Tricity Today | सूचना विभाग से हटाए गए अवनीश कुमार अवस्थी, नवनीत सहगल को बुलाया गया
उत्तर प्रदेश सरकार में अपर मुख्य सचिव (गृह) के साथ-साथ सूचना विभाग में भी अपर मुख्य सचिव की जिम्मेदारी निभा रहे अवनीश कुमार अवस्थी को शासन ने सूचना विभाग से हटा दिया है। अब अवनीश कुमार अवस्थी की जगह नवनीत सहगल को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। नवनीत सहगल भी अपर मुख्य सचिव हैं। उनके पास अभी मध्यम, सूक्ष्म और लघु उद्यम विभाग, निर्यात प्रोत्साहन, खादी और ग्रामोद्योग विभाग की जिम्मेदारियां हैं। नवनीत सहगल इससे पहले बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी की सरकारों में भी सूचना विभाग के मुखिया रह चुके हैं।
अवनीश कुमार अवस्थी राज्य सरकार में अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी हैं। वह 1987 बैच के आईएएस अफसर हैं। मूल रूप से कानपुर जिले के रहने वाले हैं। लंबे अरसे तक केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर रहने के बाद वह 2017 में राज्य में योगी आदित्यनाथ सरकार बनने के बाद वापस आए थे। तब से कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी निभा रहे थे। अभी वह फिलहाल गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव हैं। कारागार प्रशासन, सतर्कता, धार्मिक मामले, सूचना विभाग के अलावा उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी मुख्य कार्यपालक अधिकारी हैं। कारागार विभाग के महानिदेशक भी हैं। अब गुरुवार को सूचना विभाग अवनीश कुमार अवस्थी से वापस ले लिया गया है।
सूचना विभाग की जिम्मेदारी नवनीत चैनल को सौंपी गई है। नवनीत सहगल 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वह भी राज्य सरकार में अपर मुख्य सचिव हैं। मूल रूप से चंडीगढ़ के निवासी हैं। जिस तरह राज्य में उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ कानून-व्यवस्था को लेकर मीडिया मुखर दिखाई दे रहा है, उसके बाद राज्य सरकार का यह फैसला महत्वपूर्ण माना जा रहा है। नवनीत सहगल को भी राज्य के तेजतर्रार अधिकारियों के रूप में जाना जाता है। उनके मीडिया कर्मियों में अच्छे ताल्लुकात माने जाते हैं।
राज्य सरकार के विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि अवनीश कुमार अवस्थी काम की अधिकता के चलते मीडिया के सामने सही ढंग से राज्य सरकार का पक्ष नहीं रख पा रहे हैं। ऐसे में यह फैसला लिया गया है। दूसरी ओर नवनीत सहगल को समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी सरकारों के दौरान सूचना विभाग में काम करने का लंबा अनुभव हासिल है। नवनीत सहगल भी अपर मुख्य सचिव स्तर के समकक्ष अधिकारी हैं। लिहाजा, राज्य सरकार ने हालात को काबू में करने के लिए उन्हें कमान सौंपी है।