लखनऊ में पाइप आपूर्ति घोटाले में जल शक्ति विभाग में आरोप लगाने वाले संजय सिंह के खिलाफ बस्ती के हरैया विधायक अजय सिंह हज़रतगंज थाने में एफआईआर लिखवाने पहुंचे। अजय सिंह ने आरोप लगाया कि संजय सिंह ने गलत तरीके से नाम लेकर कूट रचित दस्तावेजों के साथ मीडिया को दिखाया है इसके खिलाफ शिकायत की जा रही है। संजय सिंह द्वारा चेक डैम घोटाले के कागज दिखाकर पाइप आपूर्ति घोटाला बताया गया।
तहरीर में लिखी यह बात
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने प्रेस वार्ता में मेरे द्वारा विधानसभा में प्रश्न उठाने संबंधी प्रपत्र का उल्लेख किया और कथित रूप से जल शक्ति मंत्रालय के घोटाले का उल्लेख आरोपित किया संजय सिंह ने मेरे नाम का उल्लेख करते हुए जालसाजी करते हुए मुझे बदनाम एवं छवि खराब करने की दृष्टि से संयंत्र कर प्रेस वार्ता में गलत व कूट रचित दस्तावेज प्रस्तुत किए संजय सिंह ने अपनी प्रसिद्धि पाने के लिए अपने हित में जालसाजी करते हुए कूट रचित दस्तावेजों व पत्रों का प्रयोग किया मेरा प्रपत्र जल शक्ति विभाग से संबंधित नहीं था बल्कि पूर्व की सरकार में हुए चेक डैम घोटाले की जांच व कार्रवाई के संबंध में था उपरोक्त धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करने का कष्ट करें।
संजय सिंह के आरोपों को ठहराया गलत
बीते सोमवार को जल शक्ति मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया था कि संजय सिंह ने लिखा 1 लाख, 20 हज़ार करोड़ की योजना में घोटाला, पता नही ये फिगर कहा से आया। अभी तक 15 हज़ार करोड़ का बुंदेलखंड क्षेत्र के DPR बना। संजय सिंह ने कहा कि कंपनी कई जगह ब्लैकलिस्टेड है, जबकिं जम्मू, हिमाचल जहां का भी उदाहरण दिया कही भी ब्लैकलिस्ट का आदेश नहीं है।बपश्चिम बंगाल का संजय सिंह ने उदाहरण दिया 2013 का एक कागज दिखाकर। जबकि पश्चिम बंगाल में ही बाद में एक और आदेश हुआ जिसमें कहा गया कि पहला कागज भूलवश जारी हुआ था। संजय सिंह ने सेना में भी कंपनी को प्रतिबंधित करने की बात कही।
ये था मामला
बीते रविवार को लखनऊ में आप सांसद संजय सिंह ने प्रेसवार्ता कर 'मिशन जल जीवन' के महाघोटाले का पर्दाफाश किया था। 30 हजार करोड़ रुपए के इस घोटाले में शामिल मंत्री और अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए सीबीआई जांच की मांग की और इसके लिए सरकार को एक हफ्ते का समय दिया। दूसरे ही दिन सोमवार को जलशक्ति मंत्री सरकार की तरफ से मैदान में उतरे और संजय सिंह के आरोपों को नकारते हुए तमाम कागजों के हवाले से मिशन के कामकाज को जायज ठहराया।