Lucknow News : गृहमंत्री अमित शाह थोड़ी देर पहले लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट पहुंचे हैं। कार्यवाहक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अमित शाह का एयरपोर्ट पर स्वागत किया है। थोड़ी देर में अमित शाह और योगी आदित्यनाथ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पहुंचेंगे। जहां पर योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इसके बाद कैबिनेट गठन को लेकर अहम चर्चा होगी। भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में विधायक दल की बैठक शुरू होने वाली है। इस बैठक में भारतीय जनता पार्टी और गठबंधन दलों के सभी विधायकों को बुलाया गया है। जिसमें योगी आदित्यनाथ को नेता चुना जाएगा। पिछले 2 सप्ताह से योगी आदित्यनाथ की दूसरी सरकार में मंत्री कौन बनेगा, इसको लेकर मंथन चल रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल गठन के लिए 9 पैरामीटर तैयार किए हैं। बताया जा रहा है कि इनके आधार पर ही विधायकों को नए मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी।
आज होगा योगी मंत्रिमंडल का फैसला
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड बहुमत हासिल की है। योगी आदित्यनाथ देश के टॉप 10 विधायक में भी शामिल हुए हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा मतों से जीत हासिल की है। योगी आदित्यनाथ को आज की मुख्य बैठक में विधायक दल का नेता चुना जाएगा। उसके बाद योगी आदित्यनाथ केबिनेट विस्तार पर अंतिम मोहर लगाई जाएगी। भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में यह फैसला हुआ कि किन विधायकों को मंत्रिमंडल की जिम्मेदारी दी जाएगी ? कौन सा विधायक कौन सा मंत्रीमंडल संभालेगा ? पूरे उत्तर प्रदेश की निगाहें आज की इस बैठक पर हैं। थोड़ी देर में भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में बैठक शुरू होगी। इसमें गृह मंत्री अमित शाह के अलावा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह समेत काफी बड़े नेता मौजूद होंगे।
65 साल से ज्यादा उम्र वाले मंत्री नहीं बनेंगे
योगी आदित्यनाथ के चेहरे पर उत्तर प्रदेश के मतदाताओं ने भाजपा को चुनाव जिताया है। लिहाजा, इस बार योगी सरकार से अपेक्षाएं ज्यादा हैं। सरकार के सामने और बेहतर परिणाम देने की चुनौती रहेगी। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने फैसला लिया है कि कैबिनेट में जगह हासिल करने वाले विधायकों की अधिकतम उम्र 65 वर्ष रहेगी। मतलब, उम्रदराज विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलेगी। उन्हें दूसरे समांतर सरकारी पदों पर नियुक्ति देकर समायोजित किया जाएगा। यही वजह है कि इस बार यूपी के सीनियर मोस्ट विधायक सुरेश खन्ना को विधानसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है। बाकी विधायकों को दूसरे बिना लाभ वाले सरकारी पदों पर भेजा जाएगा। भारतीय जनता पार्टी का मकसद युवा चेहरों को आगे रखकर सरकार की छवि साफ रखना है। कामकाज को गति देना है। पार्टी अपने मतदाताओं को संदेश देना चाहती है कि युवाओं को अधिक से अधिक अवसर मिलेंगे।
महिला और पेशेवर सरकार का हिस्सा बनेंगे
इस विधानसभा चुनाव में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर वोट डाले हैं। महिला वोटरों ने पुरुषों के मुकाबले ज्यादा मतदान किया है। इतना ही नहीं महिलाओं ने भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में परिवार, जाति और धर्म के बंधनों को तोड़कर वोटिंग की। यही वजह है कि योगी मंत्रिमंडल में महिलाओं को ज्यादा प्रतिनिधित्व देने का फैसला लिया गया है। पिछली सरकार में 3 महिला मंत्री थीं। इस बार इनकी संख्या बढ़कर 10 हो सकती है। विधानसभा में रिकॉर्ड तोड़ 48 विधायक महिलाएं पहुंची हैं। बड़ी बात यह है कि इनमें से 33 महिला विधायक भाजपा गठबंधन की हैं। पार्टी ने कम से कम 30% महिला विधायकों को मंत्री बनाने का फैसला लिया है। इसी तरह प्रोफेशनल विधायकों को मंत्री बनाया जाएगा। मसलन, इंजीनियर, डॉक्टर, प्रबंधक, चार्टर्ड अकाउंटेंट, वकील, रिटायर आईएएस और आईपीएस योगी मंत्रिमंडल में काम करेंगे। प्रोफेशनल्स को सरकार में लाकर योगी आदित्यनाथ कामकाज को गति देना चाहते हैं। इससे मंत्रिमंडल और नौकरशाही में बेहतर समन्वय बनाने की कोशिश की जाएगी। एके शर्मा, असीम अरुण और राजराजेश्वर जैसे नौकरशाहों का मंत्री बनना तय है।
अनुभवी नेताओं को रखा जाएगा
जहां एक तरफ भारतीय जनता पार्टी युवा, महिलाओं और पेशेवरों को आगे बढ़ाना चाहती है, वहीं दूसरी तरफ अनुभवी नेताओं को भी पीछे नहीं रखा जाएगा। इस मंत्रिमंडल में युवा और अनुभवी मंत्रियों का समन्वय देखने के लिए मिलेगा। मसलन, कैबिनेट मिनिस्टर सीनियर लीडर बनेंगे। उनके साथ बतौर नायब युवाओं को अवसर दिए जाएंगे। अनुभव और रफ्तार को जोड़ने की कोशिश रहेगी। इस आधार पर सतीश महाना, सूर्य प्रताप शाही, नंद गोपाल नंदी, रमापति शास्त्री, जय प्रताप सिंह, बृजेश पाठक, सिद्धार्थ नाथ सिंह और आशुतोष टंडन जैसे अनुभवी नेताओं का मंत्री बनना तय है।
विधानसभा में सत्ता पक्ष की स्थिति
यूपी विधानसभा में सत्ता पक्ष की तीन पार्टियां हैं। मुख्य भारत जनता पार्टी है। दो घटक दल अपना दल (सोनेलाल) और निषाद पार्टी हैं। भारतीय जनता पार्टी को 255 विधानसभा क्षेत्रों में कामयाबी मिली है। अपना दल (एस) को 12 और निषाद पार्टी को 6 सीट जीतने में कामयाबी मिली है। इस तरह यूपी विधानसभा में इस बार सत्ता पक्ष के पास 273 विधायक रहेंगे।
विपक्ष का गणित कुछ इस तरह है
इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्षी गठबंधन समाजवादी पार्टी का है। सपा के साथ राष्ट्रीय लोकदल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी शामिल हैं। इसके अलावा कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी भी हैं। चुनाव में समाजवादी पार्टी के 111 उम्मीदवार जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। राष्ट्रीय लोकदल को 8 और सुहेलदेव समाज पार्टी को 6 विधानसभा सीटों पर जीत मिली है। इस तरह समाजवादी पार्टी गठबंधन में 125 विधायक रहेंगे। इस बार कांग्रेस को केवल 2 और बहुजन समाज पार्टी को 1 सीट पर जीत हासिल हो पाई है।