गौतमबुद्ध नगर में सरिया ऑर्गेनाइज्ड क्राइम की फंडिंग का सबसे बड़ा जरिया, पुलिस के लिए चुनौती

ट्राईसिटी टुडे की पड़ताल : गौतमबुद्ध नगर में सरिया ऑर्गेनाइज्ड क्राइम की फंडिंग का सबसे बड़ा जरिया, पुलिस के लिए चुनौती

गौतमबुद्ध नगर में सरिया ऑर्गेनाइज्ड क्राइम की फंडिंग का सबसे बड़ा जरिया, पुलिस के लिए चुनौती

Tricity Today | ट्राईसिटी टुडे की पड़ताल में हुआ बड़ा खुलासा

  • - सक्रिय हुए छोटे-छोटे सरिया चोर गिरोह, जिले के हाईवे से गुजरने के लिए गुंडा टैक्स देना लाजिमी
  • - गौतमबुद्ध नगर उत्तर भारत का सबसे बड़ा कंस्ट्रक्शन हब, यहां रोजाना हजारों टन सरिया की खपत
  • - प्रत्येक ट्रक से सरिया उतारा जाता है, जिसकी एवज में ट्रक चालक को भी कुछ पैसा दिया जाता है
  • - बादलपुर इलाके में पुलिस चौकी से मात्र 500 मीटर की दूरी पर सरिया चोर गैंग का है गोदाम
Greater Noida News : गौतमबुद्ध नगर जिले में सरिया और स्क्रैप गैंग का बड़ा लंबा आपराधिक इतिहास है। सरिया चोरी पर अपना राज कायम करने के लिए जिले में कई गैंगवार हो चुकी हैं। जिले का एक बड़ा गैंगस्टर सुंदर भाटी सरिया उम्रकैद की सजा काट रहा है। वह हत्या सरिया चोरी की गैंगवार में हुई थी। अब सरिया चोरी करने वाले कई छोटे-छोटे गिरोह जिले में सक्रिय हो चुके हैं। बड़ी बात यह है कि स्थानीय पुलिस की मदद से सरिया चोरी के इस अवैध धंधे को अंजाम दिया जा रहा है।

आखिर कैसे होता है सरिया चोरी
गौतमबुद्ध नगर उत्तर भारत का सबसे बड़ा कंस्ट्रक्शन हब है। यहां रोजाना हजारों टन सरिया की खपत है। इन छोटे सरिया चोरी गैंग के कुछ सदस्य जिले में सरिया लेकर दाखिल होने वाले ट्रकों को रोकते हैं। अपने ठिकानों पर ट्रक को लेकर पहुंचते हैं। प्रत्येक ट्रक से लगभग 300 किलोग्राम सरिया उतारा जाता है। जिसकी एवज में ट्रक चालक को भी कुछ पैसा दिया जाता है। इसके बाद ट्रक चालक सरिया गैंग के धर्मकांटा पर ट्रक लेकर जाता है। ट्रक से सरिया चोरी होने का बावजूद उसे पूरे वजन की नई पर्ची बनाकर दी जाती है। उस पर्ची के आधार पर सरिया की डिलीवरी साइट पर होती है। सूत्र बताते हैं कि सरिया चोरी गैंग को स्थानीय पुलिस का संरक्षण होता है। जिसके लिए हर महीने कुछ पुलिस वालों को हिस्सा मिलता है।

दादरी और बादलपुर में गैंग
दादरी और बादलपुर थानाक्षेत्र में ऐसे गैंग सक्रिय हैं। दोनो गैंग के तार एक ही परिवार से जुड़े हुए हैं। बादलपुर के अच्छेजा गांव का रहने वाला व्यक्ति यह गैंग चला रहा है। वहीं, सिकंदराबाद के निवाली और ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव में उसके रिश्तेदार हैं, जो दादरी थानाक्षेत्र के कोट चौकी क्षेत्र में यह गैंग संचालित कर रहे हैं। इस गैंग की करतूतों के कुछ वीडियो ट्राईसिटी टुडे के कैमरे में कैद हुए हैं। पुलिस चौकी से मात्र 500 मीटर की दूरी पर सरिया चोर गैंग ने अपना गोदाम बनाया हुआ है।

प्रतिदिन किया जाता है लाखों का सरिया चोरी
सूत्रों की मानें तो जनपद में आने वाले ट्रकों से प्रति ट्रक लगभग 3 कुंटल सरिया चोरी किया जाता है। प्रतिदिन लगभग 15 ट्रकों से इसी एक पॉइंट पर सरिया चोरी किया जाता है। सरिया चोरी गैंग रात को 8 बजने के बाद एक्टिव होता है। इससे पहले आने वाले ट्रक को सड़क किनारे खड़ा करके इंतजार कराया जाता है। ट्रकों से चोरी किया गया सरिया आस-पड़ोस के क्षेत्र में सरिया दुकानों पर सप्लाई किया जाता है। यह दुकानें सरिया गैंग से ताल्लुक रखने वालों की हैं। बाजार से कम रेट में इन दुकानों को सरिया सप्लाई किया जाता है। इन दुकानों से सरिया बिक्री ऑफ द रिकॉर्ड होती है। मतलब, जीएसटी, टैक्स और बिलिंग की कोई जरूरत नहीं है। सरिया चोरी गैंग के गोदाम में भी बड़ी मात्रा में सरिये का स्टॉक देखा जा सकता है।

ऑर्गेनाइज्ड क्राइम की फंडिंग का सबसे बड़ा जरिया
बड़ी बात यह है कि सरिया चोर गैंग के बारे में गौतमबुद्ध नगर के तमाम बिल्डरों और कंस्ट्रक्शन ठेकेदारों को पूरी जानकारी है। इन लोगों को सरिया की सप्लाई होती है और घटतौली से नुकसान होता है, लेकिन किसी की हिम्मत आवाज उठाने की नहीं है। सरिया चोर गिरोह की गैंगवार में न केवल सरगनाओं की हत्या हुई हैं, बल्कि ट्रक ड्राइवरों को भी मौत के घाट उतारा गया है। जिसके चलते ट्रक ड्राइवर इस सिस्टम में शामिल रहना ही अपनी जान के लिए मुनासिब समझते हैं। बड़ी बात यह है कि गौतमबुद्ध नगर में संगठित अपराधियों के लिए सरिया चोरों का यह गैंग सबसे बड़ी फंडिंग का जरिया बना हुआ है।

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