योगी आदित्यनाथ को 4 मुख्यमंत्री ने फोन किया, बोले- यूपी के श्रमिकों को वापस नहीं बुलाइये, हम सारे इंतजाम करेंगे

योगी आदित्यनाथ को 4 मुख्यमंत्री ने फोन किया, बोले- यूपी के श्रमिकों को वापस नहीं बुलाइये, हम सारे इंतजाम करेंगे

योगी आदित्यनाथ को 4 मुख्यमंत्री ने फोन किया, बोले- यूपी के श्रमिकों को वापस नहीं बुलाइये, हम सारे इंतजाम करेंगे

Tricity Today | Yogi Adityanath

उत्तर प्रदेश के प्रवासी श्रमिक बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से लौट आए हैं और बाकी श्रमिकों को वापस लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार व्यापक इंतजाम कर रही है। इसी बीच 4 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने योगी आदित्यनाथ को फोन किया है। इन लोगो ने कहा कि वह श्रमिकों को वापस उत्तर प्रदेश नहीं लेकर जाएं। यूपी के श्रमिकों के लिए सारे इंतजाम किए जाएंगे। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह, कर्नाटक के सीएम बीएस येदुरप्पा, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने फोन किया है। चारों मुख्यमंत्रियों ने योगी आदित्यनाथ से मंगलवार और बुधवार को बात की है। मुख्यमंत्रियों ने कहा है कि लॉकडाउन के बाद सभी राज्यों में औद्योगिक गतिविधियों को शुरू करना है। राज्यों की अर्थव्यवस्था को पटरी पर वापस लाना है। इसके लिए श्रमिकों की आवश्यकता होगी। अगर उत्तर प्रदेश के श्रमिक वापस अपने राज्यों को चले गए तो कल कारखानों और उद्योगों को चलाना मुश्किल हो जाएगा। चारों मुख्यमंत्रियों ने योगी आदित्यनाथ से वादा किया है कि वह उत्तर प्रदेश के श्रमिकों के लिए सभी जरूरी इंतजाम करेंगे। किसी भी श्रमिक को खाली बैठने नहीं दिया जाएगा।

दूसरी ओर उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में मौजूदा श्रमिकों और वापस आने वाले श्रमिकों के लिए काम का पूरा इंतजाम कर रही है। उत्तर प्रदेश के लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि अभी तक साढे छह लाख प्रवासी श्रमिक उत्तर प्रदेश में वापस आ चुके हैं। उत्तर प्रदेश के करीब 15 लाख श्रमिक दूसरे राज्यों में हैं। बाकी श्रमिकों को वापस लाने के लिए भी सरकार ने व्यापक इंतजाम किए हैं। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, "साथ ही साथ हम लोगों ने इन श्रमिकों को काम देने के लिए इंतजाम कर लिया है। करीब 1 महीने पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कृषि उत्पादन आयुक्त, औद्योगिक विकास आयुक्त, ग्रामीण विकास विभाग, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग, श्रम विभाग, पंचायती राज विभाग के प्रमुख सचिवों को मिलाकर एक समिति का गठन किया था। एमएसएमई मिनिस्टर होने के नाते मुझे बताया गया था कि समिति का कार्य राज्यों से वापस आने वाले श्रमिकों को काम उपलब्ध करवाना होगा।"

सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, "इसके लिए हम लोगों ने शुरुआत की और सोचा कि काम के अवसर बढ़ाने के तरीकों को खोजा जाए। हमें लगभग 15 लाख नौकरियों की व्यवस्था करने का लक्ष्य दिया गया था। अकेले मेरे विभाग के लिए पांच लाख नौकरियां देने का लक्ष्य है। इस समिति का गठन करने के 3 सप्ताह बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की कि वह सभी प्रवासी श्रमिकों को वापस घर लाने के लिए इंतजाम कर रहे हैं। सभी राज्यों से समन्वय कर रहे हैं। अब तक साढे छह लाख प्रवासी लौट आए हैं।"

मंत्री ने बताया, "उन तीन हफ्तों के दौरान हमने व्यापक स्तर पर काम किया। मैंने सबसे पहले बैंकों से बात की। जो प्रस्ताव मिले उन पर कड़ी मेहनत के साथ काम किया। मैंने खुद बैंकों के साथ तीन बैठकें की हैं। हमने छोटे व्यवसाय को शुरू करने की व्यवस्था की है। जो ₹20,000 के कर्ज से शुरू होंगे। जिनमें काम शुरू करने वाला एक व्यक्ति अपने साथ 4 लोगों को रोजगार देगा। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में मनरेगा, लोक निर्माण विभाग, पंचायत राज विभाग, शहरी विकास विभाग व औद्योगिक विकास प्राधिकरण इन सभी लोगों को काम देंगे।"

दूसरी ओर अब जब देशभर से यूपी के प्रवासी श्रमिक वापस लौट रहे हैं तो वहां लॉकडाउन के बाद काम धंधे शुरू करना लगभग असंभव लग रहा है। यही वजह है कि उन तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री खुद आगे आए हैं। पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक और गुजरात के मुख्यमंत्रियों ने योगी आदित्यनाथ को यही आश्वासन दिया है कि वह अपने श्रमिकों को वापस लेकर नहीं जाएं। जिससे लॉकडाउन के बाद उनके राज्यों की अर्थव्यवस्था को भी पटरी पर लाया जा सके।

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