TriCity Today | प्रतीकात्मक फोटो
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को संसद में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का ऐलान कर दिया है। राम मंदिर के लिए गठित 15 सदस्यीय ट्रस्ट में एक दलित समुदाय से ट्रस्टी का होना जरूरी रखा गया है जबकि ट्रस्ट के सभी सदस्यों का हिंदू धर्मावलंबी से होना अनिवार्य बनाया गया है।
राम मंदिर ट्रस्ट के 15 सदस्यों में 9 स्थाई और 6 पदेन सदस्य होंगे। ट्रस्ट के डीड में ही 9 स्थाई सदस्यों के नाम दे दिए गए हैं, जिनमें एक दलित जातीय और आठ ब्राह्मण समुदाय के लोगों को जगह मिली है। इसीलिए ट्रस्ट के मौजूदा स्वरूप को लेकर सवाल और विवाद खड़े होने लगे हैं। क्षेत्रीय बनाम बाहरी के साथ-साथ ट्रस्ट में ओबीसी समुदाय के सदस्य बनाने की मांग राम मंदिर आंदोलन में पहले पंक्ति के रहे नेताओं ने उठाई है।
राम मंदिर के लिए अपनी सत्ता को दांव पर लगाने वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और अयोध्या आंदोलन का चेहरा रहीं उमा भारती ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में ओबीसी समुदाय के एक सदस्य को शामिल किए जाने की मांग उठा दी है। बीजेपी के ये दोनों नेता ओबीसी समुदाय से आते हैं और राम मंदिर आंदोलन में इनकी अहम भूमिका रही है।