6 नए बिजलीघर बनने का रास्ता साफ, इन इलाकों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा, जानिए कितना होगा खर्च

Greater Noida Breaking : 6 नए बिजलीघर बनने का रास्ता साफ, इन इलाकों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा, जानिए कितना होगा खर्च

6 नए बिजलीघर बनने का रास्ता साफ, इन इलाकों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा, जानिए कितना होगा खर्च

Tricity Today | 6 नए बिजलीघर बनने का रास्ता साफ

  • प्राधिकरण बिजलीघर बनाने के लिए यूपीपीटीसीएल को देगा अनुदान
  •  दोहरा जीएसटी लगा जाने से आई थी अड़चन, शासन ने जारी किए आदेश
  • इन बिजलीघरों के बनने से अगले 10 साल तक की जरूरत पूरी हो सकेगी
Greater Noida News : भविष्य में बिजली की जरूरतों को देखते हुए ग्रेटर नोएडा में प्रस्तावित 6 बिजलीघरों को बनाने का रास्ता साफ हो गया है। इन बिजलीघरों के निर्माण पर खर्च होने वाली धनराशि को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अनुदान के रूप में ही उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कार्पोरेशन को देगा। शासन ने इस आशय का आदेश जारी कर दिया है। इससे इन बिजलीघरों को बनाने में डबल जीएसटी नहीं देनी पड़ेगी। 

ग्रेटर नोएडा वेस्ट को होगा बड़ा फायदा
ग्रेटर नोएडा शहर का तेजी से औद्योगिक नगरी के रूप में विस्तार हो रहा है। नई औद्योगिक इकाइयां निरंतर लग रही हैं। ग्रेटर नोएडा डाटा सेंटर हब के रूप में भी विकसित हो रहा है। रिहायश का भी तेजी से विस्तार हो रहा है। ग्रेटर नोएडा ईस्ट के साथ ही ग्रेटर नोएडा वेस्ट की बहुमंजिला इमारतों में निवासियों की तादात तेजी से बढ़ रही है। संस्थागत सेक्टर भी विकसित हो रहे हैं। इससे ग्रेटर नोएडा एरिया में बिजली की खपत भी  तेजी से बढ़ रही है। 

प्राधिकरण खुद करेगा खर्चा वहन
बिजली की भविष्य की मांग को ध्यान में रखते हुए छह नए बिजलीघर बनाने का निर्णय लिया गया। इन बिजलीघरों को बनाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने भी मंजूरी प्रदान कर दी है। इनमें से 400 केवी के दो बिजलीघरों का निर्माण यूपीपीटीसीएल करेगा। इनके निर्माण में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की भी अंशधारिता होगी, जबकि 220 और 132 केवी सबस्टेशन के निर्माण का कुल खर्च प्राधिकरण खुद वहन करेगा। 

1,000 करोड़ रुपए खर्च होंगे
इन सभी बिजलीघरों को बनाने में करीब 1,000 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। एक अड़चन इन बिजलीघरों को बनाने में खर्च होने वाली धनराशि पर डबल जीएसटी लगने से आ रही थी। उससे प्राधिकरण पर अतिरिक्त बोझ पड़ने वाला था, लेकिन इस मसले को प्राधिकरण ने शासन के समक्ष उठाया, जिसके बाद यह तय हुआ कि  बिजलीघरों को बनाने में खर्च की रकम प्राधिकरण बतौर अनुदान के रूप में यूपीपीटीसीएल को देगा। इसलिए इस पर डबल जीएसटी नहीं लगेगी। 

अगले दस साल का भविष्य होगा तय
इस फैसले से प्राधिकरण ने भी राहत की सांस ली है और बिजलीघरों के निर्माण की बड़ी बाधा भी दूर हो गई है। अब प्राधिकरण बहुत जल्द इन बिजलीघरों को बनवाने की कागजी प्रक्रिया पूरी कर निर्माण शुरू करायेगा। ये सभी बिजलीघर गैस इंसुलेटेड सिस्टम (जीआईएस) पर आधारित होंगे। इन बिजलीघरों के बन जाने से ग्रेटर नोएडा में अगले दस साल तक के लिए बिजली की जरूरत आसानी से पूरी हो सकेगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने इन बिजलीघरों का निर्माण जल्द शुरू होने और तय समय पर पूरा होने की उम्मीद जाहिर की है।  

ये हैं प्रस्तावित बिजलीघर
  1. - जलपुरा में 220/132/33 केवी सबस्टेशन
  2. - नॉलेज पार्क में 220/132/33 केवी सबस्टेशन
  3. - ईकोटेक 8 में 133/33 केवी सबस्टेशन
  4. - ईकोटेक 10 और 11 में 400/220/132 केवी सबस्टेशन
  5. मेट्रो डिपो 220/132/33 केवी सबस्टेशन
  6. - अमरपुर में 400/220/132 केवी सबस्टेशन

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