Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा के थाना बीटा 2 पुलिस ने हनीट्रैप गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों ने एलएलबी के एक छात्र का मानसिक रूप से काफी शोषण किया था। जिसके चलते छात्र ने सुसाइड नोट लिखकर नाले में कूदकर जान देदी थी। पकड़े गए दोनों आरोपी गिरोह को खाते और मोबाइल सिम उपलब्ध कराते थे। पुलिस सरगना समेत अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है।
ये है पूरा मामला
सेक्टर सिग्मा-4 में रहने वाले एलएलबी के छात्र शिवांश ने नाले में कूद कर जान दे दी थी। पुलिस को शिवांश के घर से मिले सुसाइड नोट से पता चला था कि वह हनीट्रैप गिरोह के चंगुल में फंस गया था। इसके चलते उसने यह कदम उठाया था। पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की तो पता चला कि हनीट्रैप गिरोह के सदस्यों ने छात्र से 25 हजार रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करवाए थे। इसके बाद छात्र से और रुपये की मांग की जा रही थी। रुपये नहीं देने पर छात्र को ब्लैकमेल किया जा रहा था। उसका न्यूड वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी दी गई थी।
मेवात से ऑपरेटर होता है हनीट्रैप गैंग
थाना प्रभारी मुनेंद्र सिंह ने बताया कि मामले की छानबीन के बाद गिरोह से जुड़े दो सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। उनकी पहचान अमित बर्मन निवासी हंसमार्ग मालवीय नगर, जयपुर राजस्थान और संजीव बदौतिया निवासी हरिमार्ग मालवीय नगर जयपुर राजस्थान के रूप में हुई है। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि पकड़े गए दोनों आरोपी हनीट्रैप गिरोह से जुड़े हैं। ये दोनों गैंग को बैंक खाते और मोबाइल सिम उपलब्ध करवाते थे। जांच में पता चला है कि पुलिस की अब तक की छानबीन में पता चला है कि छात्र को अपने जाल में फंसाने वाला हनीट्रैप गैंग मेवात से ऑपरेट किया जा रहा है। पुलिस इस गैंग तक पहुंचने की कोशिश में जुटी है उनका एक साथी तौफीक फरार है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।
कमीशन पर चल रहा है पूरा गिरोह
पुलिस की जांच में पता चला है कि हनीट्रैप गिरोह से जुड़े लोग कमीशन के आधार पर लोगों को लालच देकर उनके बैंक खातों का प्रयोग करते हैं। गैंग के सदस्य बैंक खाते में अपने मोबाइल नंबर जुड़वाते हैं। यह मोबाइल सिम फर्जी आईडी से खरीदे जाते हैं। बैंक में जैसे ही रुपये ट्रांसफर होते हैं तुरंत मैसेज उनके फोन पर आता है। इसके बाद रुपये निकाल लिए जाते। जिस व्यक्ति का खाता इस्तेमाल किया जाता है, उसे कमीशन दिया जाता है। आरोपी खाते में रुपये नहीं छोड़ते, तुरंत रुपये ट्रांजेक्शन कर लिए जाते हैं। पुलिस की छानबीन में पता चला है कि रोजाना इनके खातों में लाखों रुपये का ट्रांजेक्शन होता है। यह ज्यादा दिन खाता इस्तेमाल नहीं करते कुछ दिन बाद उसे बंद कर दूसरा खाता चालू कर लेते हैं।