Lucknow News : उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए सरकार तरह-तरह की योजनाएं चला रही है। प्रदेश में इलेक्ट्रिक व्हीकल रखने वाले लोगों को किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े, इसके लिए सरकार अब प्रदेश में इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशनों का भी विस्तार कर रही है। यूपी में 2000 से अधिक इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन के निर्माण के लिए टाटा पावर, अडानी पावर और इंडियन ऑयल जैसी कंपनियां निवेश करेंगी।
2000 से अधिक नए चार्जिंग स्टेशन लगाने का लक्ष्य
उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए और अन्य लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा प्रदेश में इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशनों का भी विस्तार किया जाएगा। बताया जा रहा है कि प्रदेश के सभी प्रमुख हाइवे और एक्सप्रेस-वे पर अगले 2 साल में 2000 से अधिक नए चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना को पूरा करने के लिए सरकार की चार्जिंग स्टेशन और बैटरी स्वैपिंग के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों के साथ भी बातचीत चल रही है। जानकारी के अनुसार, प्रदेश में इलेक्ट्रिक व्हीकल रखने वाले लोगों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े, इसको लेकर सरकार का प्रयास है कि हर 25 किलोमीटर पर चार्जिंग स्टेशन खोले जाएं। इसके अलावा बैटरी स्वैपिंग स्टेशन बनाने की भी योजना है। बैटरी स्वैपिंग स्टेशन पर वाहन चालक अपने वाहन की बैटरी बदल सकते हैं।
नगर निगम और पेट्रोल पंप के पास लगाए जाएंगे स्टेशन
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में अगले दो साल में 2000 से अधिक नए इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन लगाने का लक्ष्य तय किया है। इन चार्जिंग स्टेशन को लगाने के लिए सरकार द्वारा प्रदेश के बड़े शहरों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए सरकार द्वारा नगर निगमों में 1300 चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे, जबकि लगभग 400 चार्जिंग स्टेशन पेट्रोल पंप के पास स्थापित किए जाएंगे। अधिकतर चार्जिंग स्टेशन लखनऊ, आगरा, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा और बरेली में लगाए जाएंगे। प्रदेश में एक्सप्रेस-वे बनाने वाली यूपीडा ने भी सभी एक्सप्रेसवे के किनारे चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए टेंडर जारी किए हैं।