Tricity Today | कामधेनु गौशाला के बाहर पड़ा कूड़े का ढेर
Gurugram : हिंदू धर्म में गाय को मां कहा गया है और देवताओं के समान उन्हें पूजा जाता है। भारत में बहुत सारे गौशालें बनाए गए हैं, जिसमें गायों के पालन–पोषण का विशेष रूप से ध्यान दिया जाता है। गौशाला का निर्माण इसलिए भी किया जाता है, ताकि सड़क पर घूम रही गाय कोई ऐसा पदार्थ या कूड़ा ना खा ले, जिससे उसकी जान को खतरा हो। साथ ही गायों को साफ–सुथरी जगह, अच्छा भोजन और सही देखभाल मिले। गौशाला बनने के बावजूद गायों की जान को खतरा बना हुआ है और प्रशासन इस बात से अंजान है या यूं कहें कि नजरंदाज कर रही है।
गौशले के बाहर पड़ा कूड़े का ढेर
राजधानी दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम स्थित पालम विहार में कामधेनु गौशाला है। गौशले के बाहर कूड़े का ढेर पड़ा हुआ है। कूड़े के ढेर की मात्रा इतनी ज्यादा है कि गौशाला में आने वाले श्रद्धालुओं ने भी वहां जाना बंद कर दिया। कूड़े की बदबू से गायों को तकलीफ हो रही है। कूड़े के ढेर की बदबू और उस में पैदा होने वाले कई तरह के कीड़ों से गायों को बीमारी होने का खतरा है। जहां भारत में एक तरफ लम्पी वायरस से गायों की जान को खतरा बना हुआ है, वहां प्रशासन द्वारा इतनी बड़ी लापरवाही नजरअंदाज नहीं की जा सकती। प्रशासन अपनी इस लापरवाही से अनजान है और इसके कारण कामधेनु गौशाला में मौजूद गायों की जान को खतरा बना हुआ है।
प्रशासन की लापरवाही
पिछले महीने सितंबर की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुग्राम में लम्पी वायरस के संक्रमण से तकरीबन 93 मवेशियों की मौत हो गई। गुरुग्राम, सोहना और पटौदी क्षेत्रों में लम्पी वायरस की वजह से 890 मामले पाए गए थे। भारत में तेजी से बढ़ रहे इस संक्रमण से गायों को बचाने के लिए जहां प्रशासन को बड़े कदम उठाने चाहिए और विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए, वहां प्रशासन इतनी बड़ी लापरवाही कर रहा है। सड़कों पर आवारा घूम रहे गोवंश लम्पी वायरस जैसे बीमारियों से जूझ रहे हैं। बड़ी संख्या में ऐसी गाय भी हैं, जिनकी दर्दनाक मौत भी हो चुकी है और कई गोवंश मौत के कगार पर खड़ा है लेकिन ऐसा लग रहा है कि जिम्मेदार प्रशासन पूरी तरह से इस मसले पर हथियार डाल चुका है।
बन्ना गायों की जान को खतरा
कोरोना काल के समय में इंसानों के ऊपर यह समस्या आई थी, तो प्रशासन एक से बढ़कर एक उपाय कर रहा था और इंसानों को बचाने के लिए सभी उचित प्रयास कर रहा था, लेकिन आज जानवरों में तेजी से फैल रही इस बड़े संक्रमण को प्रशासन रोकने के बजाय लापरवाही कर रहा है या यूं कहें कि नजरअंदाज कर रहा है। अधिकारियों ने बताया कि लम्पी स्किन डिजीज (एलएसडी) तेजी से फैल रहा है, लेकिन यह न तो जानवरों से और न ही गाय के दूध से इंसानों में फैलता है। क्या यही वजह है कि प्रशासन इतनी बड़ी लापरवाही कर रहा है ? यह संक्रमण सिर्फ जानवरों में होता है और इससे इंसानों को कोई खतरा नहीं है, इसलिए प्रशासन इसे नजरंदाज कर रहा है।