गाजियाबाद के किसानों के लिए बड़ी खबर, जल्द मिलेगा मुआवजा

गाजियाबाद के किसानों के लिए बड़ी खबर, जल्द मिलेगा मुआवजा

गाजियाबाद के किसानों के लिए बड़ी खबर, जल्द मिलेगा मुआवजा

Google Image | गाजियाबाद के किसानों के लिए बड़ी खबर, जल्द मिलेगा मुआवजा

आवास एवं विकास परिषद की दिल्ली-सहारनपुर मार्ग एवं मंडौला विहार योजना से प्रभावित किसानों को जल्द ही मुआवजा दिया जाएगा। गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी डॉ. अजय शंकर पांडेय ने एडीएम एलए मदन सिंह गब्र्याल, परिषद के अधिशासी अभियंता एवं किसानों के साथ बैठक करते हुए किसानों की समस्याएं सुनने के बाद कहा कि योजना से प्रभावित 383 किसानों को करार के तहत जल्द मुआवजा दिलाया जाएगा। 

जिलाधिकारी ने किसानों की समस्या सुनने के बाद इनका जल्द निस्तारण करने के निर्देश दिए। एडीएम भूमि-अध्याप्ति मदन सिंह गब्र्याल को किसानों को जमीनों का मुआवजा देने में आने वाली समस्या का जल्द निस्तारण करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने बैठक में पाया कि इस परियोजना के लिए कुल 1058.061 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण होनी है। 

इसमें 6 गांवों की कुल 1058.061हेक्टेयर भूमि हैं। इस जमीन का अधिग्रहण करने के बाद भूमि पर कब्जा आवास एवं विकास परिषद के अधिशासी अभियन्ता निर्माण खंड-22 और भूमि का परिषद के पक्ष में राजस्व अभिलेखों में नामांतरण की कार्रवाई पूरी हो चुकी हैं। करार नियमावली-1997 के  तहत  अर्जन निकाय एवं अर्जन से प्रभावित भू-स्वामियों किसानों के बीच हुए समझौते के बाद मेरठ मंडलायुक्त द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई। किसानों को जमीन अधिगृहीत करने के लिए करार अनुबंध के तहत 1100 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा दिया गया। 

जिलाधिकारी ने बताया कि अधिगृहीत किसानों की जमीन से कुल 3827 किसान प्रभावित थे। इनमें से 90 प्रतिशत यानि कि 3444 किसानों को मुआवजा दिया जा चुका हैं। बाकी 383 किसानों द्वारा भूमि को करार अनुबंध के तहत निष्पादित करने के बाद मुआवजा देने की कार्रवाई नियमानुसार की जाएगी। आवास एवं विकास परिषद वसुंधरा और एडीएम भूमि-अध्याप्ति की ओर से किसानों से हुए करार नियमावली 1997 के तहत आपसी समझौते के आधार पर करीब 90 प्रतिशत किसानों ने अपनी जमीन 1100 रुपए प्रति वर्गमीटर की दर से मुआवजा उठा लिया हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि इस परियोजना के तहत 6 गांवों के किसानों द्वारा मुआवजे की दर बढ़ाने के लिए धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है। इसके लिए मुआवजे की दर बढ़ाने की कार्रवाई भूमि-अर्जन विभाग के स्तर पर लंबित है। जिलाधिकारी ने किसानों को आश्वासन दिया कि इस मामले का प्राथमिकता पर जल्द निस्तारण कराया जाएगा।

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