Tricity Today | गाजियाबाद में वाल्मीकि समाज के 50 परिवार धर्म परिवर्तन कर बौद्ध बने
Ghaziabad News : दिल्ली से सटे गाजियाबाद में बाल्मीकि समाज के 50 परिवारों ने हिंदू धर्म छोड़ दिया है। इन लोगों ने धर्म परिवर्तन कर बौद्ध बनने की जानकारी दी है। लोगों ने धर्म परिवर्तन से जुड़े प्रमाण पत्र हाथ में लेकर फोटो भी सोशल मीडिया पर जारी किए हैं। यह जानकारी सामने आने के बाद गाजियाबाद जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारी वाल्मीकि बस्ती में पहुंचे हैं। लोगों का कहना है कि हाथरस कांड (Hathras Case) से वाल्मीकि समाज (Valmiki Community) आहत है। हमारे समाज को न्याय नहीं मिल रहा है। पीड़ित परिवार को ही सरकारी अमला प्रताड़ित कर रहा है। इसके विरोध में 50 परिवारों के 236 लोगों ने बौद्ध धर्म (Buddhism) अपना लिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक यह मामला गाजियाबाद के करहेड़ा इलाके का है। यहां 14 अक्टूबर को इलाके में रहने वाले वाल्मीकि समाज के 236 लोग एकजुट हुए और उन्होंने बाबा साहब अंबेडकर के पर पोते राजरत्न अंबेडकर की मौजूदगी में बौद्ध धर्म की दीक्षा ली। धर्म परिवर्तन करवाने के लिए राजरत्न अंबेडकर मुंबई से चलकर गाजियाबाद में करहैड़ा दलित बस्ती पहुंचे थे। इन परिवारों का आरोप है कि हाथरस कांड से वे काफी ज्यादा आहत हुए हैं। आरोप यह भी है कि लगातार आर्थिक तंगी से जूझने के बावजूद इनकी कहीं सुनवाई नहीं होती है।
वाल्मीकि समाज के लोगों का कहना है कि उनकी हर जगह अनदेखी होती है। बीती 14 अक्टूबर का वो वीडियो भी सामने आया है, जिसमें राजरत्न आंबेडकर बौद्ध धर्म की दीक्षा इन लोगों को दे रहे हैं। इसी दौरान इन लोगों ने बौद्ध धर्म को अपना लिया। इन सभी 50 परिवारों को भारतीय बौद्ध महासभा की तरफ से प्रमाण पत्र भी जारी किए गए हैं। हाथों में या प्रमाण पत्र लेकर इन लोगों ने फोटो खिंचवाई और यह फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। बुधवार को यह बात सामने आने के बाद गाजियाबाद के जिला प्रशासन और पुलिस में हड़कंप मच गया है।
गाजियाबाद के जिलाधिकारी डॉ.अजय शंकर पांडे के आदेश पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी करहेड़ा वाल्मीकि बस्ती पहुंचे हैं। हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपनाने वाले परिवारों से बातचीत की जा रही है। जानकारी मिली है कि इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से भी गाजियाबाद जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी गई है। गाजियाबाद के जिलाधिकारी सरकार को पूरे मामले की रिपोर्ट भेजेंगे। दूसरी ओर जानकारी यह भी मिली है कि धर्म परिवर्तन करने वाले वाल्मीकि समाज के परिवार हाथरस कांड से आहत हैं। उनका आरोप है कि इस पूरे मामले में गलत तरीके से समाज के परिवार के साथ व्यवहार किया गया है। पीड़ित परिवार को न्याय देने की बजाय उन्हें शर्मसार किया जा रहा है।