ग्रेटर नोएडा वेस्ट की 125 करोड़ की प्रॉपर्टी ने ली एडवोकेट फतेह खान की जान, पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया

मर्डर मिस्ट्री: ग्रेटर नोएडा वेस्ट की 125 करोड़ की प्रॉपर्टी ने ली एडवोकेट फतेह खान की जान, पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया

ग्रेटर नोएडा वेस्ट की 125 करोड़ की प्रॉपर्टी ने ली एडवोकेट फतेह खान की जान, पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया

Tricity Today | एडवोकेट फतेह खान (File Photo)

गौतमबुद्ध नगर में 125 करोड़ की विवादित संपत्ति अधिवक्ता फतेह मोहम्मद खान की हत्या की वजह बनी थी। पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए गुरुवार को दो और साजिशकर्ता गिरफ्तार किए हैं। पुलिस का दावा है कि जिले में विवादित संपत्तियों में अधिवक्ता का हस्तक्षेप रहता था। जिसके चलते अधिवक्ता का इन जमीनों से जुड़े लोगों से विवाद चल रहा था। इन जमीनों से जुड़े लोगों ने अधिवक्ता को रास्ते से हटाने के लिए हत्या की साजिश रची थी।

ग्रेटर नोएडा के डीसीपी राजेश कुमार ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में दो और साजिशकर्ता मोहम्मद समीम और राकेश मास्टर को गिरफ्तार किया है। मोहम्मद शमीम जामिया नगर दिल्ली का निवासी है। राकेश मास्टर ग्रेटर नोएडा का रहने वाला है। डीसीपी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस की छानबीन में फतेह मोहम्मद खान से जुड़ी जिले में तीन विवादित प्रॉपर्टी सामने आई हैं। जिनमें अधिवक्ता का हस्तक्षेप था।

डीसीपी ने बताया कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट के चिपियाना बुजुर्ग में लगभग 72 बीघा जमीन है। जिसकी कीमत 56 करोड़ रूपये बताई गई है। दूसरी सम्पत्ति अटाई मुरादपुर में है। लगभग 120 बीघा जमीन की कीमत 36 करोड़ है। नोएडा के सेक्टर-44 में 2200 गज जमीन है। उसकी कीमत 30 करोड़ रूपये है। ये सारे केस फतेह मोहम्मद खान ने ले रखे थे। सेक्टर-44 में 2200 गज जमीन का विवाद कमल सिंह व अजय पाल के बीच चल रहा था। उस जमीन को क्लीयर कराने के लिए अधिवक्ता फतेह मोहम्मद खान ने कमल सिंह से 50 प्रतिशत पर एग्रीमेंट कराया था। 

उसकी पैरवी के लिए अधिवक्ता ने मोहम्मद शमीम को तैयार किया था। जमीन से जुड़े आदेश पारित करने के लिए अभियुक्त मोहम्मद शमीम अधिवक्ता फतेह मोहम्मद से जमीन का 25 प्रतिशत यानी 550 गज का एग्रीमेंट कराना चाहता था। जिसका अधिवक्ता फतेह मोहम्मद विरोध करता था। यहीं से दोनों के बीच रंजिश शुरू हो गई। इसी तरह अटाई मुरादपुर में किसानों के रुके हुए मुआवजे से जुड़े मामले को क्लीयर कराने और मुआवजा दिलाने की गारंटी अधिवक्ता फतेह मोहम्मद ने ली थी। जिसमें मोहम्मद शमीम ने सहयोग किया था। 120 बीघा जमीन में से 42 बीघा जमीन मोहम्मद शमीम, 5 बीघा मोहित, 5 बीघा फिरे प्रधान और 20 बीघा फतेह मोहम्मद को दी जानी थी।

इसी जमीन में से अधिवक्ता फतेह मोहम्मद ने राकेश कुमार सिंह को 50 प्रतिशत देने का एग्रीमेंट अपने लड़के आरिफ से 100 रूपये के स्टांप पर एग्रीमेंट कराया था। पुलिस जांच में पाया गया कि चिपियाना बुजुर्ग में 72 बीघा विवादित जमीन का फर्जी तरीके से पट्टा अपने सात रिश्तेदारों के नाम करा लिया था। इस मामले में अभियुक्त सुभाष चंद किसानों की तरफ से पैरवी कर रहा था। अधिवक्ता के मन में लालच आने पर रंजिश बढ़ गई और इन सारे लोगों ने मिलकर फतेह मोहम्मद की हत्या करवा दी।

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