फिल्म सिटी से जेवर एयरपोर्ट के बीच पॉड टैक्सी चलाई जाएगी। पॉड टैक्सी का यह कॉरिडोर सेक्टरों को भी जोड़ेगा। 14.6 किलोमीटर के इस कॉरिडोर की डीपीआर तैयार हो गई है। इस परियोजना पर 862 करोड़ रुपये खर्च होंगे। डबल ट्रैक वाली पॉड टैक्सी के कॉरिडोर को पूरा करने में एक वर्ष का समय लगेगा।
जेवर एयरपोर्ट के संचालन के साथ ही पॉड टैक्सी शुरू करने की तैयारी
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर तक पहुंचने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूत करने की दिशा में एक और कदम बढ़ गया है। यमुना प्राधिकरण ने जेवर एयरपोर्ट और फिल्म सिटी के बीच पर्सनल रैपिड ट्रांजिट (पीआरटी) चलाने की योजना बनाई है। पॉड टैक्सी की डीपीआर बनाने के लिए इंडियन पोर्ट रेल एंड रोपवे कारपोरेशन लिमिटेड कंपनी का चयन किया गया। केंद्र सरकार इस कंपनी ने पॉड टैक्सी की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करके यमुना प्राधिकरण को सौंप दी है। यमुना प्राधिकरण में कंपनी से एयरपोर्ट और फ़िल्म सिटी के बीच लगभग 6.5 किलोमीटर के कॉरिडोर के लिए की डीपीआर बनाने के लिए कहा था। लेकिन कंपनी ने एक कदम आगे बढ़ते हुए इस कॉरिडोर को यमुना प्राधिकरण के सेक्टरों को भी जोड़ दिया है। कंपनी ने 14.5 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर की डीपीआर तैयार की है।
इन सेक्टरों से गुजरेगी
पॉड टैक्सी सेक्टर 21 के ट्रांसपोर्ट हब से शुरू होगी। यह कॉरिडोर सेक्टर 28, 29, 30, 31 और 32 तक जाएगी। इस सेक्टर से ही एयरपोर्ट की चारदीवारी छूकर निकलती है। डीपीआर बनाने वाली कंपनी ने इन सेक्टरों को भी में भी पॉड टैक्सी को पहुंचा दिया है ताकि लोगों को आवागमन की सुविधा मिल सके। इसमें 14 स्टेशन प्रस्तावित किए गए हैं। ये सभी औद्योगिक सेक्टर हैं। यहां पर आने जाने वाले लोगों की बहुलता रहेगी।
डबल ट्रैक होगा और बैटरी से चलेगी
पॉड टैक्सी भूतल पर चलेगी। डीपीआर के मुताबिक पॉड टैक्सी के लिए डबल ट्रैक बनेंगे। पॉड टैक्सी बैटरी चालित होगी। डीपीआर बताती है कि जिस दिन पॉड टैक्सी की शुरुआत होगी, उसके पहले दिन से रोजाना 8000 यात्री मिलने शुरू हो जाएंगे।
ड्राइवर लेस होगी
फिल्म सिटी और जेवर एयरपोर्ट के बीच चलने वाली पॉड टैक्सी ड्राइवरलेस होगी। हालांकि डीपीआर में ड्राइवर वाली पॉड टैक्सी का भी विकल्प दिया गया है। भूतल बनने वाले कॉरिडोर को 60 मीटर रोड के किनारे-किनारे से ले जाया जाएगा।
पीपीपी मॉडल सुझाया, तीन फाइनेंसियल मॉडल भी बताएं
डीपीआर में इस परियोजना को पीपीपी मॉडल पर बनाने का सुझाव दिया है। इसके लिए तीन फाइनेंसियल मॉडल सुझाए गए हैं। पहला मॉडल यह है कि कंपनी परियोजना की लागत निकालने के बाद प्राधिकरण को हैंडओवर कर दे। दूसरा मॉडल यह है कि यमुना प्राधिकरण कंपनी से किराया ले और कंपनी का संचालन करे। तीसरा विकल्प हाइब्रिड मॉडल का है। इसमें कंपनी से एक निश्चित किराया लिया जाए और आमदनी में भी हिस्सेदारी मिले। अब डीपीआर को यमुना प्राधिकरण के बोर्ड में रखा जाएगा। बोर्ड बैठक निर्देशों के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इन देशों में चल रही है पॉड टैक्सी
डीपीआर बनाते समय उन शहरों का अध्ययन किया गया है, जहां पर टैक्सी चल रही है। डीपीआर बनाने वाली कंपनी ने वर्जीनिया के मॉर्गन टाउन, दुबई, लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट और साउथ कोरिया के सुनचियान शहर में चल रही पॉड टैक्सी को अपने अध्ययन में शामिल किया है। दो शहरों में एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी के लिए पॉड टैक्सी चलाई जा रही है।
एडवेंचर का मिलेगा लुत्फ
जेवर एयरपोर्ट आने वाले लोग फिल्म सिटी तक पॉड टैक्सी का सफर कर सकेंगे। अगर किसी के पास फ्लाइट मिलने में 2 से 3 घंटे का समय है तो वह इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं। यह एक तरह का एडवेंचर होगा। इसके अलावा फिल्म सिटी देखने के लिए आने वाले लोग भी इसका लुत्फ ले सकते हैं।
पॉड टैक्सी की डीपीआर तैयार हो चुकी है। रिपोर्ट का परीक्षण किया जाएगा और बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। इसके बाद शासन को भेजा जाएगा ताकि आगे की कार्रवाई हो सके। - डॉ. अरुण वीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण