कंट्रोल रूम बनाकर गठित की टीमें, पिछले साल हुई थी 18 पशुओं की मौत

हापुड़ में लंपी वायरस का अलर्ट : कंट्रोल रूम बनाकर गठित की टीमें, पिछले साल हुई थी 18 पशुओं की मौत

कंट्रोल रूम बनाकर गठित की टीमें, पिछले साल हुई थी 18 पशुओं की मौत

Tricity Today | डॉ. प्रमोद कुमार

Hapur News : जिले में लंपी वायरस के खतरे को देखते हुए जिलाधिकारी ने इसका संज्ञान लेकर पशुपालन विभाग को अलर्ट कर दिया है। जिलेभर में कंट्रोल रूम बना दिए गए हैं। आठ टीमें भी गठित कर दी हैं। पशु चिकित्साधिकारियों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई हैं। जिलेभर में जांच अभियान चलाया जाएगा। अभी तक जिले में कोई संक्रमित पशु नहीं मिला है। 

पिछले साल 1623 गौवंश आए थे चपेट में
पिछले साल लंपी वायरस की चपेट में 1,623 गौवंश आए थे। गांव से लेकर शहर की सड़कों पर बीमारी से पीड़ित पशु घूमते नजर आए थे। पशुपालन विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार 18 गौवंशों की लंपी वायरस के कारण मौत हो गई थी। पिछले साल सितंबर महीने में ही यह रोग सक्रिय हुआ था। ऐसे में इस बार भी पशुपालन विभाग सतर्क हो गया है। जिले को 20 गोट पॉक्स वैक्सीन मिली थी, जिसमें 7503 गौवंशों को एलएसडी का टीका लगाया जा चुका है। जिले के सीमावर्ती गांवों में रिंग वैक्सीनेशन मोड में टीकाकरण कराया जा रहा है। 

क्या है लंपी स्किन डिजीज
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार के अनुसार लंपी स्किन डिजीज में गौवंशों के शरीर पर गांठे बनने लगती हैं। खासकर सिर, गर्दन, जननांग के आसपास ये गांठे बड़ी होने लगती हैं और घाव बन जाता है। एलएसडी वायरस मच्छरों और मक्खियों, खून चूसने वाले कीड़ों से आसानी से फैलती है।  

क्या हैं इसके लक्षण
इस रोग से संक्रमित पशु को तेज बुखार, दूध उत्पादन में कमी के साथ गर्भपात, बांझपन हो जाता है। इस रोग में मृत्युदर दो से तीन प्रतिशत होती है। इलाज व सावधानी से पशुओं को बचाया जा सकता है। 

कंट्रोल रूम में ऐसे करें शिकायत
लंपी बीमारी को रोकने के लिए जनपद में कंट्रोल रूम बना दिया गया है, आठ चिकित्साधिकारियों की टीमें गठित कर दी गई हैं। पशु में लक्षण दिखने पर 7534988655 पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के मोबाइल नंबर 7302687519 पर शिकायत दर्ज की जा सकती है।

डॉक्टरों की आठ टीमें बनाईं
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि पशुओं कि निगरानी कराई जा रही है। फिलहाल जिले में लंपी से पीड़ित कोई पशु नहीं है। कंट्रोल रूम बना दिया गया है, साथ ही आठ चिकित्साधिकारियों की टीम भी गठित कर दी गई है। लक्षण दिखने पर पशुपालक जानकारी दें।

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