संयुक्त मोर्चा के भारत बंद पर राजनीतिक दलों ने खेला दांव, पढ़ें कांग्रेस, सपा और बसपा का मास्टर प्लान

Bharat Band : संयुक्त मोर्चा के भारत बंद पर राजनीतिक दलों ने खेला दांव, पढ़ें कांग्रेस, सपा और बसपा का मास्टर प्लान

संयुक्त मोर्चा के भारत बंद पर राजनीतिक दलों ने खेला दांव, पढ़ें कांग्रेस, सपा और बसपा का मास्टर प्लान

Google Image | संयुक्त मोर्चा के भारत बंद पर राजनीतिक दलों ने खेला दांव

Bharat Band : भारत सरकार के 3 नए कृषि सुधार कानूनों का विरोध कर रहे किसान पिछले 1 साल से इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। राजधानी दिल्ली से लेकर पंजाब तक प्रदर्शन हो रहा है। बड़ी बात यह है कि कांग्रेस समेत उत्तर प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और बसपा ने भी किसानों का समर्थन किया है। सभी दलों ने 40 किसान संगठनों के संयुक्त मोर्चा के 27 सितंबर के भारत बंद के ऐलान को भी समर्थन दिया है। सभी पार्टियों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी खेती-किसानी और किसान को खत्म कर देश की बागडोर पूंजीपतियों को सौंपना चाहती है। कृषकों को बचाने के लिए किसान आंदोलन को समर्थन देना आवश्यक है। 

राजनीतिक लाभ मिलेगा
दरअसल उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू होनी है। ऐसे में किसान संगठनों के भारत बंद का समर्थन कर सभी विपक्षी पार्टियां कृषकों को अपने पक्ष में लामबंद करने में जुटी हैं। खासतौर पर उत्तर प्रदेश वेस्ट में भारतीय किसान यूनियन और अन्य छोटे किसान संगठनों का खासा प्रभुत्व है। इसको देखते हुए सपा, बसपा, कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल जैसी पार्टियां किसान आंदोलन को समर्थन दे रही हैं। इसके लिए पूरी योजना बनाई गई है। इन पार्टियों के कर्ता-धर्ता किसान संगठनों से लगातार संपर्क में और उनसे आंदोलन को तेज करने की रणनीति पर चर्चा हो रही है। ताकि इसका लाभ आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टियों को मिल सके। भाजपा को किसानों का क्रोध झेलना पड़े।

कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप
कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी समेत सभी दलों ने भारत बंद का समर्थन किया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, किसानों को परेशान करने, उन्हें बर्बाद करने की साजिश रचने वाली मोदी सरकार के खिलाफ आज 'भारत बंद' है। किसानों का अहिंसक सत्याग्रह आज भी अखंड है। लेकिन शोषण-कार सरकार को ये नहीं पसंद है। इसलिए आज भारत बंद है। बंद को समर्थन देते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, खेत किसान का, मेहनत किसान की और फसल भी किसान की; लेकिन भाजपा सरकार काले कानून थोप कर अन्नदाता के अधिकार छीनने का षड्यंत्र रच रही है। अन्नदाता की शक्ति के सामने क्रूर सरकार को झुकना ही पड़ेगा। खेत किसान का मेहनत किसान की फसल किसान की लेकिन, भाजपा सरकार इन पर अपने खरबपति मित्रों का कब्जा जमाने को आतुर है। पूरा हिंदुस्तान किसानों के साथ है। पीएम नरेंद्र मोदी इन काले क़ानूनों को वापस लें।

भाजपा विकास के रास्ते बनाना नहीं जानतीः अखिलेश यादव 
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, संयुक्त किसान मोर्चा के ‘भारत बंद’ को सपा का पूर्ण समर्थन है। देश के अन्नदाता का मान न करनेवाली दंभी भाजपा सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है। किसान आंदोलन भाजपा के अंदर टूटन का कारण बनने लगा है। पहले किसानों के मान को गिराना… फिर नाम भर को दाम को बढ़ाना… भाजपा का ये चुनावी हथकंडा अब उप्र में नहीं चलनेवाला। भाजपा जाते-जाते गन्ना किसानों के बकाये का ब्याज न सही, मूल ही चुका दे। 2022 में सपा सरकार किसानों का सच्चा मान भी बढ़ाएगी व गन्ने की मिठास और दाम भी। पूर्वांचल की ग़रीबी व पिछड़ेपन को दूर करने के लिए जिस समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया था उसके पूरा होने की ख़ुशी है। पर ये दुख भी है कि भाजपा ने इसके मूल स्वरूप व गुणवत्ता से समझौता किया है। भाजपा विकास के रास्ते बनाना नहीं जानती है।

बसपा ने दिया समर्थन
बसपा प्रमुख मायावती ने भारत बंद को समर्थन देते हुए कहा, केन्द्र द्वारा जल्दबाजी में बनाए गए तीन कृषि कानूनों से असहमत व दुःखी देश के किसान इनकी वापसी की माँग को लेकर लगभग 10 महीने से पूरे देश व खासकर दिल्ली के आसपास के राज्यों में तीव्र आन्दोलित हैं व ’भारत बंद’ कर रहे हैं। जिसके शान्तिपूर्ण आयोजन को बीएसपी का समर्थन। साथ ही, केन्द्र सरकार से भी पुनः अपील है कि किसान समाज के प्रति उचित सहानुभूति व संवेदनशीलता दिखाते हुए तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस ले तथा आगे उचित सलाह-मश्विरा व इनकी सहमति से नया कानून लाए ताकि इस समस्या का समाधान हो। किसान खुश व खुशहाल तो देश खुश व खुशहाल।

हल निकल सकता है
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भारत बंद पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, बातचीत से हल निकल सकता है। किसी की तरफ से भी कोई शर्त नहीं लगानी चाहिए। खुले दिल से बातचीत करनी चाहिए और इस समस्या का समाधान करना चाहिए। कांग्रेस के ही जयवीर शेरगिल ने कहा, आज 1 साल हो गया है जब तीन काले क़ानूनों के द्वारा देश की किसानी और किसान पर काले बादल ला दिए गए थे। आज हर भारतवासी को भाजपा का जो लक्ष्य है किसान और किसानी ख़त्म उसके खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए, भारत बंद का समर्थन करके।

राजनीतिक लाभ मिलेगा
दरअसल उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू होनी है। ऐसे में किसान संगठनों के भारत बंद का समर्थन कर सभी विपक्षी पार्टियां कृषकों को अपने पक्ष में लामबंद करने में जुटी हैं। खासतौर पर उत्तर प्रदेश वेस्ट में भारतीय किसान यूनियन और अन्य छोटे किसान संगठनों का खासा प्रभुत्व है। इसको देखते हुए सपा, बसपा, कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल जैसी पार्टियां किसान आंदोलन को समर्थन दे रही हैं। इसके लिए पूरी योजना बनाई गई है। इन पार्टियों के कर्ता-धर्ता किसान संगठनों से लगातार संपर्क में और उनसे आंदोलन को तेज करने की रणनीति पर चर्चा हो रही है। ताकि इसका लाभ आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टियों को मिल सके। भाजपा को किसानों का क्रोध झेलना पड़े।

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