5 साल नहीं बल्कि 50 साल तक लडूंगा सामाजिक न्याय की लड़ाई, सीएम अपनी संपत्ति करें सार्वजनिक- ओपी राजभर

Lucknow : 5 साल नहीं बल्कि 50 साल तक लडूंगा सामाजिक न्याय की लड़ाई, सीएम अपनी संपत्ति करें सार्वजनिक- ओपी राजभर

5 साल नहीं बल्कि 50 साल तक लडूंगा सामाजिक न्याय की लड़ाई, सीएम अपनी संपत्ति करें सार्वजनिक- ओपी राजभर

Google Image | ओपी राजभर

Lucknow : उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी गठबंधन की हार के बाद अब 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में विपक्ष जुट गया है। रविवार को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि भगवान श्रीराम 14 साल जंगल में भटके और ओमप्रकाश राजभर के 14 साल गांव गांव जाकर जगह शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार नौकरी दिलाने के लिए बैठा है 14 साल हमने सत्ता के लिए काम नहीं किया। जब मुझे सत्ता मिली तो 18 महीने में छोड़ दिए 5 साल नहीं चाहे 50 साल लगे राम जी ने कहा है सामाजिक न्याय की लड़ाई आनी चाहिए सत्ता कोई बड़ी चीज नहीं होती आती जाती रहती है।

सीएम योगी को भी अपनी संपत्ति करनी चाहिए सार्वजनिक- राजभर
ओमप्रकाश राजभर ने मंदिर और मस्जिद के बाहर पूजा न करने आदेश पर निशाना साधते हुए कहा कि टीवी पर देखा कि हमारे प्रदेश मुख्यमंत्री का बयान आया है कि हम सड़क पर किसी को पूजा नहीं करने देंगे। तो हम इंतजार कर रहे हैं कि आखिर कावड़ यात्रा कहां होगी। वहीं संपत्ति का ब्योरा देने के आदेश पर उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में भी सीएम योगी ने यही आदेश दिया था लेकिन कुछ भी नहीं हुआ। उस समय तो हम भी मंत्री थे। 15 दिन में सब भुला जायेंगे। राजभर ने मांग की है सीएम योगी, यूपी के मंत्री और अधिकारियों समेत सभी को अपनी संपत्ति सार्वजनिक करनी चाहिए।

सुभासपा को यूपी के चार भागों में बांटा -राजभर
राजभर ने कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी, बिहार में लालू प्रसाद यादव, दिल्ली में अरविंद केजरीवाल, राजस्थान में कांग्रेस, छत्तीसगढ़, उद्धव ठाकरे और शरद पवार भी एंटी वाली गोल में है। बता दें कि सुभासपा द्वारा दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ है। जिसमें राष्ट्रीय कमेटी प्रदेश के जिम्मेदार लोगों को बुलाकर उनको गांव में क्षेत्रों में पूरे उत्तर प्रदेश को 4 भागों में बांटा गया है। संगठन के दृष्टिकोण को देखते हुए पूर्वांचल मध्यांचल पश्चिमांचल और बुंदेलखंड और सभी प्रदेश में अध्यक्ष की नियुक्ति भी किया गया है।

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