल्डरों को आरसी जारी हुई है। मगर उनका क्रियान्वयन बेहद कम है। अब तक 10 फीसदी से ज्यादा की वसूली नहीं हो पाई है।
  4. एनसीआर के लाखों फ्लैट खरीदार बिल्डरों के उत्पीड़न से परेशान हैं। जिन्होंने परिवाद दायर किया, उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। बिल्डर बिजली, सोसायटी चार्ज, मेंटेनेंस चार्ज आदि के नाम पर लगातार उगाही कर रहे हैं, परंतु रेरा इस मामले में बिल्कुल भी संजीदा नहीं है।
  5. रेरा ऑफिस में तैनात कर्मचारियों के साथ भी अन्याय हो रहा है। उनको सभी सरकारी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। इस वजह से ये पूरे मन से काम में समर्पित नहीं हैं।
  6. रेरा के अधिकारी खरीददारों के साथ हो रहे अन्याय व आरसी रिकवरी ना होने का पक्ष सरकार के समक्ष मजबूती से नहीं रख पा रहे हैं। 
  7. कोरोना संक्रमण के नाम पर रेरा अधिकारी ऑनलाइन सुनवाई करते हैं। इस वजह से सुनवाई की प्रक्रिया में तथ्यों का अभाव रह जाता है और उसका फायदा बिल्डर उठा रहे हैं।
‘आप’ का कहना है कि ऐसे लोग खरीदारों के हितों की रक्षा करने में असमर्थ हैं। पार्टी ने इन समस्यायों से पार पाने के लिए कुछ अहम विकल्प सुझाए हैं। पार्टी का मानना है कि इन पर अमल कर रेरा की कार्यप्रणाली को बेहतर और प्रभावी बनाया जा सकता है - 
  1. सभी उम्रदराज सेवानिवृत्त अधिकारियों को हटाते हुए वर्तमान में कार्यरत अधिकारियों को लगाया जाए।
  2. ग्रेटर नोएडा में रेरा की सुनवाई के लिए कम से कम पांच कोर्ट स्थापित की जाएं। अधिकारी व न्यायाधीश ग्रेटर नोएडा ऑफिस के कोर्ट में बैठकर सुनवाई करें और मुकदमों का निस्तारण करें।
  3. सुनवाई पूरे 6 दिन चले। कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाए। जिससे कार्यों और प्रक्रिया मे तेजी लाई जा सके।
  4. अब तक जारी हुए सभी आरसी की रिकवरी के लिए एक स्पेशल टॉस्क टीम का गठन किया जाए। ग्रेटर नोएडा में इसका ऑफिस बनाया जाए। यह रिकवरी के साथ-साथ उसकी मॉनिटरिंग भी करती रहे।
  5. एक परमानेंट सचिव, कांसिलेशन फोरम के साथ प्रोजेक्ट विजिट की टीम का गठन किया जाए। 
इस अवसर पर जिलाध्यक्ष भूपेंद्र जादौन, जिला महासचिव संजीव निगम, जिला कोषाध्यक्ष पंडित उमेश गौतम, जिला उपाध्यक्ष अनिल चेंची व समयवीर सिंह, युवा प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष राहुल सेठ, नोएडा महानगर अध्यक्ष प्रशांत रावत, एससी /एसटी प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष सुनील कुमार, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिला महासचिव आफताब आलम, ओपी चौहान, देवेंद्र सिंह चौहान, आरपी सिंह, सागर कुमार, जितेंद्र प्रधान, प्रवीण धीमान, सोमेश्वर तोमर और गोपाल आदि उपस्थित रहे।

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