Gurugram News (आशुतोष राय) : गुरुग्राम में ट्रैफिक सिग्नल खराब होने से वाहन चालकों को परेशानी से जूझना पड़ता है। साइबर सिटी होने की चलते यहां अत्यंत ट्रैफिक जाम हो जाता है। इसी परेशानी से निजाद पाने के लिए गुरुराम पुलिस एक नई टेक्नोलॉजी लाने जा रही है। इस पर करीब 40 लाख रुपये खर्च होंगे। रास्ता जाम होने या सड़क पर किसी तरह का व्यवधान होने पर ट्रैफिक डायवर्जन करने में काफी समस्या आती है। समस्या का समाधान करने में ये टेक्नोलॉजी उपयोग में आएगी।
कैसे मिलेगा ट्रैफिक से छुटकारा
गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस का मानना है कि इस नई टेक्नोलॉजी से यातायात में बेहतरी आएगी। कई बार शहर के मैन चौक पर ट्रैफिक लाइटें खराब हो जाती हैं, ऐसे में पुलिस को यातायात संभालना पड़ता है। इंजीनियर के आने और ट्रैफिक सिग्नल को ठीक करने में दो-तीन घंटे का समय लग जाता है। ऐसे में पोर्टेबल ट्रैफिक सिग्नल होने से इस समस्या को तुरंत दूर किया जा सकेगा। इसे देखते हुए जीएमडीए अब पोर्टेबल ट्रैफिक सिग्नल खरीदने की तैयारी में है। जीएमडीए के एक अधिकारी ने बताया कि यातायात पुलिस ने बीस पोर्टेबल ट्रैफिक सिग्नल की मांग की है। जीएमडीए के सीईओ से मंजूरी मिलने के बाद इस प्रस्ताव को जल्द सिरे चढ़ाया जा रहा है। बीस पोर्टेबल ट्रैफिक सिग्नल करीब 40 लाख रुपये से खरीदे जाएंगे।
कही भी लगाई जा सकती है ट्रैफिक लाइट
ट्रैफिक पुलिस शहर में यातायात को नियंत्रित करने के लिए पोर्टेबल ट्रैफिक सिग्नल का उपयोग करेगी। इसे खासकर वीआईपी मूवमेंट, प्रदर्शन, डायवर्जन और सड़कों पर चल रहे निर्माण या मरम्मत कार्यों के दौरान उपयोग किया जाएगा। पुलिस के अनुसार शहर में ऐसे कई स्थान हैं। जहां ट्रैफिक सिग्नल नहीं लगाए जा सकते हैं, लेकिन इन पोर्टेबल ट्रैफिक सिग्नल या मोबाइल ट्रैफिक सिग्नल से ट्रैफिक पुलिस को वाहनों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
क्या होता है पोर्टेबल ट्रैफिक सिग्नल
पोर्टेबल ट्रैफिक सिग्नल सौर ऊर्जा से चलता है, जिसमें एक बैटरी बॉक्स लगाया गया है। इसमें नार्मल सिग्नल की तरह ही तीन लाइट लगाई गई हैं। यह पूरी तरह से पोर्टेबल सिग्नल है। इन्हें वाहन में रखकर किसी भी स्थान पर लगाया जा सकता है। पुलिस विभाग की मांग पर बीस पोर्टेबल ट्रैफिक सिग्नल खरीदने की प्रक्रिया चल रही है।