बीजेपी और मोदी के लिए 'राहू' बने कांग्रेस के राहुल

मिशन 2024 के लिए सियासी पैंतरे : बीजेपी और मोदी के लिए 'राहू' बने कांग्रेस के राहुल

बीजेपी और मोदी के लिए 'राहू' बने कांग्रेस के राहुल

Tricity Today | Rahul Gandhi and Narendra Modi

Noida Desk : एक समय था, जब कांग्रेस या राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के मुख से निकली बात को बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी उसे अपने कैंपेन में बदल दिया करते थे। किन्तु, साल 2022 आते-आते पासा ही पलट गया। साल, 2024 के लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) से पहले सारे नरेटिव ही चेंज होते चले गए। अब मोदी और बीजेपी के लिए कांग्रेस के राहुल गांधी पांच राज्यों के चुनाव हों या अगामी लोकसभा चुनाव, बीजेपी का हर पैंतरा ही उल्टा पड़ता जा रहा है। बीजेपी और नरेंद्र मोदी के लिए राहुल इस समय किसी 'दुष्ट ग्रह' से कम नहीं हैं। इतना ही नहीं, अब तक राहुल की कोई काट ही पूरे की पूरे भाजपा और टीम गुजरात को नजर नहीं आ रही है।

भाजपा के तरकश के तीर जो अब पड़ रहे उल्टे
श्रीराम मंदिर, महिला आरक्षण बिल, ओबीसी की राजनीति, 5 किलो राशन, आयुष्मान कार्ड हेल्थ बीमा योजना, हिन्दू मुस्लिम कार्ड, वंशवाद आदि ऐसे ट्रंप कार्ड थे, जिन्हें भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी अक्सर चुनावों में आंख बंद करके चल देते थे। किन्तु, अब ये भी दांव उल्टे पड़ने लगे हैं। भारतीय जनता पार्टी और टीम गुजरात के लिए इन दिनों स्थिति दिन पर दिन बुरी होती जा रही है। पूरी टीम को कुछ सूझ नहीं रहा है। आज स्थिति ऐसी आ चुकी है कि भाजपा का हर दांव उल्टा पड़ रहा है।

अब नहीं रहा राम मंदिर का मुद्दा
श्रीराम मंदिर के निर्माण के साथ ही भाजपाइयों के लिए श्रीराम बेशक ब्रांड एंबेसडर रहे हैं, किन्तु कर्नाटका चुनाव में इस दांव की भी हवा निकल गई। मतदाताओं में अब ये कोई बड़ा मुद्दा नहीं रहा है। मतदाता अब इसे ढोना नहीं चाहता है। 

महिला आरक्षण बिल 
नई संसद के निर्माण के साथ पीएम मोदी और भाजपा, महिला आरक्षण बिल को लेकर आई। लंबी चौड़ी बहस के बाद इसे दोनों सदनों में पास करा दिया गया। किन्तु, कांग्रेस और टीम राहुल गांधी ने इस मुद्दे की भी हवा निकाल दी। बेशक यह बिल संसद के दोनों सदनों से पास हो गया है, लेकिन हाल फिलहाल इसका लाभ महिलाओं को जल्द मिलता नहीं दिख रहा है। दूसरा, कांग्रेसी नेता राहुल गांधी ने इसमें ओबीसी आरक्षण की मांग को जोड़ दिया। जिससे यह बिल पूरी भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी के लिए गले की फांस बन गया। 

हिन्दू-मुस्लिम कार्ड 
भाजपा के लिए यह एक ऐसा कार्ड है, जिसके बल पर भाजपा सत्ता तक पहुंची है। हिन्दुओं को मुस्लिमों का डर दिखाते-दिखाते ऐसी स्थिति आ गई कि हिन्दू भी समझने लगा कि यह सब बकवास है। इससे सिर्फ नुकसान ही हुआ है, कुछ हासिल नहीं हुआ है। इसका ताजा उदाहरण हरियाणा के नूंह की घटना को सांपर्दायिक रंग देने की कोशिश करते हुए इस लंबा खींचने का प्रयास किया गया, किन्तु किसी हिन्दू संगठन ने इसे तव्वजो नहीं दी। दूसरा मुस्लिमों पर भी इसका उल्टा असर हुआ। वे कांग्रेस की ओर मुड़ गए। इसका उदाहरण हमें कर्नाटका चुनाव में देखने को मिला।

5 किलो राशन  
साल, 2019 से भाजपा सरकार देशवासियों को पांच किलो राशन देकर उनका वोट हासिल करती आ रही है। किन्तु, अब इसकी भी हवा निकलती नजर आने लेगी है। कांग्रेसी सांसद राहुल गांधी ने उनके इस दावे की भी हवा ये कहते हुए निकाल दी कि इससे ज्यादा तो कर्नाटक की कांग्रेस सरकार दे रही है। अब घर का मुखिया पांच किलो राशन के साथ-साथ घर में बैठे बेरोजगार बेटे की ओर भी देखने लगा है। वह अब सवाल कर रहा है कि कब तक पांच किलो राशन के सहारे जीवन जिएं। बेकाम बेटे को भी तो रोजगार मिले।

वंशवाद और वंशवाद का कार्ड  
भाजपा और पीएम मोदी कांग्रेस पर वंशवाद और परिवारवाद का आरोप लगाते आए हैं। किन्तु, अब भाजपा भी वंशवाद की बेल को ऊपर चढ़ाने में कम नहीं है। भाजपा के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र पंकज सिंह नोएडा से भाजपा के विधायक हैं, हिमाचल से पूर्व मुख्यमंत्री प्रेमकुमार धूमल के पुत्र अनुराग ठाकुर केंद्र में मंत्री हैं। गृहमंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह बीसीसीआई में उच्च पदस्थ हैं। ऐसे भाजपा के कई बड़े और दिग्गज नेता हैं जो भाजपा की वंशवाद की बेल को हवा पानी दे रहे हैं।

ये तो अमोघ अस्त्र हैं
ये कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जो फिलहाल भाजपा और पीएम मोदी के लिए गले की फांस बन चुके हैं और राहुल गांधी के लिए अमोघ अस्त्र बन चुके हैं, जो उल्टा भाजपा खेमे में खलबली मचा रह हैं।

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