Used To Grab Government Land By Threatening The Poor Defrauded The Government Of More Than Rs 100 Crore By Forming A Gang Chithera Land Scam In Greater Noida
ग्रेटर नोएडा में चिटहेरा भूमि घोटाला : गरीबों को धमकाकर हड़पता था सरकारी जमीन, गैंग बनाकर 100 करोड़ से अधिक का सरकार को लगाया चूना
Greater Noida : ग्रेटर नोएडा के चिटहेरा भूमि घोटाले में जारचा पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया आरोपी पिछले करीब एक साल से फरार चल रहा था। बताया जा रहा है कि इस आरोपी पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था। साथ ही गैंगस्टर का मुकदमा भी दर्ज था, लेकिन पुलिस की ओर से जारी प्रेस नोट में इसका जिक्र तक नहीं किया गया है। वहीं, दूसरी तरफ पुलिस का दावा है कि इस मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है।
ये है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक दिल्ली से गिरफ्तार किए आरोपी की पहचान नरेंद्र कुमार के रूप में हुई है। आरोपी दिल्ली से पकड़ा गया है। पुलिस की मानें तो आरोपी नरेंद्र कुमार गैंग बनाकर दादरी के चिटहेरा गांव के पास गरीब किसानों को धमकाकर सरकारी पट्टों वाली जमीनों को सस्ते दामों में खरीद लेता था। विरोध करने पर फर्जी केस में फंसाता था। धमकी देकर उन्हें चुप करा देता था। इस मामले में दादरी पुलिस ने गिरोह के सरगना नई दिल्ली निवासी यशपाल तोमर और राजेश शर्मा, बागपत निवासी कर्मवीर बैलू, कृष्णपाल मालू, दिल्ली के पालम निवासी नरेंद्र कुमार, पूर्वी दिल्ली निवासी गोवर्धन, दादरी तहसील में तैनात रहे लेखपाल शीतला प्रसाद के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी।
सरकारी पट्टों की 100 करोड़ रुपये से अधिक की जमीन खरीदी
आरोप है कि इन सभी आरोपियों ने मिलकर सरकारी पट्टों की 100 करोड़ रुपये से अधिक की जमीन फर्जीवाड़ा करके खरीद ली थी। इस मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तारी के बाद रविवार को आठवें आरोपी नरेंद्र को दिल्ली से पकड़ा गया है।
नरेंद्र ने किसानों के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज करवाया
आपको बता दें कि चेहरा गांव में जब किसानों ने यशपाल तोमर, राजेश शर्मा और उनके गैंग को जमीन देने से इनकार कर दिया तो उनके ख़िलाफ दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और राजस्थान में फ़र्ज़ी मुक़दमे दर्ज करवाए गए। किसानों के ख़िलाफ़ सबसे पहला मुक़दमा नरेंद्र कुमार ने दिल्ली के कश्मीरी गेट थाने में दर्ज करवाया था। हालांकि, अब नरेंद्र कुमार ने इस मुकदमे की जानकारी होने से साफ इंकार किया है। इतना ही नहीं, नरेंद्र ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। जिसमें उसने कहा है कि उसे कश्मीरी गेट थाने में किसानों के ख़िलाफ दर्ज करवाए गए मुकदमे की कोई जानकारी नहीं है। उसकी आईडी का ग़ैर वाजिब इस्तेमाल किया गया है। मुकदमा डालने के लिए इस्तेमाल किए गए दस्तावेजों पर उसके दस्तखत नहीं हैं। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को जांच सौंपी है।