उत्तर प्रदेश : कुत्तों के व्यवहार पर शोध करने के लिए जल्दी रिसर्च सेंटर बनेगा

उत्तर प्रदेश : कुत्तों के व्यवहार पर शोध करने के लिए जल्दी रिसर्च सेंटर बनेगा

उत्तर प्रदेश : कुत्तों के व्यवहार पर शोध करने के लिए जल्दी रिसर्च सेंटर बनेगा

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) जल्द ही कुत्तों के लिए स्वान अनुसंधान केंद्र की स्थापना करेगा। इसमें कुत्तों के व्यवहार में होने वाले बदलाव, उसकी बीमारी और उपचार से लेकर उनके पोषण व ब्रीडिंग पर वैज्ञानिक शोध करेंगे।

उधर देश के जानेमाने स्वान चिकित्सक एवं आईवीआरआई में वैज्ञानिक डा. अभिजीत पावड़े ने स्वान मालिकों को सलाह दी है कि भीषण सर्दी में अपने कुत्तों को सम्भाल कर रखें। सर्दी कुत्तों की जान ले सकती है। डा.पावड़े ने बताया कि अभी तक इस संस्थान के साथ-साथ अन्य जगहों पर वरिष्ठ वैज्ञानिकों के मुताबिक देश में स्वान को छोड़कर अन्य पशुओं पर शोध के लिए 19 राष्ट्रीय शोध केंद्र हैं। जिनमें ऊंट का बीकानेर, घोड़े पर हिसार, बकरी के शोध के लिए मथुरा में राष्ट्रीय केंद्र भी शामिल हैं। 

डा.पावड़े  का कहना है कि सर्दी बढ़ने के साथ ही कुत्तों में पारवो वायरस फैलने लगता है। इस वायरस से ग्रसित होने वाले कुत्तों में चकत्ते पड़ने के साथ-साथ ही दाने पड़ने लगते हैं। इस बीमारी से ग्रसित होने के बाद कुत्तों के मुंह से खून आना शुरू हो जाता है। इसमें बचाव के लिए ढाई से छह महीने तक कुत्तों में इसकी नियमित वैक्सीन लगनी चाहिए।

उन्होने कहा कि भीषण सर्दी में वजन के हिसाब से अधिक कैलोरी का भोजन दें। सूखा मीट न दें, बिना हड्डी का मीट न दें, बेहतर हो कुत्ते को कोट स्वेटर आदि पहनाएं।

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