दिलचस्प होगा मुकाबला, सपा ने दो उम्मीदवार घोषित किए, बसपा ने भी दो पर्चे खरीदे, ये है भाजपा का गणित

यूपी विधान परिषद चुनाव : दिलचस्प होगा मुकाबला, सपा ने दो उम्मीदवार घोषित किए, बसपा ने भी दो पर्चे खरीदे, ये है भाजपा का गणित

दिलचस्प होगा मुकाबला, सपा ने दो उम्मीदवार घोषित किए, बसपा ने भी दो पर्चे खरीदे, ये है भाजपा का गणित

Google Image | मायावती, अखिलेश और योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश में 11 जनवरी से शुरू हुए विधान परिषद चुनाव में मुकाबला दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है। इस चुनाव में 12 विधान परिषद सीटों के लिए चुनाव प्रक्रिया भारत निर्वाचन आयोग ने शुरू कर दी है। बड़ी बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी के 10 उम्मीदवारों का जीतना तय है। पार्टी में 10 ही पर्चे खरीदे हैं। दूसरी ओर समाजवादी पार्टी ने 2 उम्मीदवार घोषित करके सबको चौंका दिया है। दरअसल, समाजवादी पार्टी का एक उम्मीदवार तो बिना किसी रुकावट के आसानी से जीत जाएगा, लेकिन दूसरे उम्मीदवार की जीत में बहुजन समाज पार्टी रोड़ा अटका सकती है। दूसरी ओर बहुजन समाज पार्टी ने भी चौंकाने वाला फैसला लिया है। बसपा ने भी विधानसभा सचिवालय से दो परिचय खरीदे हैं। हालांकि, अभी तक उम्मीदवारों के नाम की घोषणा नहीं की है। ऐसे में सपा और बसपा के बीच कांटे की टक्कर देखने के लिए मिलेगी।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार की सुबह विधान परिषद चुनाव के लिए 2 उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। मौजूदा एमएलसी और यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री अहमद हसन को समाजवादी पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है। दूसरे उम्मीदवार के रूप में पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर और अखिलेश यादव के निकट माने जाने वाले राजेंद्र चौधरी चुनाव लड़ेंगे। अहमद हसन का कार्यकाल इन्हीं 12 सीटों के चुनाव में समाप्त हो रहा है। पार्टी उन्हें दोबारा विधान परिषद पहुंचाना चाहती है। समाजवादी पार्टी का एक और चौंकाने वाला फैसला यह रहा है कि विधान परिषद के मौजूदा अध्यक्ष रमेश यादव को उम्मीदवार नहीं बनाया गया है। रमेश यादव का कार्यकाल बिल 30 जनवरी को समाप्त हो जाएगा। रमेश यादव की जगह पार्टी ने राजेंद्र चौधरी पर दांव खेला है। दरअसल, राजेंद्र चौधरी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद के मूल निवासी हैं। जाट समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और किसान परिवार से आते हैं। मौजूदा परिस्थितियों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन चरम पर है। ऐसे में राजेंद्र चौधरी को सामने खड़ा करके समाजवादी पार्टी ने तुरुप का इक्का चला है। समाजवादी पार्टी भारतीय जनता पार्टी को उसके कोटे की 10 सीटें जीतने के बाद बाकी बची 2 सीटों पर किसी भी तरह का व्यवधान डालने से रोकने की कोशिश कर रही है।

कुछ इस तरह है इस विधान परिषद चुनाव का गणित
उत्तर प्रदेश विधान परिषद में 403 सदस्य हैं। इनमें से एक सीट अभी खाली पड़ी है। बीजेपी और उसके सहयोगियों के पास 324 विधायक हैं। इनमें से 312 विधायक भारतीय जनता पार्टी के हैं। नौ विधायक अपना दल (सोनेलाल) के हैं। तीन निर्दलीय विधायक सरकार को समर्थन कर रहे हैं। विधान परिषद के एक सदस्य को जिताने के लिए 34 वोटों की आवश्यकता है। इस तरह भारतीय जनता पार्टी 324 विधायकों के साथ नौ विधान परिषद सदस्य तो साफ तौर पर जिता लेगी। दसवें उम्मीदवार को जिताने के लिए दूसरी वरीयता की वोट कारगर साबित होंगी। इस तरह भारतीय जनता पार्टी के विधायक आसानी से 10 सीट पर जीत हासिल कर लेगी। 

दूसरी ओर सदन में समाजवादी पार्टी के पास 49 विधायक हैं। एक सीट बेहद आसानी से समाजवादी पार्टी जीत जाएगी। दूसरी सीट के लिए सपा को भी बाहर से समर्थन की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के विधायक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे। आपको बता दें कि पिछले दिनों बहुजन समाज पार्टी के 8 विधायकों ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। ऐसे में यह माना जा रहा है कि बसपा के विधायक समाजवादी पार्टी को वोट करेंगे। कांग्रेस के पास 7 विधायक हैं और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के सदन में 4 विधायक हैं। अगर कांग्रेस के 7, एसबीएसपी के 4 और बहुजन समाज पार्टी के 8 विधायक समाजवादी पार्टी को समर्थन कर देते हैं तो कुल संख्या बढ़कर 68 हो जाएगी। जिसके बूते आसानी से समाजवादी पार्टी दो सीट पर जीत हासिल कर लेगी।

इन बड़े नेताओं की सीट खाली होंगी
  1. उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा
  2. समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर अहमद हसन
  3. गाजियाबाद से समाजवादी पार्टी के नेता आशु मलिक
  4. बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक सदस्य धर्मवीर अशोक
  5. बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए नसीमुद्दीन सिद्दीकी
  6. बहुजन समाज पार्टी के प्रदीप जाटव
  7. विधान परिषद के अध्यक्ष रमेश यादव
  8. समाजवादी पार्टी के रामजतन राजभर
  9. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री लक्ष्मण प्रसाद आचार्य
  10. समाजवादी पार्टी के वीरेंद्र सिंह
  11. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह 
  12. समाजवादी पार्टी के एमएलसी साहब सिंह सैनी

यह चुनाव का पूरा कार्यक्रम
  1. -निर्वाचन आयोग के मुताबिक 11 जनवरी को चुनाव का नोटिफिकेशन जारी किया गया है। 
  2. -नामांकन करने की अंतिम तिथि 18 जनवरी रहेगी, 19 जनवरी को नामांकन ओं की जांच की जाएगी।
  3. -इसके बाद नाम वापसी होगी। 21 जनवरी तक नाम वापसी की जा सकती है। 
  4. -28 जनवरी को मतदान करवाया जाएगा। मतदान सुबह 9:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक होगा। 
  5. -मतदान के तुरंत बाद 5:00 बजे से मतगणना प्रारंभ होगी और पूर्ण होने तक जारी रहेगी। इसके बाद हाथों-हाथ परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।

मतदान के दौरान कोरोनावायरस से बचाव की गाइडलाइन लागू होंगी
निर्वाचन आयोग ने अपने आदेश में मतदान के दौरान विधायकों के लिए कोरोनावायरस संक्रमण से बचाव की गाइडलाइन भी जारी की है। आयोग का कहना है कि प्रत्येक व्यक्ति को फेस मास्क पहनना होगा। जो लोग इलेक्शन ड्यूटी में काम करेंगे, उन्हें भी अनिवार्य रूप से फेस मास्क पहनना होगा। चुनाव के लिए उपयोग किए जा रहे कमरों और हॉल के प्रवेश द्वारों पर थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था की जाएगी। प्रत्येक व्यक्ति की थर्मल स्कैनिंग अनिवार्य रूप से की जाएगी। सभी स्थानों पर सैनिटाइजर की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस के मुताबिक सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखना अनिवार्य होगा। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार अपने स्तर पर भी संक्रमण से बचाव के लिए नियम कायदे लागू कर सकती है।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.