पूरे देश से अलग इस शहर में होली के 5 दिन बाद तक खेला जाएगा रंग, जानिए क्या है खास वजह

कानपुर होली महोत्सव का आगाज : पूरे देश से अलग इस शहर में होली के 5 दिन बाद तक खेला जाएगा रंग, जानिए क्या है खास वजह

पूरे देश से अलग इस शहर में होली के 5 दिन बाद तक खेला जाएगा रंग, जानिए क्या है खास वजह

Tricity Today | File Photo

- कानपुर का हटिया होली मेला इस बार 2 अप्रैल को मनाया जाएगा, तारीखों का हुआ ऐलान

- आजादी के दीवानों की याद में मनाए जाने वाले ऐतिहासिक पर्व पर निकाली जाती है विशेष झांकी

 

पूरे देश से अलग इस बार इस शहर में होलिका दहन से 5 दिन बाद तक झमाझम रंग खेला जाएगा। अनुराधा नक्षत्र वाले दिन निकलने वाले रंग भरे ठेले की तारीखों का ऐलान कमेटी की ओर से कर दिया गया है। आजादी के दीवानों की याद में 1942 की घटना को याद करते हुए पूरा शहर 5 दिन तक पर्व मनाएगा। खास बात यह है कि 5 दिन तक होली मनाने के लिए शहर की सभी बाजारे भी पूरी तरह से बंद रहती है।

कानपुर हटिया होली महोत्सव कमेटी के संरक्षक मूल चंद्र सेठ और संयोजक ज्ञानेंद्र विश्नोई ने जानकारी दी है कि कमेटी की ओर से पंडित रामकुमार बाजपेई जी से जानकारी ली गई थी कि अनुराधा नक्षत्र कब पड़ रहा है। इस पर उन्होंने बैठक के दौरान पत्रा देखकर बताया कि अनुराधा नक्षत्र इस बार 1 अप्रैल की दोपहर से शुरू होकर दूसरे दिन 2 अप्रैल दिन शुक्रवार तक रहेगा। कमेटी की ओर से यह निर्णय लिया गया कि हिंदू सनातन परंपरा के अनुसार उदया तिथि को मानते हुए 2 अप्रैल दिन शुक्रवार को गंगा मेला मनाया जाएगा। कमेटी की ओर से यह ऐलान किया गया है की 1942 की परंपरा को निभाते हुए 2 अप्रैल के दिन कानपुर का हटिया होली मेला आयोजित किया जाएगा। इस तरह से होलिका दहन 28 मार्च को होगा और पूरे देश में 29 मार्च को रंग खेला जाएगा। पूरे देश से अलग कानपुर शहर में होली महोत्सव का समापन 2 अप्रैल को होगा।



ऐसे होता है तिथियों का ऐलान : कानपुर में 1942 की आजादी के दीवानों की घटना को मनाते हुए होली के बाद पड़ने वाले अनुराधा नक्षत्र तक होली मनाई जाती है। कमेटी और विद्वान पंडितों की ओर से तिथियों का ऐलान करने से पहले यह देखा जाता है कि होलिका दहन के बाद अनुराधा नक्षत्र कब पड़ रहा है। ऐसे में पंचांग के अनुसार अनुराधा नक्षत्र का आकलन कर होली मेले की तिथियों का ऐलान किया जाता है। इस तरह से कानपुर में मनाई जाने वाली होली के दिन कमेटी की ओर से निर्धारित किए जाते हैं। अनुराधा नक्षत्र के अनुसार मनाई जाने वाली होली के दिन कम या ज्यादा भी संभव हो सकते हैं।

निकलता है रंग भरा ठेला :  होली मेले वाले दिन कानपुर के ऐतिहासिक रंजन बाबू पार्क से रंग भरा ठेला निकाला जाता है। यह ठेला शहर की विभिन्न गलियों से होता हुआ लोगों को रंगों से सराबोर करते हुए और होली की बधाई देते हुए निकलता है। इस रंग भरे ठेले का रूट कमेटी की ओर से वही निर्धारित किया जाता है जो 1942 की घटना के समय आजादी के दीवानों ने अपनाया था। रंग भरे ठेले के साथ विभिन्न झांकियां और शहर के गणमान्य सदस्य भी शामिल होते हैं।



मुस्लिम भी करते हैं स्वागत : आजादी के दीवानों की याद में निकाले जाने वाले रंग भरे ठेले का स्वागत शहर के मुस्लिम समुदाय के लोग भी बढ़-चढ़कर करते हैं। गले में शामिल सभी लोगों को वे लोग माला पहला कर चंदन लगाकर गुझिया खिलाते हैं। इसके अलावा रंग खेलते हुए सभी लोगों के ऊपर फूलों की बारिश कर ठेले का स्वागत किया जाता है।

करोना को देखते हुए बदल सकते हैं नियम : माना जा रहा है इस बार होली मेले पर करोना  को देखते हुए नियमों में कुछ परिवर्तन किया जा सकता है। इसके लिए कमेटी की होने वाली बैठकों में निर्णय लिया जाएगा। इन बैठकों के साथ जिला प्रशासन के अधिकारी भी शामिल होते हैं। कमेटी की ओर से लिए गए निर्णय को शहर के सभी आम नागरिकों तक पहुंचाया जाता है।

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