Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर की परियोजना में जमीन देने वाले किसानों के लिए बड़ी खबर है। जिन 3600 किसान परिवारों को विस्थापित किया जाएगा, उन्हें टाउनशिप में बसाने का काम और तेज कर दिया गया है। शासन ने इस काम में तेजी लाने को कहा है। इन परिवारों को जेवर बांगर के पास बसाना है। इसके लिए करीब 56 हेक्टेयर जमीन की जरूरत पड़ेगी। जिला प्रशासन अभी जमीन खरीदने की प्रक्रिया में जुटा हुआ है।
जेवर एयरपोर्ट के पहले चरण के लिए 1334 हेक्टेयर की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए छह गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। इस परियोजना में करीब 3600 लोगों के मकान आ रहे हैं। इन मकानों को दूसरी जगह शिफ़्ट किया जाएगा। जिला प्रशासन इनके व्यवस्थापन एवं पुनर्वास का काम करेगा। इन परिवारों को जेवर बांगर के पास बसाया जाना है। इसके लिए करीब 56 हेक्टेयर जमीन की जरूरत पड़ेगी। जिला प्रशासन ने जमीन खरीदने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है। इन परिवारों को बसान में करीब 1500 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
जेवर एयरपोर्ट को लेकर बुधवार को शासन में बैठक हुई थी। बैठक में बताया गया कि अंतरराष्ट्रीय उड़ान शुरू होने के बाद एयरपोर्ट की विकासकर्ता स्विस कंपनी और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) के बीच समझौता हो जाएगा। इसके बाद काम शुरू होगा। काम शुरू होने से पहले परियोजना में आ रहे परिवारों को दूसरी जगह बसा दिया। इसलिए प्रभावित किसानों के परिवारों को बसाने का काम और तेजी से किया जाए। अनुबंध होने से पहले यह काम होना बहुत जरूरी है। शासन के दिशा-निर्देशों के बाद अब इस काम में तेजी आने की उम्मीद है।