प्रियंका गांधी को 4 लोगों के साथ पीड़ित परिवार से मिलने की अनुमति दी, पुलिस ने हिरासत में लिया था

आगरा सफाईकर्मी मौत मामला : प्रियंका गांधी को 4 लोगों के साथ पीड़ित परिवार से मिलने की अनुमति दी, पुलिस ने हिरासत में लिया था

प्रियंका गांधी को 4 लोगों के साथ पीड़ित परिवार से मिलने की अनुमति दी, पुलिस ने हिरासत में लिया था

Tricity Today | एक बार प्रियंका के आगे झुकी सरकार

लखनऊ : यूपी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के आगरा जाने के मामले में सरकार ने 4 लोगों की टीम को अरुण वाल्मीकि के परिजनों से मिलने जाने की अनुमति दे दी है। प्रियंका पुलिस लाइन से निकलकर सीधे कौल हाउस पहुंची। जहां से प्रियंका गांधी आगरा के लिये रवाना हो चुकी है। वहीं इस मामले में मृतक अरुण की मां ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि 25 लाख की चोरी में पुलिस वालों के नाम उजागर ना हो इसलिये मेरे बेटे को मार डाला गया।

चार लोगों के साथ प्रियंका को आगरा जाने की इजाजत
प्रियंका गांधी अरुण की पुलिस कस्टडी में मौत मामले को लेकर आगरा जाकर पीड़ित परिवार से मिलने जा रही थी। लेकिन आगरा एक्सप्रेस-वे के एंट्री टोल पर प्रियंका गांधी को पुलिस ने रोक लिया था जिससे नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस में तीखी नोकझोक हो गई थी। उसी के बाद लखनऊ पुलिस प्रियंका गांधी को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन ले आई थी जहां करीब घंटे तक रोकने के बाद प्रियंका को 4 लोगों के साथ आगरा जाने के लिए अनुमति दे दी गई। फिलहाल प्रियंका पुलिस लाइन से निकल कर कौल हॉउस पहुंची। जहां से प्रियंका अरुण वाल्मीकि के परिजनों से मुलाकात करने देरशाम आगरा के लिये रवाना हो गई है।

परिजन को एक सरकारी नौकरी और 10 लाख की आर्थिक मदद
प्रियंका के लखनऊ से रवाना होने के बाद हरकत में आई योगी सरकार ने आनन-फानन में पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया साथ ही उन पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है वहीं आपको बता दें पीड़ित परिजन को एक सरकारी नौकरी और 10 लाख रुपए के मुआवजे की भी घोषणा हुई है जिसकी जानकारी जिलाधिकारी आगरा ने दी है। 


सेल्फी तस्वीर से की जा रही पहचान
वहीं इस पूरे घटनाक्रम में सोशल मीडिया पर प्रियंका गांधी के साथ कुछ महिला पुलिस कर्मियों की सेल्फी तेजी से वायरल हो रही है बता दें इस मामले में लखनऊ पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने महिला पुलिस कर्मियों के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं जल्द ही फोटो के माध्यम से महिला पुलिस कर्मियों की पहचान करके उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।

ये था मामला
बता दें कि आगरा के थाना जगदीशपुरा में मालखाने से 17 अक्तूबर को 25 लाख रुपये गायब हुए थे। इसके बाद पुलिस ने थाने में आने वाले सफाई कर्मी अरुण को हिरासत में लिया था। मंगलवार देर रात उसकी तबियत खराब हुई और मौत हो गई। मां कमला देवी का कहना है कि पुलिस वालों ने चोरी का आरोप लगाते हुए पूरे परिवार को उठा लिया और उनकी पिटाई लगाई। अरुण कुछ पुलिस वालों के नाम बता रहा था। नाम उजागर न हो जाएं, इसलिए उसे मार दिया। मुझे इंसाफ चाहिए जिसने उसे मारा है उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। मृतक की पत्नी सोनम ने भी कहा है कि पुलिस ने उसकी पिटाई लगाई। उनसे पैसा लाने को दबाव बना रहे थे। महिला पुलिस कर्मियों के साथ पुरुष पुलिस कर्मियों ने भी पिटाई लगाई।

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