Tricity Today | उत्तर प्रदेश सरकार के एडीशनल चीफ सेक्रेट्री अवनीश कुमार अवस्थी
करीब 3 महीनों से जो बात गाहे-बगाहे लोग चर्चाओं में करते थे, उसे उत्तर प्रदेश सरकार के एडीशनल चीफ सेक्रेट्री अवनीश कुमार अवस्थी ने दस्तावेजी रूप दे दिया है। अवनीश अवस्थी उत्तर प्रदेश सरकार में गृह विभाग के एडीशनल चीफ सेक्रेट्री हैं। राज्य में लॉकडाउन की समीक्षा करने के बाद शनिवार को उन्होंने सभी जिलों के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को एक चिट्ठी भेजी। जिसमें जिलावार हालात की समीक्षा करते हुए टिप्पणियां लिखी गई हैं।
गौतम बुद्ध नगर के सामने वाले खाने के सामने उन्होंने लॉकडाउन को असंतोषजनक बताया है और इसकी चार बड़ी वजह बताई हैं। एडीशनल चीफ सेक्रेट्री का मानना है कि गौतम बुद्ध नगर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बहुत ज्यादा मिले हैं। बड़ी संख्या में तबलीगी जमाती जिले में पकड़े गए हैं। कोरोना वायरस के एक संदिग्ध मरीज ने क्वॉरेंटाइन सेंटर से कूदकर आत्महत्या कर ली है। उन्होंने चौथा बिंदु में लिखा है, वह अपने आप में बड़ी बात है। एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने लिखा है कि जिले की पुलिस और प्रशासन में समन्वय नहीं है। यानी तालमेल की कमी है।
यह तालमेल की कमी करीब 3 महीने पहले शुरू हुई। जब उत्तर प्रदेश के 2 बड़े जिलों गौतम बुद्ध नगर और लखनऊ में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू किया गया। दोनों जिलों में पुलिस कमिश्नर की नियुक्ति सरकार ने कर दी। जिसके चलते जिलाधिकारियों के करीब 70 फ़ीसदी अधिकार खत्म करके पुलिस कमिश्नर को चले गए। यह योगी आदित्यनाथ सरकार का ऐतिहासिक और हिम्मतवाला फैसला था।
दरअसल, करीब 40 वर्षों से उत्तर प्रदेश में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने की मांग की जा रही थी। लेकिन आईएएस लॉबी के सामने किसी मुख्यमंत्री ने यह कदम उठाने का हौसला नहीं दिखाया। इसका असर भी नजर आने लगा। गौतम बुद्ध नगर के तत्कालीन जिलाधिकारी बीएन सिंह कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद असहज दिखने लगे। इस असहजता की चर्चाएं गौतम बुद्ध नगर से लेकर लखनऊ और दिल्ली तक आम बात थीं। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा में पुलिस कमिश्नर के कार्यालय का उद्घाटन करते वक्त कहा था, "अधिकारों की लड़ाई में किसी को पड़ने की आवश्यकता नहीं है। हम सभी लोग जनता के लिए काम कर रहे हैं। प्रदेश की भलाई और जनता की सुरक्षा हमारा पहला कर्तव्य होना चाहिए। किसके पास कम और किसके पास ज्यादा अधिकार हैं। यह निरर्थक है।"
इस नसीहत के बाद भी हालात पटरी पर नहीं लौटे। इसी बीच कोरोनावायरस ने दस्तक दे दी। गौतम बुद्ध नगर को कोरोनावायरस के प्रति क्रांतिक बताते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने जिले को अलर्ट और एडवाइजरी भेजी। जिस पर ढंग से काम नहीं किया गया। तालाबंदी लागू करने को लेकर भी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच अधिकारों की जंग छिड़ गई। अंततः गौतम बुद्ध नगर में एक के बाद एक कोरोनावायरस के मरीज आने लगे। बिगड़ते हालात देखकर खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ग्रेटर नोएडा पहुंचे। यहां समीक्षा बैठक में जो कुछ हुआ, वह तो देशभर में खबरों की सुर्खियां बन गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ी नाराजगी जताई। जिस पर तत्कालीन जिलाधिकारी बीएन सिंह ने बताया कि वह रोजाना 18 घंटे काम कर रहे हैं। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुरी तरह भड़क गए। उन्होंने डीएम को खामोश रहने की चेतावनी तक दे डाली। डीएम को लगती फटकार का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। अंततः डीएम ने छुट्टी मांग ली। सरकार ने छुट्टी तो नहीं दी लेकिन तत्काल उन्हें गौतम बुद्ध नगर से हटा दिया। अब जब गौतम बुद्ध नगर से बीएन सिंह का तबादला हुए 15 दिन से ज्यादा वक्त बीत चुका है तो उसके बाद एडीशनल चीफ सेक्रेट्री की समीक्षा रिपोर्ट आई है। जिसमें वह अब भी पुलिस और प्रशासन के बीच तालमेल ठीक नहीं मान रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने डीएम बीएन सिंह का तबादला करने के साथ एक और बड़ा बदलाव किया था। शासन ने गौतम बुद्ध नगर में कोरोनावायरस के संक्रमण से निपटने के लिए चलाए जा रहे अभियान की कमान सीनियर आईएएस अफसर और ग्रेटर नोएडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण को सौंप दी थी। अब बचाव राहत और रोकथाम के सारे उपाय उन्हीं के नेतृत्व में किए जा रहे हैं। अब सवाल यही पैदा होता है कि आखिर इतने बदलावों और नसीहतों के बावजूद भी अगर पुलिस और प्रशासन के बीच तालमेल नहीं बैठ पा रहा है तो इसका समाधान क्या है?
क्या वाकई आईएएस लॉबी आईपीएस अफसरों को पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम के जरिए मिली शक्तियों से परेशान है? जानकारों का तो यहां तक कहना है कि अगर उत्तर प्रदेश में लखनऊ और गौतम बुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम 6 महीने में अच्छे रिजल्ट देने में कामयाब हो गए तो उत्तर प्रदेश सरकार कम से कम 10 जिलों में यह पुलिस व्यवस्था लागू करने की योजना बना कर बैठी हुई है। एक कहावत याद आती है, " डर मौत का नहीं है, मौत ने घर देख लिया, डर इस बात का है।"