43000 फीट ऊंचाई पर 100 यात्री चंद्र ग्रहण की घटना के बनेंगे साक्षी, महज 30 मिनट में बिक गए करोंड़ों के टिकट, पढ़ें दिलचस्प खबर

खास खबर : 43000 फीट ऊंचाई पर 100 यात्री चंद्र ग्रहण की घटना के बनेंगे साक्षी, महज 30 मिनट में बिक गए करोंड़ों के टिकट, पढ़ें दिलचस्प खबर

43000 फीट ऊंचाई पर 100 यात्री चंद्र ग्रहण की घटना के बनेंगे साक्षी, महज 30 मिनट में बिक गए करोंड़ों के टिकट, पढ़ें दिलचस्प खबर

Google Image | 43000 फीट ऊंचाई पर 100 यात्री चंद्र ग्रहण की घटना के बनेंगे साक्षी

  • ऑस्ट्रेलिया, पूर्वी एशिया, प्रशांत और पश्चिमी अमेरिका के कुछ देशों में आज, 26 मई को साल 2021 का पहला चंद्र ग्रहण दिखाई देगा
  • ऑस्ट्रेलिया की भरोसेमंद एयरलाइन क्वांटस (Qantas Airlines) ने चंद्र ग्रहण को खास बनाने के लिए एक विशेष विमान उड़ाने का फैसला लिया है
  • इस विमान में सवार 100 यात्री 43000 फीट की ऊंचाई से चंद्रमा को पृथ्वी की छाया में प्रवेश करते हुए देखेंगे
  • इस उड़ान के लिए बोइंग 787 ड्रीमलाइनर को चुना गया है
  • ऑस्ट्रेलियन ईस्टर्न स्टैंडर्ड टाइम पर सुबह 11:50 बजे चांद पृथ्वी के सबसे करीब होगा
ऑस्ट्रेलिया, पूर्वी एशिया, प्रशांत और पश्चिमी अमेरिका के कुछ देशों में आज, 26 मई को पूर्ण चंद्र गहण दिखाई देगा। यह साल 2021 का पहला चंद्र ग्रहण है। हालांकि ऑस्ट्रेलिया में लोग इस घटना को जमीन से देख सकेंगे। लेकिन ऑस्ट्रेलिया की भरोसेमंद एयरलाइन क्वांटस (Qantas Airlines) ने चंद्र ग्रहण को खास बनाने के लिए एक विशेष विमान उड़ाने का फैसला लिया है। इस विमान से ‘सुपर ब्लड मून’ के सबसे बेहतरीन दृश्य कैद किए जा सकते हैं। एयरलाइन का दावा है कि यात्रियों को जीवन में पहली बार चंद्र ग्रहण का ऐसा खास अनुभव मिलेगा। इसके लिए Qantas सिडनी से तीन घंटे की एक खास विमान संचालित करेगा। इस विमान में सवार 100 यात्री 43000 फीट की ऊंचाई से चंद्रमा को पृथ्वी की छाया में प्रवेश करते हुए देखेंगे। ये सभी यात्री पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा को लाल रंग में बदलने की घटना के साक्षी बनेंगे। 

बोइंग 787 ड्रीमलाइनर 43000 फीट की ऊंचाई पर पहुंचेगा
एयरलाइन की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि, “ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय विज्ञान और अनुसंधान एजेंसी कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन की एक खलोगशास्त्री ने विमान के पायलट के साथ मिलकर "एक बेहतरीन रूट" तैयार किया है। यात्रियों को चंद्र ग्रहण की घटना के बारे में जानकारी देने के लिए खगोलविद, वैनेसा मॉस भी विमान में सवार रहेंगी।” बयान में कहा गया है कि, विमान को निर्धारित रूट पर 43,000 फीट की ऊंचाई पर पहुंचाया जाएगा। ताकि चंद्र ग्रहण के शानदार नजारे को देखने में बादल और प्रदूषण बाधक न बनें। इस उड़ान के लिए बोइंग 787 ड्रीमलाइनर को चुना गया है। यात्रियों को खास अनुभव देने के लिए प्लेन में "कॉस्मिक कॉकटेल और सुपरमून केक" सर्व किया जाएगा। 

30 मिनट से कम वक्त में बिक गए सारे टिकट
क्वांटास की चीफ कस्टमर ऑफिसर स्टेफ़नी टली ने बताया कि उड़ान "खगोल विज्ञान, विज्ञान, अंतरिक्ष फोटोग्राफी, हवाई सफ के जुनूनी या कुछ अलग करने के इच्छुक लोगों के लिए बनाई गई थी।" इस उड़ान के लिए इसी महीने टिकटों की बिक्री शुरू हुई थी। महज 30 मिनट से भी कम वक्त में सारे टिकट बिक गए थे। इकोनॉमी क्लास के लिए 499 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (लगभग $386) और बिजनेस क्लास के लिए 1,499 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (लगभग $1,162) की कीमत रखी गई थी। जानकारों का कहना है कि अगर एयरलाइन कीमतें इससे ज्यादा भी रखती, तो भी 30 मिनट में सभी टिकटें बिक जातीं।

सिडनी से उड़ान भरेगा विमान
यह उड़ान आज सिडनी हवाई अड्डे से प्रस्थान करेगी और सिडनी हार्बर के ऊपर से होते हुए वापस उसी हवाई अड्डे पर लौटेगी। दरअसल कोरोना वायरस को लेकर ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने दुनिया में सबसे कठोर यात्रा प्रतिबंध लगाया है। सरकार ने अपने नागरिकों के लिए भी देश में या बाहर अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर रोक लगा दी है। मगर घाटे से उबरने के लिए ऑस्ट्रेलिया की कई एयरलाइंस ने "फ्लाइट्स टू नोव्हेयर" कैंपेन चलाया था। इसके तहत लोगों को नजदीक एयरोस्पेस में हवाई यात्रा कराई गई। पिछले साल अक्टूबर में क्वांटस एयरलाइन ने ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी क्षेत्र, क्वींसलैंड और न्यू साउथ वेल्स के ऊपर उड़ान भरी थी। उस फ्लाइट ने भी सिडनी से उड़ान भरी थी और वहीं लैंडिंग की। उस फ्लाइट के टिकट 10 मिनट में बिक गए थे।

इन समयों पर दिखाई देगा चंद्र ग्रहण
जो लोग सुपरमून की उड़ान में नहीं होंगे, वो चंद्र ग्रहण की घटना को ऑस्ट्रेलिया, पूर्वी एशिया, प्रशांत और पश्चिमी अमेरिका के द्वीपों से देख सकेंगे। ऑस्ट्रेलियन ईस्टर्न स्टैंडर्ड टाइम पर सुबह 11:50 बजे चांद पृथ्वी के सबसे करीब होगा। अमेरिका के वेस्ट कोस्ट पर बुधवार को पैसिफिक टाइम 1:47 पर चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। हालांकि पर्यावरण एक्टिविस्ट और जलवायु संरक्षण की पैरोकारी करने वालों ने ऐसी उड़ानों को अनावश्यक और पर्यावरण के लिए हानिकारक बताते हुए आलोचना की है। इस पर क्वांटस ने कहा है कि सुपरमून उड़ान के दौरान एयरलाइन बिलकुल भी कार्बन उत्सर्जन नहीं करेगा।

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