Lucknow News : उत्तर प्रदेश में कई तीर्थ स्थलों पर पर्यटकों को बेहतर सुविधा मुहैया हो, इसके लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार (Yogi Adityanath Government) लगातार प्रयास कर रही है। इसी क्रम में तीन नए तीर्थ विकास परिषदों (Tirtha Development Councils) के गठन के साथ कुल पांच विधेयकों को विधानसभा में पारित कर दिया गया। योगी सरकार का उदेश्य है कि आने वाले समय में अयोध्या का राम मंदिर, देवीपाटन धाम विकास परिषद बलरामपुर, श्रीशुक तीर्थ विकास परिषद मुजफ्फरनगर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। अयोध्या में एयरपोर्ट भी बनकर तैयार हो गया है। ऐसे में देश विदेश से कई श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंचेंगे। ऐसे में भीड़ को संभालना चुनौती बन सकता है। इसी को देखते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार ने तीन तीर्थ स्थलों पर विकास परिषदों के गठन करने का बिल विधानसभा में पेश किया है।
तीन और विकास परिषद बदलेंगे सूरत
हाल ही में संपन्न विधानसभा सत्र में 3 धार्मिक शहरों के लिए विकास बोर्ड बनाने के लिए तीन विधेयक पारित किए गए। इनमें श्री अयोध्या जी तीर्थ विकास परिषद (अयोध्या), श्री देवीपाटन धाम तीर्थ विकास परिषद (बलरामपुर), श्री शुक तीर्थ विकास परिषद (मुजफ्फरनगर) शामिल हैं। आपको बता दें कि पिछले कार्यकाल में सरकार ने 4 नए बोर्ड बनाए थे। जो विंध्य धाम तीर्थ विकास परिषद, ब्रज तीर्थ विकास परिषद्, चित्रकूट धाम तीर्थ विकास परिषद, मिष धाम तीर्थ विकास परिषद को शामिल किया था। इन स्थलों पर विकास परिषद से हुए लाभ को देखते हुए अब सरकार ने अयोध्या, बलरामपुर और मुजफ्फरनगर में भी विकास परिषद बनाने का प्रस्ताव विधानसभा में पेश किया है।
विरासत को संरक्षित करने के लिए तीनों तीर्थ स्थलों का विकास
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने सदन में कहा कि सरकार तीनों तीर्थ स्थलों की सांस्कृतिक और स्थापत्य संबंधी विरासत को संरक्षित करने के लिए ही इन तीर्थ विकास परिषदों का गठन करने का फैसला किया है। इसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे, पर्यटन मंत्री इसके उपाध्यक्ष होंगे। परिषद के कार्यपालक उपाध्यक्ष की नियुक्ति प्रदेश सरकार करेगी। इसके सदस्य और सह-संयोजक प्रमुख सचिव पर्यटन होंगे। उन्होंने बताया कि आवास एवं नगर नियोजन, वित्त, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य, नगर विकास, परिवहन, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन व लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव सदस्य होंगे। संबंधित मंडलायुक्त, डीएम समेत मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक, संबंधित विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व नगर आयुक्त पदेन सदस्य होंगे।