परिवार पहचान पत्र योजना से बुजुर्गों को घर बैठे मिल रही पेंशन, इस तरह लगाई भ्रष्टाचार पर लगाम

Gurugram : परिवार पहचान पत्र योजना से बुजुर्गों को घर बैठे मिल रही पेंशन, इस तरह लगाई भ्रष्टाचार पर लगाम

परिवार पहचान पत्र योजना से बुजुर्गों को घर बैठे मिल रही पेंशन, इस तरह लगाई भ्रष्टाचार पर लगाम

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  • -घर बैठे बुढापा पेंशन शुरू होने का सरल व प्रमुख माध्यम बना परिवार पहचान पत्र : डीसी गुरुग्राम
  • -गुरुग्राम में ऑटो मोड से बनी 226 बुजुर्गों की पेंशन
  • -मुख्यमंत्री की इस निर्णायक पहल से बुजुर्गों को अब मिल रहा वास्तविक सम्मान : पेंशन लाभार्थी
Gurugram News : हरियाणा सरकार प्रदेश में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा रही है। इसी के साथ-साथ हरियाणावासियों को सरल व सुगम माध्यम से सरकारी सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई परिवार पहचान पत्र योजना का अब धरातल पर असर दिखने लगा है। जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया वृद्धावस्था पेंशन योजना को परिवार पहचान पत्र से जोड़ने के बाद अब बुजुर्गों को राहत मिलने लगी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के मार्गदर्शन में प्रदेश में जब से सरकार की यह फ्लैगशिप योजना शुरू हुई है, तब से आयु व आय के निर्धारित मापदंडों को पूरा करने वाले बुजर्गो की परिवार पहचान पत्र के माध्यम से अब वृद्धावस्था सम्मान पेंशन ऑटो मोड में बनने लगी है।अब किसी भी बुजुर्ग को वृद्धावस्था सम्मान भत्ता लेने के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं है। जिला गुरुग्राम में 226 बुजुर्गों की पेंशन इसी सिस्टम के माध्यम से बन चुकी है।

इतने होनी चाहिए सालाना आए
इस संबंध में जिला समाज कल्याण अधिकारी जितेंद्र ढिल्लों ने बताया कि परिवार पहचान पत्र के तहत जिनकी उम्र 60 साल हो गई है। जिनकी पति-पत्नी की सालाना इनकम 2 लाख रुपय से कम हैं, उनका डेटा क्रीड की तरफ से ऑटोमेटिक तरीके से सोशल जस्टिस डिपार्टमेंट को भेज दिया जाएगा। परिवार पहचान पत्र में जैसे ही बुजुर्ग की उम्र 60 वर्ष होती हैं, उसी समय विभाग को क्रीड की ओर से सूची मिल जाती है। इसके बाद विभाग संबंधित लाभार्थी के पास जाकर उसकी सहमति लेता हैं, अगर वह सहमति देता है तो उसके बाद पेंशन शुरू कर दी जाती है। 

कर्मचारी खुद घर आकर बनाएंगे पहचान पत्र
उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे वृद्धावस्था सम्मान भत्ता के लिए किसी भी कार्यालय में चक्कर ना लगाएं। इस सम्मान भत्ता के पात्र होते ही विभाग के कर्मचारी खुद उनके घर आएंगे। उन्होंने बताया कि उपरोक्त प्रक्रिया के तहत जिला समाज कल्याण विभाग के पास मुुख्यालय से 313  ऐसे पात्रों की सूची पहुंची है, जिनकी पेंशन बननी है। इनमें से जिले के 226 बुजुुर्गों की पेंशन बन भी चुकी है।
 
परिवार पहचान पत्र ने बढ़ाया बुजुर्गों का मान
हेलीमंडी निवासी अशोक कुमार कत्याल बताते हैं कि इस वर्ष मई माह में उनकी 60 वर्ष आयु पूर्ण हुई है। जिसके तहत वे वृद्धावस्था पेंशन के लिए आवेदन करने की सोच रहे थे, लेकिन कुछ ही दिनों के अंतराल में समाज कल्याण विभाग के कर्मचारियों ने उनसे संपर्क किया और कहा कि कुछ कागजी कार्रवाई के लिए आपके घर आएंगे। उन्होंने बताया कि अगले ही दिन वे कर्मचारी घर आकर उनका सहमति पत्र सहित बैंकिंग डिटेल्स लेकर चले गए और इस पूरी प्रक्रिया के कुछ दिन बाद ही जुलाई माह में उनके बैंक खाते में उनकी पेंशन आ गयी। 

"योजना से मिल रहा लाभ"
परिवार पहचान पत्र के माध्यम से आसान हुई इस पूरी प्रक्रिया के एक अन्य लाभार्थी हेलीमंडी निवासी गजराज यादव ने कहा कि कभी बुजुर्गों के सम्मान स्वरूप शुरू हुई इस योजना को यदि किसी ने सार्थक दिशा दी है तो वे केवल हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ही हैं। जिन्होंने बुजुर्गों का मान रखते हुए परिवार पहचान पत्र के माध्यम से घर बैठे ही उन्हें इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ देने का निर्णायक कदम उठाया है। 

"मिलता वास्तविक सम्मान"
जून माह से इस योजना का लाभ ले रही गांव पथरेड़ी निवासी माया देवी कहती है कि 60 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद पेंशन के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाना एक जटिल व बोझिल प्रक्रिया थी जिसे परिवार पहचान पत्र ने बेहद सरल व सुगम बना दिया है। उन्होंने कहा कि पूर्व में भले ही इसे वृद्धावस्था सम्मान भत्ता कहा जाता हो, लेकिन वास्तविक सम्मान अब मिला है। जब आपको घर बैठे ही योजना का लाभ मिल रहा है।

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