BIG NEWS: चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से 4 जिले हटाकर जीबीयू को दिए जाएंगे, लाखों छात्रों को मिलेगा फायदा

BIG NEWS: चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से 4 जिले हटाकर जीबीयू को दिए जाएंगे, लाखों छात्रों को मिलेगा फायदा

BIG NEWS: चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से 4 जिले हटाकर जीबीयू को दिए जाएंगे, लाखों छात्रों को मिलेगा फायदा

Tricity Today | मेरठ में चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी और ग्रेटर नोएडा में गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी

जीबीयू से कॉलेजों की संबद्धता पर फैसला जल्द लेगी सरकारgangaसीसीएसयू के चार जिले हटाकर जीबीयू को दिए जाएंगेgangaकरीब 6 महीने पहले यह प्रस्ताव शासन को भेजा गया थाgangaमेरठ व सहारनपुर मंडल के लाखों छात्र-छात्राओं को फायदा होगाgangaअभी चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी मेरठ पर 9 जिलों का भार है

मेरठ में चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी और ग्रेटर नोएडा में गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी से जुड़ी बड़ी खबर है। चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से हटाकर 4 जिलों के कॉलेजों को गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय से संबद्ध किया जा सकता है। इस पर उत्तर प्रदेश सरकार को जल्दी फैसला लेना है। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय की ओर से करीब 6 महीने पहले यह प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। जिस पर उच्च शिक्षा विभाग ने रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट मिलने के बाद अब इस पर फैसला होना बाकी है।

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय से कॉलेजों को संबद्धता देने के लिए सितंबर तक फैसला हो जाएगा। प्रथम चरण में गौमत बुद्ध नगर के कॉलेजों को जीबीयू से संबद्धता मिलने की उम्मीद है। बाद में जिलों की संख्या और बढ़ जाएगी। दरअसल, जीबीयू ने 4 जिलों के लिए आवेदन किया है। जीबीयू के कुलपति प्रोफेसर भगवती प्रकाश शर्मा ने बताया कि जीबीयू से कॉलेजों को संबद्धता देने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। इस प्रस्ताव के तहत गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़ और बुलंदशहर जिलों के कॉलेजों को जीबीयू से जोड़ने की मांग की गई है।

उम्मीद है कि पहले गौतमबुद्ध नगर जिले की अनुमति मिलेगी। प्रथम चरण में गौतम बुद्ध नगर जिले के कॉलेजों को संबद्धता देने पर फैसला हो सकता है। इसके बाद जिलों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। संबद्धता शुरू होने से विश्विवद्यालय की आय में बढ़ोतरी होगी। साथ ही दूसरे विश्वविद्यालयों का बोझ भी कम हो जाएगा। कुलपति ने उम्मीद जताई के एक से डेढ़ महीने में इस पर फैसला हो जाएगा।

इस फैसले से यह 2 बड़े फायदे होंगे

अगर उत्तर प्रदेश सरकार यह फैसला लेती है तो इसके 2 बड़े फायदे होंगे। पहला फायदा यह होगा कि ग्रेटर नोएडा में गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के विशाल इंफ्रास्ट्रक्चर का लाभ उठाया जा सकेगा। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय मानकों पर बना विशाल परिसर है। जिसमें अभी केवल 3,500 छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं। इस पर जिले के दोनों विकास प्राधिकरण को सालाना करीब 100 करोड रुपए खर्च करने पड़ते हैं। अब विकास प्राधिकरण यह बोझ उठाने के लिए तैयार नहीं हैं। लिहाजा, कॉलेजों को संबद्धता मिलने से जीबीयू को काम मिलेगा। आय भी होगी। जिससे गौतम बुध यूनिवर्सिटी आत्मनिर्भर बन जाएगी।

दूसरा बड़ा फायदा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय का बोझ कम किया जा सकेगा। दरअसल, अभी सीसीएस यूनिवर्सिटी मेरठ से सहारनपुर और मेरठ मंडल के 9 जिले संबद्ध हैं। सीसीएस यूनिवर्सिटी से सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, मेरठ, हापुड़, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर जिलों के कॉलेज संबद्ध हैं। इन जिलों में छात्र-छात्राओं की संख्या लाखों में है। जिसके चलते विश्वविद्यालय समय पर दाखिले, परीक्षा और परिणाम घोषित नहीं कर पाता है। हर साल लाखों छात्र-छात्राओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अगर 4 जिले जीबीयू के अधिकार क्षेत्र में शामिल कर दिए जाएंगे तो 5 जिले चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के पास रहेंगे। इससे छात्र-छात्राओं को बड़ा लाभ मिलेगा।

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