सदस्यों ने कहा - रद्द हो चुनाव, की जाए सख्त कार्रवाई

ग्रेटर नोएडा आईईए में 50 लाख के घोटाले का गंभीर आरोप : सदस्यों ने कहा - रद्द हो चुनाव, की जाए सख्त कार्रवाई

सदस्यों ने कहा - रद्द हो चुनाव, की जाए सख्त कार्रवाई

Tricity Today | ग्रेटर नोएडा आईईए में 50 लाख के घोटाले का गंभीर आरोप

Greater Noida News : इंडस्ट्रियल एंटरप्रिन्योर्स एसोसिएशन ⟨आईईए⟩ के सदस्यों ने मौजूदा पदाधिकारियों पर अवैध रूप से संस्था पर कब्जा करने और अब तक 30 से 50 लाख रुपए के घोटाले का आरोप लगाया है। यह भी आरोप लगाया है कि अध्यक्ष ने संस्था को अपनी निजी संपत्ति समझ ली है। इस बाबत मेरठ के फर्म, सोसाइटी एवं चिट्स के डिप्टी डायरेक्टर को पत्र भेजकर बॉयलॉज के नियमों के विरुद्ध कराये गये चुनाव को निरस्त कराने व दोबारा चुनाव कराने की मांग की गई है।

उद्देश्यों से भटक गई कार्यकारिणी
इंडस्ट्रियल एंटरप्रिन्योर्स एसोसिएशन ⟨आईईए⟩ के सदस्यों विवेक अरोरा, राजीव जैन, दिनेश चौहान, वीके शर्मा और प्रणय कुमार आदि ने डिप्टी डायरेक्टर को भेजे पत्र में कहा है कि उद्यमियों के कल्याण व उनकी समस्याओं के समाधान के लिए उद्यमियों द्वारा वर्ष 2020 में इंडस्ट्रियल इन्टरप्रेन्योर्स एसोसिएशन ⟨आईईए ⟩ का पंजीकरण कराया गया था। लेकिन, शुरू से ही पूर्व कार्यकारिणी संस्था के उद्देश्यों से भटक गयी है। उन्होंने इसे निजी संपत्ति बना रखा है। उनके द्वारा संस्था के बॉयलॉज के नियमों के विरुद्ध अवैध रूप से चुनाव कराया गया है, इसलिए उसे तत्काल निरस्त किया जाए।

नियम के मुताबिक नहीं हुए चुनाव 
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि बाइलॉज के नियमानुसार एक वर्ष में संस्था का चुनाव होना चाहिए था। प्रबंध कार्यकारिणी का कार्यकाल वर्ष 2021 में ही पूरा हो चुका था, इसके बाद से इन पदाधिकारियों द्वारा लगातार चुनाव को टाला गया। ऐसे में पूर्व प्रबंध समिति द्वारा चुनी गई चुनाव समिति पूर्णतया अवैध है। इसलिए चुनाव तत्काल निरस्त होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव समिति पूर्व प्रबंध समिति के इशारे पर उनके लिए काम कर रही थी। इसीलिए चुनाव समिति और समिति के अधिकारियों ने नियमावली को नजरअंदाज करते हुए 2 वर्ष ⟨2023—2025⟩ के चुनाव की घोषणा की गयी, जबकि संस्था के बायलॉज के अनुसार प्रबंध समिति का कार्यकाल एक वर्ष के लिए है। इसलिए नियमानुसार एक वर्ष के लिए ही चुनाव होना चाहिए था।

11 की जगह हुआ सिर्फ ​तीन पदों पर चुनाव
पत्र में यह भी कहा गया है​ कि पूर्व पदाधिकारियों द्वारा चुनी गयी चुनाव समिति ने सिर्फ 3 पद अध्यक्ष, महासचिव और कोषाध्यक्ष के लिए चुनाव कराए गए। जबकि संस्था के बॉयलॉज के अनुसार प्रबंध समिति के 11 पदों पर चुनाव होना चाहिए था। लेकिन, पूर्व प्रबंध समिति ने ऐसा गड़बड़झाला इसलिए किया कि अपने मनमाफिक लोगों को अन्य पदों पर नॉमिनेट कर सकें, जिससे संस्था पर अपना कब्जा बनाये रखा जा सके। उन्होंने कहा कि पूर्व पदाधिकारियों द्वारा तीन साल बीत जाने के बाद भी संस्था के खाते का आय-व्यय और सदस्यता शुल्क का विवरण आम—सभा में नहीं रखा गया। इसे डिप्टी रजिस्ट्रार कार्यालय को भी नहीं भेजा गया।

ऐसे हुआ घोटाला
सदस्यों ने यह भी आरोप लगाया कि आईईए के सदस्यों की आमसभा बीते तीन वर्षों में एक बार भी नहीं बुलाई गयी। जबकि नियमानुसार वर्ष में एक बार आम सभा की बैठक बुलानी चाहिए। पत्र में आर्थिक घोटाले का भी गंभीर आरोप लगाया गया है। कहा गया है कि नियमानुसार संस्था का वार्षिक सदस्यता शुल्क 1,200 रुपए है, लेकिन पूर्व समिति द्वारा 3,100 रुपए, 5,100, 11,000 और यहां तक कि 51,000 तक का वार्षिक शुल्क वसूला जाता है। संस्था में अभी 500 सदस्य हैं। एक अनुमान के अनुसार अब तक 30 से 50 लाख रुपए का अतिरिक्त शुल्क वसूला गया है, जो एक बड़े आर्थिक घोटाले की ओर इशारा करता है।

वापस कराई जाए अतिरिक्त वसूली
संस्था के सदस्यों सदस्यों विवेक अरोरा, राजीव जैन, दिनेश चौहान, वीके शर्मा और प्रणय कुमार आदि ने डिप्टी डायरेक्टर से अनुरोध किया है कि बीती 8 जुलाई 2023 को हुए इलेक्शन को निरस्त किया जाए और अपनी निगरानी में नई चुनाव समिति गठित कर नियमानुसार चुनाव कराएं जाएं। सदस्यता और नवीनीकरण के नाम पर वसूली गई अतिरिक्त राशि वापस कराई जाए और पूर्व समिति के जो सदस्य नियम विरुद्ध कार्य में लिप्त थे, उनकी सदस्यता रद्द कर उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए।

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