Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा के बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट पर 24 सितंबर को पहली इंडियन मोटो जीपी (Indian MotoGP) होगी। जिसमें पूरी दुनिया के टॉप बाइक रेसर हिस्सा लेंगे। यह आयोजन ना केवल गौतमबुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर के लिए बल्कि पूरे देश के लिए बड़ा फायदेमंद होगा। इस रेस की बदौलत भारत दुनिया के उन चुनिंदा 20 मुल्कों में शामिल हो जाएगा, जहां मोटो जीपी रेसिंग होती हैं। इतना ही नहीं भारत का इकलौता बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट (Buddh International Circuit) दुनिया का एकमात्र रेसिंग ट्रैक बन जाएगा, जिस पर एफ वन रेस और मोटो जीपी रेस हो सकती हैं। आज से आपका पसंदीदा न्यूज़ पोर्टल 'ट्राईसिटी टुडे' इस ऐतिहासिक आयोजन पर काउंटडाउन सीरीज प्रकाशित कर रहा है। अगले 57 दिनों तक हम मोटो जीपी पर एक से बढ़कर एक जानकारी आप तक पहुंचाएंगे। इस समाचार श्रृंखला में आप मोटो जीपी से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी हासिल कर सकेंगे। तब आपको यह रेस देखने और समझने में भरपूर आनंद आएगा।
मोटो जीपी में हिस्सा ले रही हैं यह 11 टीम और उनके राइडर
11. रेप्सोल होंडा टीम
इकर लेकुओना
जोन मीर
मार्क मार्केज़
बहुत पुराना है ग्रांड प्रिक्स मोटरसाइकिल रेसिंग का इतिहास
ग्रांड प्रिक्स मोटरसाइकिल रेसिंग फेडरेशन इंटरनेशनेल डी मोटोसाइक्लिज्म (एफआईएम) का स्वीकृत आयोजन है। यह सड़क सर्किट पर आयोजित मोटरसाइकिल रोड रेसिंग कार्यक्रमों की प्रमुख श्रृंखला है। हमारी दुनिया में बीसवीं सदी की शुरुआत से ही स्वतंत्र मोटरसाइकिल रेसिंग प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती रही हैं। उस वक्त बड़े राष्ट्रीय आयोजनों को ग्रैंड प्रिक्स का नाम दिया जाता था। साल 1949 में मोटरसाइकिल खेल के लिए अंतरराष्ट्रीय शासी निकाय के रूप में फेडरेशन इंटरनेशनेल डी मोटोसाइक्लिज्म की स्थापना की गई। इस संस्था ने नियमों और विनियम बनाए। यह दुनिया की सबसे पुरानी स्थापित मोटरस्पोर्ट विश्व चैंपियनशिप है।
रेसिंग के मकसद से बनाई जाती हैं खास मोटरसाइकिलें
ग्रांड प्रिक्स मोटरसाइकिलें रेसिंग के उद्देश्य से विशेष रूप से तैयार की जाती हैं, जो आम जनता के खरीदने के लिए उपलब्ध नहीं हैं। सार्वजनिक सड़कों पर कानूनी रूप से चलाई नहीं जा सकती हैं। यह रेसिंग की विभिन्न श्रेणियों जैसे सुपरबाइक वर्ल्ड चैंपियनशिप और आइल ऑफ मैन टीटी रेस से अलग हैं। इन रेसों में जनता के लिए सड़क पर चलने वाली मोटरसाइकिलों के संशोधित संस्करण होते हैं। मौजूदा रेसिंग बाइक वर्ष 2002 से मोटोजीपी के रूप में चलाई जा रही हैं। जब फोर-स्ट्रोक युग शुरू हुआ तो यह बाइक सामने आईं। इससे पहले सबसे बड़ी बाइक 500 सीसी वाली थीं, जो अभी दोनों आधिकारिक विश्व चैम्पियनशिप के लिए उपयोग में लाई जाती हैं।
अभी दुनिया भर में चार हिस्सों में होती है बाइक रेसिंग
मोटरसाइकिल चैंपियनशिप को वर्तमान में चार वर्गों में विभाजित किया गया है। इनमें सबसे ऊपर मोटोजीपी है। इसके बाद मोटो-2, मोटो-3 और मोटो-ई हैं। पहले तीन वर्ग की रेसिंग में फोर-स्ट्रोक इंजन का उपयोग किया जाता है। जबकि मोटो-ई वर्ग में इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल का उपयोग होता है। यह भविष्य की मोटरसाइकिलों को ध्यान में रखकर रेसिंग होती है।