भारत सरकार की महत्वाकांक्षी ईडीएफसीसी (पूर्वी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर) प्रोजेक्ट में रोड़ा अटकाने वाले चमरावली बोड़ाकी के कुछ किसानों के खिलाफ गौतमबुद्ध नगर प्रशासन सख्त रुख अपना सकता है। इस संबंध में जिला प्रशासन ने सभी ऐसे किसानों को आखिरी चेतावनी दी है। इसमें कहा गया है कि सभी लोग अपना मुआवजा लेकर निर्माण को हटाना सुनिश्चित करें। अन्यथा की स्थिति में भारत सरकार की परियोजना को पूरा करने के लिए जिला प्रशासन इनके निर्माण को हटाने के लिए होगा बाध्य होगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी इन किसानों की होगी।
डीएम खुद ले रहे संज्ञान
बताते चलें कि भारत सरकार की महत्वाकांक्षी पूर्वी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना का कार्य बेहद तेजी से आगे बढ़ रहा है। जिलाधिकारी सुहास एलवाई (DM Suhas LY IAS) नियमित तौर पर प्रोजेक्ट की समीक्षा बैठक कर रहे हैं। परियोजना से संबंधित ग्रामीणों को विस्थापित किया जा रहा है। जिला प्रशासन एवं अन्य संबंधित विभाग के अफसर उन्हें पूर्ण सहयोग दे रहे हैं। जिलाधिकारी के आदेशानुसार संबंधित प्रशासनिक अधिकारी विस्थापित परिवारों की समस्याओं का तत्परता के साथ निराकरण करा रहे हैं।
किसान नहीं ले रहे मुआवजा
उप जिलाधिकारी दादरी ने इस प्रोजेक्ट की विस्तृत रिपोर्ट जारी की है। पूर्वी डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर परियोजना (EDFCC) से प्रभावित जनपद गौतमबुद्ध नगर के ग्राम चमरावली बोडाकी में भूमि अधिग्रहण के लिए सक्षम प्राधिकारी ने दिनांक 27 जुलाई 2020 को 1.2927 हेक्टेयर और 8 मार्च 2021 को 0.11850 भूमि चयनित की थी। इन जमीनों के अधिकतर काश्तकारों ने अपनी भूमि-निर्माण का मुआवजा ले लिया गया है। अपना कब्जा भी हटा लिया है। मगर साहब सिंह, कुलदीप, प्रवीन, किरनपाल, विजयपाल, बिजेन्द्र, रविन्द्र, इन्द्रजीत, तेजपाली, रघुवीरो, ब्रहमपाल, गजराज, राजवीर, रामपाल और पवन कुमार राजस्व अधिकारियों के बार-बार आग्रह के बावजूद अपने मुआवजे की फाइल प्रस्तुत नहीं कर रहे हैं।
भूमि खाली कराएगा प्रशासन
दो किसानों कुलदीप व प्रवीन की आपत्ति पर पक्ष सुनते हुए न्यायालय आर्विट्रेटर-आयुक्त मेरठ ने 25 जून 2021 को आदेश पारित किया था। बावजूद इसके ये किसान अपना मुआवजा न लेकर भारत सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। जिला प्रशासन ने कहा है कि ऐसे सभी किसान अपना मुआवजा लेकर निर्माण हटाना सुनिश्चित करें। अन्यथा की स्थिति मे भारत सरकार की परियोजना को पूर्ण कराने के लिए इनके निर्माण को बलपूर्वक हटाया जाएगा। जिला प्रशासन इसके लिए बाध्य होगा।