Tricity Today | जाली दस्तावेजों से गाजियाबाद और नोएडा के दर्जनों बैंको को करोड़ो का चूना लगाने वाले 4 ठग गिरफ्तार
कौशांबी पुलिस ने बैंकों से जाली दस्तावेजों पर लोन लेकर करोड़ों की ठगी करने वाले गैंग का खुलासा किया है। गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके पास से नकदी और अन्य सामान बरामद किया है।
मंगलवार को कौशांबी थाने में घटना का खुलासा करते हुए एसपी सिटी अभिषेक वर्मा ने बताया कि पुलिस को जानकारी मिली कि एक गिरोह ऐसा सक्रिय है, जो प्राइवेट बैंकों से जाली दस्तावेजों के आधार पर पर्सनल लोन लेकर डकार जाता है। इस सूचना पर पुलिस हरकत में आ गई और ठगों की तलाश में लग गई। इसी क्रम में कौशांबी थाना प्रभारी अजय सिंह, एसआई अशोक उपाध्याय ने मंगलवार को अंसल प्लाजा मॉल सेक्टर-1 वैशाली के पास से गिरोह के चार सदस्यों को दबोच लिया। इनके नाम कुलदीप सिंह निवासी मिर्जापुर, विनोद कुमार निवासी विजयनगर, सुनील कुमार निवासी प्रतापगढ़ और विनोद कुमार उर्फ आलोक निवासी आजमगढ़ है।
शातिरों के पास से एक प्रिंटर, 14 आधार कार्ड और एक आधार कार्ड की छाया प्रति, 3 टूरिज्म कार्ड, दो पहचान पत्र, दो स्टिकर भारत सरकार, 11 मोबाइल, 25 हजार रुपए, तेलगाना सरकार का एक ऑफर लेटर, 6 फोटो विभिन्न स्टाइल के, एक बीएसईएस का कार्ड, तीन डिस्क, तेरे पैन कार्ड वह एक पैन कार्ड की छाया प्रति, 24 डेबिट कार्ड, तेरह चेक बुक, चार मोहर, दो पेन ड्राइव, दो डोंगल, एक जमा पर्ची बुक, एक पेस्लिप पासबुक, दो खाली पासबुक, तीन एंप्लॉय कार्ड, डेढ़ सौ फोटो, 11 पर्सनल लोन फॉर्म और पांच लोन फॉर्म भरे हुए, एक ऑफर लेटर, सर्विस रूल्स नियमावली, लाल बहादुर अस्पताल का कार्ड और 30 खाली कार्ड बरामद हुए हैं।
एसपी सिटी ने बताया कि यह गिरोह दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में सक्रिय होकर दर्जनों बैंकों से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर करोड़ों का पर्सनल लोन लेकर डकार चुका है। गिरोह के सदस्य संगठित रूप से कार्य कर जरूरतमंद लोगों को टारगेट कर बैंक लोन दिलाने के नाम पर उनसे दस्तावेज लेते थे और उनके आधार पर कूटरचित दस्तावेज जैसे फोटो, आईडी व पैन कार्ड आदि तैयार करते थे। जिसके आधार पर अलग-अलग बैंकों में खाता खुलवाते और फिर बैंकों में एक अन्य अकाउंट के माध्यम से लगभग सात आठ महीने तक प्रतिमा सैलेरी के रूप में पैसा जमा करते थे।
इसके बाद इन फर्जी सैलरी खातों के आधार पर विभिन्न बैंकों में डीएसए के माध्यम से एक साथ पर्सनल लोन के लिए आवेदन करते थे। उन्होंने बताया कि बैंकों के सेल्स एग्जीक्यूटिव के साथ मिलकर फर्जी तरीके से वेरिफिकेशन कराकर बैंकों से लोन प्राप्त करते थे। शिकंजे में आए गिरोह के सदस्य अभी तक विभिन्न बैंकों को अपना निशाना बना चुके हैं।