नहीं होता दो वक्त का खाना नसीब, फिर भी लगाए 150 पौधे, पढ़िए खास खबर

लखनऊ : नहीं होता दो वक्त का खाना नसीब, फिर भी लगाए 150 पौधे, पढ़िए खास खबर

नहीं होता दो वक्त का खाना नसीब, फिर भी लगाए 150 पौधे, पढ़िए खास खबर

Tricity Today | अर्थ डे पर लगाए पेड़

Lucknow News : हर साल 22 अप्रैल को इंटरनेशनल अर्थ डे के रूप में मनाया जाता है। पृथ्वी दिवस को मनाने का उद्देश्य प्रदूषण और अन्य गतिविधियों में भारी वृद्धि के बारे में लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना है जो हर दिन किसी न किसी रूप में एनवायरमेंट को नुकसान पहुंचा रहे हैं। प्रदूषण और स्मॉग जैसी समस्याएं जो एनवायरमेंट को नुकसान पहुंचा रहीं हैं, उनसे निपटने के लिए अर्थ डे मनाया जाता है। ऐसे में राजधानी लखनऊ में उन लोगों ने इस दिन को मनाया है, जिनके पास शायद दो वक्त का भोजन तक नसीब नहीं होता है। 

गरीबों का पर्यावरण के प्रति प्रेम
लखनऊ की सड़कों को अपना घर समझने वाले वो गरीब लोग जिनके पास खुद का घर तो नहीं है, लेकिन सोच और पर्यावरण के प्रति प्रेम जरूर है। यही वजह है कि इन लोगों ने हनुमान सेतु के पास नदी किनारे करीब 150 पौधों का वृक्षारोपण किया। इनकी विचारों को पूरा करने के लिए लखनऊ नगर निगम, उद्यान विभाग और सुबोही फाउंडेशन ने अपना हाथ बढ़ाया और पर्यावरण को संरक्षित रखने के लिए इनकी सोच को पूरा किया। सुबोही फाउंडेशन से डायरेक्टर संदीप सक्सेना ने कहा कि वर्तमान समय में यह देखने को मिलता है कि इस तरह की सोच सिर्फ पढ़े-लिखे लोगों में ही होती है, लेकिन जब मैने इनके विचारों को सुना तो मुझे लगा कि पर्यावरण के प्रति जो इन गरीबों का प्रेम है। उसे हम मिलकर पूरा करें। 

ऐसे शुरू हुआ अर्थ डे
अमेरिका के एक सीनेटर गेलोर्ड नेल्सन ने इसकी शुरुआत पर्यावरण की शिक्षा के रूप में की थी। अमेरिका में 1970 में हुई इसकी शुरुआत हुई थी। इसके बाद से ही इस दिन को लगभग 195 से ज्यादा देश अर्थ डे के रूप में मनाते हैं। अमेरिका में 1969 में सांता बारबरा में तेल के रिसाव के बाद करीब दो करोड़ लोगों ने सड़कों पर निकलकर इसका विरोध किया था। 22 जनवरी को समुद्र में तीन मिलियन गैलेन तेल रिसाव हुआ था। इसमें 10,000 से भी ज्यादा समंदरी पक्षी, डाल्फिन, सील और सी-लायंस मारे गए थे। इसके बाद 22 अप्रैल 1970 के दिन लगभग दो करोड़ अमेरिकी लोगों ने पृथ्वी दिवस के पहले आयोजन में भाग लिया था। तभी से पर्यावरण के मुद्दे को लेकर हर साल अर्थ डे मनाया जाने लगा।

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